1 घंटे में 1 एकड़ गेहूं की कटाई! इस जबरदस्त मशीन से मिनटों में होगा घंटों का काम!

Reaper Agriculture Machine: आज का जमाना मशीनों का है, और खेती में भी ये मशीनें किसानों के लिए वरदान बन रही हैं। रबी का सीजन चल रहा है, और इस वक्त गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है। गाँव के किसान भाइयों के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि कम खर्च और कम समय में गेहूं की कटाई कैसे की जाए। पहले मजदूरों से ये काम करवाना पड़ता था, लेकिन अब मजदूर मिलना मुश्किल हो गया है, और खर्चा भी बढ़ गया है। ऐसे में एक मशीन है जो आपकी मुश्किल आसान कर सकती है – रीपर मशीन। ये सस्ती, तेज और फायदेमंद है। चलिए, इसके बारे में आपको सब कुछ बताते हैं।

रीपर मशीन से आसान हुई कटाई

जहानाबाद के गंधार कृषि विज्ञान केंद्र के यंत्र विशेषज्ञ जितेंद्र कुमार बताते हैं कि रीपर मशीन गेहूं की कटाई के लिए बहुत कारगर है। पहले कटाई के लिए ढेर सारे मजदूर चाहिए होते थे, लेकिन अब ये मशीन मजदूरी की टेंशन खत्म कर देती है। ये फसल को काटकर एक तरफ बिछाती जाती है, यानी पाटन लगा देती है। कटाई के बाद बचे पुआल को आप बंडल बनाकर घर ले जा सकते हैं और अपने पशुओं के लिए चारे के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न सिर्फ समय बचता है, बल्कि पशुओं का चारा भी मुफ्त में तैयार हो जाता है। गाँव में कई किसान भाई इस मशीन को आजमा रहे हैं और खुश हैं।

कितना पावरफुल है इसका इंजन

रीपर मशीन में 5 हॉर्सपावर (HP) का इंजन लगा होता है, जो पेट्रोल से चलता है। ये इतना ताकतवर है कि गेहूं की कटाई आसानी से कर लेता है। खास बात ये है कि इसे चलाने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं पड़ती। आप अकेले भी इसे चला सकते हैं। ये मशीन फसल को काटने के साथ-साथ उसे साफ-सुथरे ढंग से एक तरफ बिछा देती है, जिससे बाद में पुआल इकट्ठा करना आसान हो जाता है। गर्मियों में जब चारे की कमी होती है, तो ये पुआल आपके पशुओं के लिए बड़ा सहारा बन सकता है।

पेट्रोल खपत और फसल कटाई की रफ्तार

विशेषज्ञ बताते हैं कि रीपर मशीन से एक घंटे में एक एकड़ तक गेहूं की कटाई हो सकती है। इस दौरान ये 800 से 900 मिलीलीटर पेट्रोल खर्च करती है। यानी एक लीटर से भी कम पेट्रोल में आप एक एकड़ फसल काट सकते हैं। मजदूरों से कटाई करवाने में जितना खर्चा और वक्त लगता है, उसकी तुलना में ये मशीन बहुत सस्ती और तेज है। गाँव में जिनके पास छोटे-मोटे खेत हैं, उनके लिए तो ये और भी फायदेमंद है, क्योंकि इसे चलाना आसान है और रखरखाव का झंझट भी कम है।

कीमत और सरकार से सब्सिडी

रीपर मशीन की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये है, लेकिन अच्छी खबर ये है कि सरकार इस पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है। यानी आपको सिर्फ 75,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे, और बाकी आधा पैसा सरकार देगी। अगर आप इसे खरीदना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। वहाँ से आपको सब्सिडी की पूरी जानकारी और आवेदन का तरीका मिल जाएगा। इतने कम खर्च में ऐसी मशीन मिलना गाँव के किसानों के लिए बड़ी राहत की बात है।

खेत में इस्तेमाल का आसान तरीका

रीपर मशीन को इस्तेमाल करने के लिए खेत को पहले हल्का तैयार कर लीजिए। फसल पकने के बाद जब कटाई का वक्त आए, तो मशीन को खेत में ले जाइए और चालू कर दीजिए। ये फसल को काटकर एक तरफ बिछाती चली जाएगी। कटाई के बाद पुआल को बाँधकर घर ले जा सकते हैं। इसे चलाने के लिए ज्यादा ट्रेनिंग की जरूरत नहीं, बस थोड़ी सावधानी बरतिए। पेट्रोल डालने से पहले इंजन चेक कर लें, ताकि काम में रुकावट न आए। गाँव में कई किसान इसे आसानी से चला रहे हैं।

फायदा ही फायदा

रीपर मशीन से न सिर्फ कटाई का खर्चा और वक्त बचता है, बल्कि मुनाफा भी बढ़ता है। मजदूरों की कमी की टेंशन खत्म होती है, और पुआल से चारा बनाकर पशुपालन का खर्चा भी कम हो जाता है। मंडी में गेहूं बेचकर जो कमाई होगी, वो आपकी जेब में साफ-साफ आएगी। तो भाइयों, अगर आप गेहूं की कटाई को आसान और सस्ता बनाना चाहते हैं, तो रीपर मशीन जरूर आजमाइए। सब्सिडी का फायदा उठाइए और अपनी मेहनत को दोगुना फल दीजिए।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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