किसान भाई करें लाल गन्ने की खेती, होगी इतनी कमाई की बाकि खेती भूल जायेगे

Red Sugarcane Farming: किसान भाइयों, गन्ने की खेती तो हर कोई जानता है, लेकिन लाल गन्ना कुछ खास है। इसका रंग लाल-भूरा, स्वाद में अलग मिठास और सेहत के लिए ढेर सारे फायदे। ये आम गन्ने से थोड़ा अलग होता है और बाजार में अच्छा दाम लाता है। लाल गन्ने की खेती वैसे ही होती है जैसे आम गन्ना, बस थोड़ी ज्यादा देखभाल चाहिए। आइए, गाँव की अपनी सीधी-सादी भाषा में समझें कि लाल गन्ने की खेती कैसे करें और फायदा कैसे कमाएँ।

खेत को हरा-भरा करने का पुराना तरीका

लाल गन्ने की खेती के लिए दोमट, काली या हल्की बलुई मिट्टी बढ़िया रहती है। ऐसी जमीन चुनें जहाँ पानी का निकास ठीक हो, वरना जलभराव से जड़ें सड़ सकती हैं। खेत को पहले गहरी जुताई करें हल को 10-12 इंच तक ले जाएँ। फिर 2-3 बार बखर चलाएँ ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। गोबर की सड़ी खाद डालें एक बीघे में 8-10 गट्ठर या 20-25 क्विंटल काफी है। नीम की सूखी पत्तियाँ या नीमखली मिट्टी में मिला दें, ये कीटों और फफूंद से बचाती है। खेत को समतल करें और बुआई से पहले हल्की सिंचाई करें। ऐसा करने से मिट्टी में नमी आती है और लाल गन्ने की जड़ें मजबूत पकड़ बनाती हैं।

गन्ने को जमाने विधि

लाल गन्ने की बुआई के लिए सही बीज चुनना जरूरी है। नर्सरी या कृषि केंद्र से लाल गन्ने की उन्नत किस्में जैसे CO-98014, COJ-64 या COS-767 लें। बीज 9-10 महीने पुराना, मोटा, चमकदार और रोगमुक्त हो। गन्ने के ऊपरी हिस्से को काटकर 2-3 आँखों (गाँठों) वाले टुकड़े तैयार करें। बुआई का सही समय फरवरी-मार्च या अक्टूबर-नवंबर है। खेत में 75-90 सेमी की दूरी पर नालियाँ बनाएँ। इनमें गन्ने के टुकड़े 45 डिग्री के कोण पर रोपें और ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर दबाएँ। प्रति बीघा 10-12 क्विंटल बीज लगेगा। ऐसा करने से 10-15 दिन में अंकुर निकल आते हैं और पौधा तेजी से बढ़ता है।

पौधे को तंदुरुस्त रखने का देसी नुस्खा

लाल गन्ने को शुरू में हर 10-15 दिन में पानी दें ताकि मिट्टी नम रहे। गर्मी बढ़ने पर हफ्ते में एक बार सिंचाई करें, लेकिन जलभराव से बचें।  गोबर का घोल हर 20 दिन में डालें एक बीघे में 10-15 लीटर काफी है। बुआई के 30-40 दिन बाद यूरिया (50 किलो प्रति बीघा) और पोटाश (20 किलो प्रति बीघा) छिड़कें। नीम का पानी या नीम तेल का घोल (2-3 लीटर प्रति बीघा) हर महीने छिड़कें, ये लाल सड़न और दीमक से बचाता है। खरपतवार को 30 और 60 दिन बाद हाथ से हटाएँ। ऐसा करने से लाल गन्ना लंबा, मोटा और रसीला बढ़ता है।

कटाई का समय

लाल गन्ना 10-12 महीने में पककर तैयार हो जाता है। जब तना मोटा हो, रस से भर जाए और पत्तियाँ हल्की सूखने लगें, तो हँसिया से जड़ के पास से काट लें। एक बीघे से 80-100 क्विंटल गन्ना निकल सकता है। बाजार में लाल गन्ना 20-30 रुपये प्रति किलो बिकता है, क्योंकि ये खास और सेहतमंद है। यानी एक बीघे से 40-60 हज़ार रुपये की कमाई हो सकती है। लागत 10-15 हज़ार रुपये पड़ती है बीज, खाद और मेहनत मिलाकर। मुनाफा तीन-चार गुना रहता है। गाँव में इसका रस बेचें (50-60 रुपये लीटर) या चीनी मिल को दें। बचा हुआ छिलका और पत्तियाँ पशुओं के लिए बढ़िया चारा बन जाती हैं।

लाल गन्ने का खास जलवा

लाल गन्ना इसलिए खास है, क्योंकि ये कम पानी में भी उग जाता है और सूखे को झेल लेता है। इसका रस गर्मी में ठंडक देता है, पेट को राहत देता है और खून बढ़ाने में मदद करता है। गाँव की बहनें इसे चबाती हैं, बच्चे मज़े लेते हैं और बूढ़े इसे सेहत का दोस्त मानते हैं। बाजार में इसकी माँग बढ़ रही है, खासकर जूस और गुड़ के लिए। आम गन्ने से अलग इसका लाल रंग और स्वाद ग्राहकों को लुभाता है। गाँव में छोटे किसानों के लिए ये फसल किसी खजाने से कम नहीं।

किसानों के लिए सलाह

किसान भाइयों, लाल गन्ने की खेती शुरू करें। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से CO-98014 या COJ-64 जैसे बीज लें। फरवरी-मार्च या अक्टूबर-नवंबर में बुआई करें। गोबर, नीम और थोड़ी मेहनत से इसे हरा-भरा रखें। ये फसल न सिर्फ आपकी जेब भरेगी, बल्कि घर में सेहत और पशुओं के लिए चारा भी देगी। अभी से तैयारी करें ताकि अगले सीजन में खेत लाल गन्ने से लहलहाए और मुनाफा आपके हाथ में आए।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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