Red Sindhi Cattle : किसान भाइयों, गाँव में पशुपालन का नाम आते ही गाय की बात सबसे पहले होती है, और अगर बात लाल सिंधी गाय की हो, तो ये दूध और ताकत का बढ़िया मेल है। लाल सिंधी गाय अपनी मजबूती और अच्छे दूध के लिए जानी जाती है। गाँव में इसे पालना आसान है, क्यूँकि ये हमारे मौसम और खान-पान में ढल जाती है। ये न सिर्फ घर के लिए दूध देती है, बल्कि बेचकर अच्छी कमाई भी कराती है। आइए, समझें कि लाल सिंधी गाय पालन कैसे करें और फायदा कैसे उठाएँ।
जगह और बाड़े का देसी इंतजाम
लाल सिंधी गाय को पालने (Red Sindhi Cattle)के लिए पहले जगह का जुगाड़ करना पड़ता है। गाँव में घर के पास या खेत के किनारे छोटा सा बाड़ा बना लें। बाँस या मिट्टी की दीवार से चारों तरफ घेर दें, ताकि गाय आराम से रह सके। ऊपर छप्पर डाल दें, जो बारिश और धूप से बचाए। बाड़े में हवा आने की जगह रखें, क्यूँकि लाल सिंधी गाय को ताजी हवा पसंद है। गाँव में नीम या पीपल का पेड़ पास हो, तो छाँव का फायदा मिलेगा। नीचे भूसा या सूखी घास बिछा दें, ताकि गाय को बैठने में सुविधा हो। ऐसा करने से गाय खुश रहेगी।
लाल सिंधी गाय कहाँ से लें
शुरुआत के लिए एक या दो लाल सिंधी गाय लें। गाँव में पशु मेला या नजदीकी डेयरी से इसे खरीद सकते हैं। खरीदते वक्त देख लें कि गाय तंदुरुस्त हो, उसकी आँखें चमकदार हों और दूध देने की उम्र में हो। लाल सिंधी गाय की पहचान है उसका लाल-भूरा रंग और मजबूत शरीर। अगर बछिया ले रहे हैं, तो 2-3 साल की हो, जो जल्दी दूध देना शुरू करे। गाँव में बड़े लोग कहते हैं कि पशु का चेहरा देखो, उसकी सेहत पता चल जाती है। एक गाय की कीमत 30-50 हज़ार रुपये तक हो सकती है।
खाना और देखभाल का नुस्खा
लाल सिंधी गाय को खिलाने के लिए गाँव का चारा ही काफी है। हरा चारा जैसे बरसीम, ज्वार या मक्के की पत्तियाँ दें। सूखा भूसा और चोकर भी मिलाकर खिलाएँ। दिन में दो बार खाना दें, सुबह और शाम। गाँव में बचे हुए अनाज या सब्जियों के छिलके भी इसके लिए ठीक हैं। पानी साफ और ताज़ा रखें, दिन में 3-4 बार पिलाएँ। गाय को बीमारी से बचाने के लिए नीम की पत्तियों का पानी बाड़े में छिड़कें। हर हफ्ते बाड़े की सफाई करें और गाय को नहलाएँ। ऐसा करने से गाय तंदुरुस्त रहेगी और दूध भी खूब देगी।
दूध और कमाई का हिसाब
लाल सिंधी गाय एक दिन में 8-12 लीटर दूध दे सकती है। अगर गाँव में दूध 40-50 रुपये लीटर बिकता है, तो एक गाय से रोज़ 400-500 रुपये की कमाई हो सकती है। महीने में 12-15 हज़ार रुपये आसानी से जेब में आ सकते हैं। गोबर को खाद बनाकर खेत में डालें, इससे फसल की पैदावार बढ़ेगी। बछड़े को बड़ा करके बेच सकते हैं, जो 20-30 हज़ार रुपये तक ला सकता है। गाँव में दूध से घी और दही बनाकर बेचने का भी चलन है, जो अतिरिक्त फायदा देता है। मेहनत करें, तो ये गाय आपकी जेब नहीं खाली छोड़ेगी।
गाँव के लिए खास फायदा
लाल सिंधी गाय गाँवों के लिए इसलिए खास है, क्यूँकि ये गर्मी और नमी दोनों में ढल जाती है। धान के खेतों का भूसा और हरा चारा इसे पसंद आता है। इसका गोबर खेत को ताकत देता है, जिससे कीटनाशकों का खर्चा बचता है। गाँव की बहनें इसके दूध से बच्चों के लिए पौष्टिक खाना बनाती हैं। ये गाय ज्यादा बीमार नहीं पड़ती, तो दवा का खर्चा भी कम लगता है। तो भाइयों, लाल सिंधी गाय को अपने बाड़े में लाएँ, दूध और कमाई दोनों हाथ में होंगे।
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