किसान भाइयों, हमारे देश में देसी गायों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है, और राठी गाय इस मामले में किसानों की पहली पसंद बन रही है। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, और उत्तर भारत में यह नस्ल अपने दूध उत्पादन, कम देखभाल, और गर्मी सहने की क्षमता के लिए मशहूर है। राठी गाय का A2 दूध स्वास्थ्यवर्धक और बाजार में 50-70 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिकता है। यह पशुपालन व्यवसाय छोटे और मध्यम किसानों के लिए कम लागत में बंपर मुनाफा देता है। अगर आप डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो यह लेख आपको राठी गाय पालन की वैज्ञानिक और सरल जानकारी देगा, ताकि आप अपने गाँव में समृद्धि ला सकें।
दूध की धारा: राठी गाय की खासियत
राठी गाय राजस्थान के बीकानेर, गंगानगर, और हनुमानगढ़ की शान है। इसका मध्यम आकार का शरीर मजबूत और संतुलित होता है। सफेद और भूरे धब्बों वाली चमकदार चमड़ी इसे आकर्षक बनाती है। यह गाय गर्म और शुष्क जलवायु में आसानी से ढल जाती है, जो भारत के रेगिस्तानी और सूखे क्षेत्रों के लिए वरदान है। राठी का स्वभाव शांत होता है, जिससे इसे पालना आसान है। यह कम चारे में अच्छा दूध देती है और रोगों के प्रति सहनशील है। इसका थन अच्छी तरह विकसित होता है, जो दूध निकालने में सुविधाजनक है।
दूध उत्पादन और गुणवत्ता
राठी गाय प्रतिदिन औसतन 8-10 लीटर दूध देती है। वैज्ञानिक देखभाल, पौष्टिक आहार, और उन्नत नस्ल से यह 12-15 लीटर तक पहुंच सकता है। इसके दूध में 4.2% फैट होता है, जो घी, दही, पनीर, और मक्खन के लिए आदर्श है। A2 दूध की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमत 50-70 रुपये प्रति लीटर है। एक ब्यांत में राठी गाय 1,500-2,000 लीटर दूध देती है, जो छोटे डेयरी व्यवसाय के लिए पर्याप्त है। गंगानगर के पशुपालक श्यामलाल कहते हैं, “राठी का दूध बाजार में तुरंत बिकता है, क्योंकि इसका स्वाद और पोषण बेजोड़ है।”
पालन की शुरुआत, सही चयन और योजना
राठी गाय पालन शुरू करने के लिए सबसे पहले स्वस्थ और उन्नत नस्ल का चयन करें। राजस्थान के पुष्कर मेला, हरियाणा के पशु मेले, ICAR के पशु अनुसंधान केंद्र, या विश्वसनीय ब्रीडर से गाय खरीदें। एक स्वस्थ राठी गाय की कीमत 50,000-70,000 रुपये होती है, जो उम्र, दूध क्षमता, और बछड़ों की संख्या पर निर्भर करती है। खरीदते समय चमकदार आंखें, मजबूत पैर, और स्वस्थ थन देखें। शुरुआत में 1-2 गायों से शुरू करें, ताकि देखभाल का अनुभव मिले। धीरे-धीरे 5-10 गायों की डेयरी बनाकर व्यवसाय को बड़ा करें।
चारा और आहार प्रबंधन
राठी गाय को संतुलित और पौष्टिक आहार देना दूध उत्पादन का आधार है। इसका मुख्य भोजन हरा चारा (बरसीम, रिजका, लूसर्न), सूखा भूसा (गेहूं, ज्वार), और दाना (मक्का, बाजरा, मूंगफली खली) है। प्रति गाय रोजाना 5-7 किलो हरा चारा, 3-4 किलो सूखा भूसा, और 2-3 किलो दाना दें। 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर और 30 ग्राम नमक दूध और वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। गर्भवती गायों को अतिरिक्त 1 किलो दाना और नीम की पत्तियां दें। जैविक खेती के लिए गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट से उगाए गए चारे का उपयोग करें। साफ और ताजा पानी दिन में 3-4 बार उपलब्ध कराएं।
स्वच्छ आशियाना, शेड और देखभाल
