कुपोषण को हराने वाला चावल! जानिए वो खास किस्में जो खेत में उगेंगी और सेहत बनाएंगी

हमारे देश में चावल हर घर की थाली का सबसे बड़ा हिस्सा है। दो-तिहाई लोग इसे हर दिन खाते हैं, और औसतन एक आदमी रोज 220 ग्राम चावल खा लेता है। लेकिन साधारण चावल में कई जरूरी तत्व कम हो जाते हैं। जब चावल को पॉलिश करते हैं, तो उसमें आयरन, जिंक और विटामिन जैसे पोषक तत्व चले जाते हैं। इससे बच्चों और बड़ों में कमजोरी बढ़ रही है, जिसे लोग ‘छिपी भूख’ कहते हैं। गाँवों में, जहाँ खाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं मिलता, ये परेशानी और बड़ी है। बायोफोर्टिफाइड चावल इस मुश्किल का एक बड़ा हल बन रहा है। आइए, जानते हैं कि ये खास चावल क्या है और हमारे किसान भाइयों के लिए ये कैसे फायदेमंद है।

चावल में पोषण की कमी की हकीकत

हमारे देश में दो-तिहाई लोग चावल पर निर्भर हैं। औसतन हर आदमी रोज 220 ग्राम चावल खाता है। लेकिन 100 ग्राम चावल में सिर्फ 6.8 ग्राम प्रोटीन, 0.5 ग्राम वसा, 78.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 345 किलो कैलोरी ऊर्जा होती है। पॉलिश करने से इसमें आयरन, जिंक और विटामिन जैसे तत्व कम हो जाते हैं। पहले के चावल में जिंक 27.1 मिलीग्राम और आयरन 59.8 मिलीग्राम प्रति किलो था, जो अब घटकर 20.6 मिलीग्राम और 43.1 मिलीग्राम हो गया है। गेहूँ में भी यही हाल है। आयरन खून में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए जरूरी है, लेकिन चावल में प्रोटीन की मात्रा गेहूँ, जौ या बाजरे से कम (7-8%) है। इससे खासकर बच्चों में ताकत की कमी हो रही है।

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कुपोषण की बड़ी चुनौती

हमारे देश में कुपोषण की समस्या बहुत गंभीर है। एक बड़े सर्वे (NFHS-5, 2019-21) के मुताबिक, छोटे बच्चों और औरतों में पोषक तत्वों की कमी से कमजोरी बढ़ रही है। हर 1000 बच्चों में 24.9 नवजात मर जाते हैं, और 35.2 शिशु मृत्यु हो जाती है। पाँच साल से छोटे बच्चों में 35.5% अपनी उम्र के हिसाब से छोटे हैं, 19.3% कमजोर हैं, और 7.7% बहुत ज्यादा कमजोर हैं। 32.1% बच्चों का वजन कम है, और 67.1% बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं। औरतों में भी 57% को एनीमिया है। इसके अलावा, 24% औरतें और 22.9% मर्द मोटापे से परेशान हैं। ये आँकड़े बताते हैं कि गाँवों में कुपोषण को जल्दी खत्म करना जरूरी है।

बायोफोर्टिफाइड चावल का कमाल

बायोफोर्टिफाइड चावल एक खास चावल है, जिसमें वैज्ञानिकों ने प्रोटीन, जिंक, आयरन और विटामिन जैसे तत्व बढ़ाए हैं। ये चावल वैसे ही उगाया जाता है जैसे साधारण चावल, लेकिन इसमें खास तकनीकों से पोषण भरा जाता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने 2015-16 से ऐसी कई किस्में बनाई हैं, जिनमें जिंक 24 पीपीएम से ज्यादा और प्रोटीन 10% से ज्यादा है। केंद्रीय कृषि मंत्री जी कहते हैं कि सिर्फ उपज बढ़ाना ही काफी नहीं, बल्कि पोषक तत्वों से भरी फसल उगाना भी जरूरी है। ये चावल गाँवों में सेहत सुधारने और किसानों की कमाई बढ़ाने का बड़ा रास्ता है।

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बायोफोर्टिफाइड प्रमुख जिंक युक्त धान किस्में:

