धान की रोपाई के लिए आ गई है शानदार मशीन, गाँव में किसान भाई कैसे खरीदें

Rice Transplanter : गाँव में जैसे ही धान की रोपाई का समय आता है, वैसे ही मजदूरों की कमी और बढ़ती मजदूरी की चिंता किसानों को सताने लगती है। लेकिन अब इस चिंता का समाधान आ चुका है धान रोपाई की मशीन। यह मशीन खेतों में तेज़ी से और समान रूप से धान की बुवाई करती है, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है। मजदूरी का खर्च भी घटता है और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। इसे देखकर गाँव के कई किसान भाई सोच रहे हैं कि ये मशीन कैसे खरीदें और कितना खर्च आएगा। बाज़ार में यह मशीनें अलग-अलग मॉडल और कीमतों में उपलब्ध हैं, और अच्छी बात यह है कि सरकार भी इस पर सब्सिडी दे रही है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि धान रोपाई मशीन कैसे लें और इसका अधिकतम फायदा कैसे उठाएँ।

मशीन क्या है और कैसे काम करती है

धान रोपाई की मशीन (Rice Transplanter) को पैडी ट्रांसप्लांटर कहते हैं।इसके लिए किसान भाइयो को सबसे पहले धान की नर्सरी लगनी होगी,उसके बाद, ये नर्सरी से धान के पौधे उठाकर खेत में कतारों में रोपती है। गाँव में इसे चलाने के लिए बस 2-3 लोग चाहिए एक मशीन चलाएगा, बाकी पौधे ट्रे में रखेंगे। एक दिन में 8-10 एकड़ की रोपाई कर देती है, जो मजदूरों से महीने भर का काम है। मशीन डीजल या पेट्रोल से चलती है, और एक एकड़ में 2-3 लीटर ईंधन खर्च करती है। पौधों को सही दूरी पर लगाती है, जिससे खरपतवार हटाना और फसल काटना आसान हो जाता है। ये मेहनत और समय दोनों बचाती है।

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खरीदने का आसान तरीका

ये मशीन गाँव में आसानी से मिल सकती है। सबसे पहले अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या जिला कृषि कार्यालय में जाकर पूछताछ करें। वहाँ मशीन की कीमत और डीलर की जानकारी मिलेगी। दूसरा रास्ता है ऑनलाइन—कई वेबसाइट्स पर ये बिकती है। गाँव में इंटरनेट न हो तो शहर के किसी भाई-बंधु से कहकर ऑर्डर करवा लें। कीमत 1 लाख से शुरू होकर 7-8 लाख तक जाती है, छोटी मशीनें सस्ती हैं, बड़ी मशीनें महँगी। अपने खेत और जेब के हिसाब से चुनें। डीलर से बात करें, मशीन देखें और चलाकर चेक करें कि सब ठीक है।

सरकार की मदद और सब्सिडी

गाँव में मशीन खरीदने का खर्चा कम करने के लिए सरकार सब्सिडी देती है। कई राज्य में 50% तक अनुदान मिलता है, यानी 3 लाख की मशीन 1.5 लाख में मिल सकती है। इसके लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरें—जैसे बिहार में dbtagriculture.bihar.gov.in या मध्य प्रदेश में अपने राज्य का पोर्टल। खसरा, आधार और बैंक पासबुक की कॉपी लगानी पड़ती है। गाँव में पटवारी या सरपंच से मदद लें। सब्सिडी का पैसा सीधे खाते में आता है। छोटी मशीन पर 50-70 हज़ार और बड़ी पर 2-5 लाख तक की छूट मिल सकती है।

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फायदा और कमाई का हिसाब

इस मशीन से एक एकड़ की रोपाई 500-1000 रुपये में हो जाती है, जबकि मजदूरों से 3000-5000 रुपये लगते हैं। एक दिन में 10 एकड़ रोपाई कर 5-7 हज़ार रुपये बचा सकते हैं। फसल भी 10-20% ज्यादा होती है, क्यूँकि पौधे सही दूरी पर लगते हैं। गाँव में इसे किराए पर चलाकर कमाई भी कर सकते हैं—एक एकड़ का 1000-1500 रुपये लें, तो महीने में 50-60 हज़ार रुपये बन सकते हैं। मशीन का खर्चा 2-3 साल में निकल जाता है, और फिर मुनाफा ही मुनाफा। धान की पैदावार बढ़ेगी, तो जेब भी भरेगी।

गाँव में ये मशीन इसलिए खास है, क्यूँकि मजदूरों की कमी से छुटकारा मिलता है। पानी और मेहनत की बचत होती है, और फसल की कटाई आसान हो जाती है। गाँव की बहनें इसे देखकर खुश हैं, क्यूँकि कमर दर्द की चिंता खत्म। इसे खरीदने के लिए गाँव के कुछ भाई मिलकर भी ले सकते हैं।यदि किसान भाई अतिरिक्त आय अर्जित करना चाहते हैं तो इसे खरीद कर दुसरो की रोपाई कर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। तो भाइयों, धान रोपाई की मशीन लें, अपने खेत में इस्तेमाल करें और दूसरों की मदद से कमाई बढ़ाएँ।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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