Rice ADT 56 धान की नई किस्म: कम लागत में ज्यादा मुनाफा, किसानों की पहली पसंद

Rice ADT 56 Variety: धान की खेती हमारे देश का आधार है। हमारे किसान भाई मेहनत से खेतों में धान उगाते हैं ताकि हर घर में चावल की थाली सजे। लेकिन अच्छी फसल के लिए सही किस्म का चयन बहुत जरूरी है। आज हम बात करेंगे धान की एक नई और शानदार किस्म ADT 56 की, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। ये किस्म न सिर्फ ज्यादा पैदावार देती है, बल्कि बीमारियों से भी अच्छा मुकाबला करती है। आइए, जानते हैं कि ये किस्म क्या खासियत रखती है और इसे कैसे उगाकर आप अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं।

Rice ADT 56 की खासियत

Rice ADT 56 एक कम अवधि की किस्म है, जो सिर्फ 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। ये कर, कुरुवाई, सोर्नावारी और नवराई मौसम में बोने के लिए सबसे अच्छी है। इसकी औसत पैदावार 6248 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जो पुरानी किस्म सीओ 51 से 10% ज्यादा है। इसके दाने मध्यम पतले हैं, जो बाजार में पसंद किए जाते हैं। चावल की निकासी 69.5% और हेड राइस रिकवरी 64.2% है, यानी ज्यादा और अच्छी गुणवत्ता वाला चावल मिलता है।

इसमें मध्यम एमाइलोज और नरम जेल स्थिरता होती है, जिससे खाना पकाने में चावल नरम और स्वादिष्ट बनता है। ये किस्म ब्लास्ट, बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट और शीथ ब्लाइट रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। साथ ही, ये पत्ती मोड़क और गॉल मिज कीट से पूरी तरह सुरक्षित है और भूरे पौधा कीट व हरे पौधा कीट के प्रति भी मध्यम प्रतिरोधी है।

कब और कहाँ करें खेती

Rice ADT 56 किस्म को आप साल के अलग-अलग मौसमों में उगा सकते हैं। ये कर, कुरुवाई, सोर्नावारी, और नवराई जैसे सीजन के लिए बिल्कुल सही है। चाहे आप तमिलनाडु में खेती करें या उत्तर प्रदेश के गाँवों में, ये किस्म हर जगह अच्छा प्रदर्शन करती है। खासकर उन इलाकों में, जहाँ पानी की अच्छी व्यवस्था हो, ये किस्म कमाल कर सकती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी को अच्छे से तैयार करें और समय पर बुवाई करें। अगर आप कुरुवाई सीजन (जून-जुलाई) में बुवाई करते हैं, तो सितंबर-अक्टूबर तक फसल तैयार हो जाएगी।

बीमारियों से सुरक्षा

खेती में सबसे बड़ी चुनौती होती है फसल को बीमारियों और कीटों से बचाना। Rice ADT 56 इस मामले में भी किसानों का साथी है। ये किस्म ब्लास्ट, बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट, और शीथ ब्लाइट जैसी बीमारियों के खिलाफ मध्यम प्रतिरोधी है। यानी इन बीमारियों का असर इस पर कम होता है। इसके अलावा, ये लीफ फोल्डर और गॉल मिज जैसे कीटों के खिलाफ पूरी तरह प्रतिरोधी है। साथ ही, ब्राउन प्लांट हॉपर और ग्रीन लीफ हॉपर जैसे कीटों के लिए भी ये मध्यम प्रतिरोधी है। इसका मतलब है कि आपको कीटनाशकों पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा, और फसल सुरक्षित रहेगी।

चावल की गुणवत्ता

Rice ADT 56 से मिलने वाला चावल न सिर्फ दिखने में अच्छा होता है, बल्कि खाने में भी स्वादिष्ट होता है। इसके दानों में एमाइलोज की मात्रा मध्यम होती है, जिससे चावल नरम और चिपचिपा बनता है। इसका जेल कंसिस्टेंसी भी नरम है, जो इसे खाने में और बेहतर बनाता है। चाहे आप इसे घर में खाएँ या बाजार में बेचें, ये चावल ग्राहकों को खूब पसंद आता है। खासकर दक्षिण भारत में, जहाँ मध्यम पतले दाने वाले चावल की माँग ज्यादा है, ये किस्म अच्छा दाम दिला सकती है।

खेती के लिए टिप्स

Rice ADT 56 की खेती के लिए खेत को अच्छे से तैयार करना जरूरी है। खेत को 3-4 बार जुताई करके भुरभुरा बनाएं। 5-6 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद डालें, ताकि मिट्टी की उर्वरता बढ़े। रोपाई के लिए 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर प्रमाणित बीज चाहिए। नर्सरी में 25-30 दिन पुरानी पौध तैयार करें और फिर खेत में 20×15 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपाई करें। बुवाई का सही समय मई-जुलाई (कर, कुरुवाई) या दिसंबर-जनवरी (नवराई) है।

खेत में पानी का स्तर 5-7 सेंटीमीटर रखें, लेकिन ज्यादा पानी से बचें। नाइट्रोजन (150 किलोग्राम), फास्फोरस (50 किलोग्राम) और पोटाश (50 किलोग्राम) प्रति हेक्टेयर डालें। खरपतवार रोकने के लिए बुवाई के 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें। अगर जरूरत हो, तो प्री-इमर्जेंस हर्बिसाइड जैसे ब्यूटाक्लोर का छिड़काव करें।

क्यों चुनें Rice ADT 56 किस्म?

ADT 56 धान की किस्म छोटे और बड़े, दोनों तरह के किसानों के लिए फायदेमंद है। इसकी कम अवधि, ज्यादा पैदावार, और बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता इसे खास बनाती है। साथ ही, इसके चावल की अच्छी गुणवत्ता बाजार में अच्छा दाम दिलाती है। अगर आप अपने खेत में कुछ नया आजमाना चाहते हैं, तो ADT 56 आपके लिए सही विकल्प है। ये किस्म न सिर्फ आपकी मेहनत को सार्थक करेगी, बल्कि आपकी कमाई को भी बढ़ाएगी।

हमारे किसान भाई हमेशा नई तकनीकों और किस्मों को अपनाकर खेती को बेहतर बनाते हैं। Rice ADT 56 जैसी उन्नत किस्में उनकी मेहनत को और फलदायी बनाती हैं। अगर आप अपने गाँव में धान की खेती करते हैं, तो इस किस्म को एक बार जरूर आजमाएँ। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या बीज विक्रेता से इसके बीज के बारे में जानकारी लें और खेती शुरू करें। जब आपकी फसल लहलहाएगी और बाजार में अच्छा दाम मिलेगा, तो आपकी मेहनत का फल देखकर दिल खुश हो जाएगा।

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  • Shashikant

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