छत्तीसगढ़ जिंक राइस-1

छत्तीसगढ़ जिंक राइस-1 एक शानदार किस्म है, जिसमें पॉलिश किए चावल में 24 पीपीएम से ज्यादा जिंक होता है। ये बरसात के मौसम में अच्छी तरह उगती है और अच्छी उपज देती है। गाँवों में, जहाँ बच्चों और औरतों में जिंक की कमी आम है, ये चावल सेहत सुधारने में बड़ा काम करता है। किसान भाई इसे उगाकर अपने परिवार को ताकतवर खाना दे सकते हैं।

छत्तीसगढ़ जिंक राइस-2

छत्तीसगढ़ जिंक राइस-2 भी जिंक से भरपूर है और बरसात में उगाने के लिए बढ़िया है। इसकी उपज अच्छी होती है और ये बच्चों की कमजोरी दूर करने में मदद करता है। गाँवों में इसे उगाना आसान है, क्योंकि ये साधारण चावल की तरह ही बोया जाता है।

डीआरआर धन-45

डीआरआर धन-45 एक जिंक युक्त किस्म है, जिसमें 24 पीपीएम से ज्यादा जिंक होता है। ये बरसात में अच्छी उपज देती है और गाँव वालों की सेहत के लिए फायदेमंद है। किसान इसे उगाकर बाजार में अच्छे दाम पा सकते हैं।

डीआरआर धन-48, 49, 63

डीआरआर धन-48, 49 और 63 भी जिंक से भरपूर हैं। ये किस्में बरसात में आसानी से उगती हैं और अच्छी फसल देती हैं। इनका चावल बच्चों और औरतों में खून की कमी दूर करने में मदद करता है।

सुरभि

सुरभि एक और जिंक युक्त किस्म है, जो पोषण और उपज दोनों में बढ़िया है। ये गाँवों के लिए खास है, क्योंकि इसे उगाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती और ये सेहत के लिए अच्छा है।

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जिन्को राइस एमएस

जिन्को राइस एमएस भी जिंक से भरपूर है और बरसात में अच्छी उपज देती है। ये किस्म गाँवों के किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि ये कम खर्च में अच्छी कमाई देती है।

सीआर धन-315

सीआर धन-315 एक जिंक युक्त किस्म है, जो बरसात में उगाने के लिए बढ़िया है। इसकी उपज अच्छी होती है और ये बच्चों की ताकत बढ़ाने में मदद करता है।

बायोफोर्टिफाइड प्रमुख प्रोटीन युक्त किस्में:

सीआर धन-310

सीआर धन-310 भारत की पहली उच्च प्रोटीन चावल किस्म है, जिसमें 10% से ज्यादा प्रोटीन है। ये गाँवों में कुपोषण दूर करने के लिए बढ़िया है। इसकी उपज भी अच्छी है और बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं।

सीआर धन-411 (स्वर्णांजलि)

सीआर धन-411, जिसे ओडिशा में ‘सुपर स्वर्ण’ कहते हैं, में 10% से ज्यादा प्रोटीन और 20 पीपीएम जिंक है। ये किस्म सेहत और कमाई दोनों के लिए बढ़िया है।

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सीआर धन-311 (मुकुल)

सीआर धन-311, जिसे मुकुल भी कहते हैं, में 10.1% प्रोटीन और 20 पीपीएम जिंक है। ये गाँवों में बच्चों और औरतों की सेहत सुधारने में बड़ा काम करता है।

सीआर धन-324 (अभया पौष्टिक)

सीआर धन-324, जिसे अभया पौष्टिक कहते हैं, 2023 में बनी है। इसमें 11% प्रोटीन और 23 पीपीएम जिंक है। ये बच्चों की ताकत और औरतों में खून की कमी दूर करने के लिए बढ़िया है।

किसानों के लिए सुनहरा मौका

बायोफोर्टिफाइड चावल की खेती गाँवों में सेहत और कमाई का नया रास्ता है। इसे उगाने में कोई खास मेहनत नहीं लगती और ये बरसात में अच्छी उपज देता है। बाजार में ऐसे चावल की माँग बढ़ रही है, क्योंकि लोग सेहतमंद खाना चाहते हैं। ये चावल मिट्टी को भी ताकत देता है, जिससे अगली फसल भी अच्छी होती है। गाँवों में, जहाँ कुपोषण बड़ी समस्या है, ये चावल बच्चों को ताकत, औरतों को खून की कमी से राहत और हर परिवार को बेहतर खाना दे सकता है। तो इस बरसात, बायोफोर्टिफाइड चावल उगाएँ और अपने खेत को सेहत और मुनाफे का खजाना बनाएँ।

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  • Shashikant

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