Red Radish Farming: खेती में कुछ नया और फायदेमंद करने का मन है? तो लाल मूली की खेती आपके लिए कमाल की हो सकती है। ये चमकदार लाल रंग वाली मूली न सिर्फ खेत में आसानी से उगती है, बल्कि बाजार में भी अच्छा दाम दिलाती है। आजकल लोग सेहत के प्रति जागरूक हो रहे हैं, और लाल मूली की डिमांड गांव से लेकर शहरों तक बढ़ रही है। आइए, इस खेती की पूरी बात जानते हैं, जैसे अपने खेत में लगाने वाले भाई को सलाह दे रहे हों।
लाल मूली की खासियत
लाल मूली देखने में जितनी सुंदर है, उतनी ही सेहत के लिए फायदेमंद। इसका रंग चटक लाल होता है, जो इसे आम सफेद मूली से अलग बनाता है। इसका स्वाद हल्का तीखा और रसीला होता है, जो सलाद, अचार या सब्जी में कमाल का लगता है। इसमें विटामिन-C, फाइबर, पोटैशियम और ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये इम्यूनिटी बढ़ाने, पेट को दुरुस्त रखने और दिल की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करती है। हमारे गांवों में लोग इसे खूब चाव से खा रहे हैं, और शहरों में हेल्थ कॉन्शियस लोग इसे सलाद में डालकर मजा ले रहे हैं।
खेती के लिए सही मिट्टी और मौसम
लाल मूली की खेती के लिए ठंडा या हल्का गर्म मौसम सबसे अच्छा है। सितंबर से फरवरी तक का समय इसके लिए बेस्ट होता है। मिट्टी दोमट या बलुई होनी चाहिए, जिसमें पानी जमा न हो। मिट्टी का pH 6 से 7 के बीच होना चाहिए। खेत तैयार करते वक्त अच्छी तरह जोताई करें और गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें। इससे मिट्टी में ताकत आती है और पौधे जल्दी बढ़ते हैं। अगर मिट्टी ज्यादा सख्त है, तो उसमें जैविक खाद मिलाकर हल्की करें।
बुवाई और देखभाल का तरीका
लाल मूली की बुवाई आसान है। अच्छी क्वालिटी के बीज लें और उन्हें 5-6 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारों में बोएं। बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी नम रहे। अगर नर्सरी से पौधे ले रहे हैं, तो उन्हें 15-20 दिन बाद खेत में लगाएं। पौधों के बीच थोड़ी दूरी रखें, ताकि वो अच्छे से बढ़ सकें। बुवाई के एक महीने बाद वर्मीकम्पोस्ट डालें, इससे मूली का आकार और स्वाद बेहतर होगा। खेत में खरपतवार न आने दें। खुरपी से समय-समय पर निराई करें। कीड़ों से बचाने के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक छिड़कें।
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फसल की कटाई और पैदावार
लाल मूली की सबसे बड़ी खासियत है कि ये 50-60 दिन में तैयार हो जाती है। जब पत्तियां हल्की पीली होने लगें, तो एक मूली निकालकर चेक करें। अगर उसका आकार अच्छा है, तो फसल की खुदाई शुरू कर दें। एक एकड़ खेत से 50-55 क्विंटल मूली आसानी से मिल सकती है। कटाई के बाद मूली को अच्छे से धोकर बाजार में भेजें, ताकि उसका लाल रंग और ताजगी ग्राहकों को लुभाए। ताजा और चमकदार मूली बाजार में जल्दी बिकती है।
बाजार में मांग और मुनाफा
लाल मूली की बाजार में डिमांड तेजी से बढ़ रही है। शहरों के होटल, रेस्तरां, और ऑर्गेनिक स्टोर्स में ये खूब बिक रही है। इसकी कीमत 30-60 रुपये प्रति किलो तक मिल जाती है, और ऑर्गेनिक मार्केट में ये और ज्यादा दाम पर बिकती है। विदेशों में भी लाल मूली की अच्छी खपत है, खासकर यूरोप और अमेरिका में। एक एकड़ से 50-70 हजार रुपये तक की कमाई हो सकती है, बशर्ते आप सही मार्केटिंग करें। स्थानीय मंडियों के अलावा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और ऑर्गेनिक स्टोर्स से भी संपर्क करें, ताकि ज्यादा दाम मिले।
खेती में ध्यान देने वाली बातें
लाल मूली की खेती में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पहला, खेत को अच्छे से तैयार करें और जैविक खाद का इस्तेमाल करें। दूसरा, पानी का सही इंतजाम करें, क्योंकि ज्यादा गीलापन जड़ों को खराब कर सकता है। ड्रिप इरिगेशन हो तो और अच्छा। तीसरा, कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए नीम तेल या जैविक दवाइयों का छिड़काव करें। आखिरी बात, फसल को समय पर काटें, ताकि मूली नरम और स्वादिष्ट रहे। सही देखभाल से पैदावार और क्वालिटी दोनों बढ़ती है।
क्यों चुनें लाल मूली की खेती?
लाल मूली की खेती कम लागत और कम मेहनत में अच्छा मुनाफा देती है। ये फसल जल्दी तैयार होती है, बाजार में अच्छी कीमत मिलती है, और इसे उगाना भी आसान है। साथ ही, ये सेहत के लिए इतनी फायदेमंद है कि ग्राहक इसे खरीदने में झिझकते नहीं। अगर आप अपने खेत में कुछ नया और फायदेमंद करना चाहते हैं, तो लाल मूली की खेती जरूर आजमाएं। ये न सिर्फ आपकी जेब भरेगी, बल्कि गांव में आपकी इज्जत भी बढ़ाएगी।
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