राठी गाय के लिए हवादार, सूखा, और स्वच्छ शेड बनाएं। शेड का फर्श कंक्रीट या बांस का हो, ताकि गोबर और मूत्र की सफाई आसान हो। प्रति गाय 40-50 वर्ग फीट जगह दें। मच्छर और मक्खियों से बचाने के लिए नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें। गर्मियों में पंखे और सर्दियों में भूसा बिछाएं। शेड को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखें। नियमित सफाई से जूँ और चिचड़ी की समस्या नहीं होती। गायों को दिन में 2-3 घंटे खुला चरने दें, ताकि वे स्वस्थ रहें।
स्वास्थ्य का कवच, टीकाकरण और रोग प्रबंधन
राठी गाय रोगों के प्रति सहनशील है, लेकिन नियमित टीकाकरण जरूरी है। खुरपका-मुंहपका (FMD) और ब्रूसेलोसिस के लिए सालाना टीके लगवाएं। हर 3 महीने में कृमिनाशक दवा (एल्बेंडाजोल, 10 मिली/100 किलो वजन) दें। थनैला रोग से बचाने के लिए थनों को दूध निकालने से पहले और बाद में पोटैशियम परमैंगनेट के घोल से साफ करें। गर्भवती गायों को ब्याने से पहले आयोडीन से थन साफ करें। जैविक उपाय के लिए नीम तेल और हल्दी का लेप उपयोग करें। स्थानीय पशु चिकित्सक से हर 6 महीने में जांच करवाएं।
राठी गाय 2.5-3 साल की उम्र में प्रजनन के लिए तैयार होती है। यह 15-18 महीने में ब्यांत देती है और प्रति ब्यांत 1 बछड़ा पैदा करती है। ब्याने से 6-8 सप्ताह पहले दूध निकालना बंद करें। नवजात बछड़ों को साफ कपड़े से पोंछें और नाभि को टिंचर आयोडीन से साफ करें। पहली खीस (कोलोस्ट्रम) 30 मिनट में पिलाएं। बछड़ों को 3-4 महीने तक मां का दूध दें, फिर हरा चारा शुरू करें। उन्नत नस्ल के लिए कृत्रिम गर्भाधान का उपयोग करें।
मुनाफे की गणना: लागत और आय
10 राठी गायों की डेयरी शुरू करने में शुरुआती लागत 6-7 लाख रुपये आती है। इसमें गाय खरीद (5-6 लाख), शेड निर्माण (50,000 रुपये), और चारा (50,000 रुपये सालाना) शामिल हैं। प्रति गाय मासिक खर्च 3,000-4,000 रुपये (चारा, देखभाल, टीकाकरण) है। एक गाय 8 लीटर दूध प्रतिदिन (50 रुपये/लीटर) देती है, तो मासिक आय 12,000 रुपये और मुनाफा 7,000-8,000 रुपये है। 10 गायों से सालाना 7-8 लाख रुपये मुनाफा संभव है। गोबर से वर्मीकम्पोस्ट (10-15 रुपये/किलो), गौमूत्र से कीटनाशक (50 रुपये/लीटर), और घी (800-1,000 रुपये/किलो) से अतिरिक्त 1-2 लाख रुपये की आय हो सकती है।
सरकारी की सब्सिडी योजनाएं
केंद्र और राज्य सरकारें देसी गाय पालन को प्रोत्साहन दे रही हैं। प्रमुख योजनाएं:
राष्ट्रीय गोकुल मिशन: देसी नस्लों की खरीद और शेड के लिए 50-75% सब्सिडी।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS): 10 गायों की डेयरी के लिए 25-33% अनुदान।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): 1.6 लाख रुपये तक ब्याजमुक्त लोन।
राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना: हाईटेक डेयरी के लिए 30% सब्सिडी।
नंदी शाला योजना: देसी गायों के लिए 75% अनुदान।
राठी गाय पालन भारत के किसानों के लिए दूध, गोबर, और मुनाफे का खजाना है। यह देसी नस्ल कम खर्च, कम देखभाल, और अधिक आय देती है। चाहे आप दूध बेचें, घी बनाएं, या जैविक खाद का व्यापार करें, यह आपकी आय दोगुनी करेगा। आज ही अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें, स्वस्थ राठी गाय खरीदें, और वैज्ञानिक पालन शुरू करें। यह आपके परिवार और गाँव की समृद्धि का आधार बनेगा।
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