किसान भाइयों के लिए रॉकेट लीफ, जिसे तारामीरा या अरुगुला भी कहते हैं, न सिर्फ एक स्वादिष्ट सब्जी है, बल्कि सेहत का खजाना भी है। इसके काली मिर्च जैसे तीखे स्वाद और गहरे हरे पत्तों ने इसे सलाद, पास्ता, और देसी व्यंजनों में खास बना दिया है। यह पौधा शरीर को डिटॉक्स करता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स भरपूर होते हैं। नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (NSC) का 50 ग्राम का बीज पैक सिर्फ 65 रुपये में मिलता है, जिससे आप इसे अपने आँगन या खेत में आसानी से उगा सकते हैं। यह छोटा निवेश आपकी सेहत और कमाई दोनों को बढ़ाएगा।
रॉकेट लीफ की खेती का आसान तरीका
रॉकेट लीफ की खेती इतनी आसान है कि इसे कोई भी किसान अपने छोटे से खेत या गमले में शुरू कर सकता है। यह पौधा ठंडी जलवायु में अच्छा बढ़ता है, इसलिए उत्तर भारत में सितंबर से फरवरी का समय इसके लिए सबसे अच्छा है। खेत की मिट्टी को भुरभुरा करें और प्रति हेक्टेयर 10-12 टन गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाएं। रेतीली दोमट मिट्टी, जिसमें पानी की अच्छी निकासी हो, इस फसल के लिए एकदम सही है। बीज को 1-2 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं और पंक्तियों के बीच 20-25 सेंटीमीटर का फासला रखें। बुआई के बाद हल्का पानी दें, ताकि मिट्टी नम रहे। 7-10 दिनों में अंकुरण शुरू हो जाता है।
ये भी पढ़ें- गेंदा की खेती: सिर्फ 40–60 दिन में तैयार, सितंबर के आखिरी हफ्ते तक कर दें गेंदा फूल की बीजाई
सेहत के लिए रॉकेट लीफ के फायदे
रॉकेट लीफ में विटामिन C, K, और A के साथ-साथ आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। यह शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट्स कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। हमारे गाँवों में इसे सलाद, चटनी, या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। इसके पत्तों को सुखाकर मसाले के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, जो बाजार में अच्छी कीमत लाता है। यह फसल न सिर्फ सेहत के लिए अच्छी है, बल्कि छोटे किसानों के लिए कमाई का भी शानदार जरिया है।
खेती की देखभाल के देसी नुस्खे
रॉकेट लीफ की फसल को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। रोपाई के बाद शुरुआती हफ्तों में हल्की और नियमित सिंचाई करें। ज्यादा पानी से बचें, क्योंकि यह पौधा ज्यादा नमी पसंद नहीं करता। खरपतवार को समय-समय पर उखाड़ें, ताकि पौधों को पूरा पोषण मिले। कीटों से बचाव के लिए नीम के तेल का हल्का घोल बनाकर छिड़काव करें। यह प्राकृतिक तरीका कीटों को दूर रखता है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता। अगर पत्तियों पर फफूंदी के लक्षण दिखें, तो नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लेकर जैविक फफूंदनाशक का इस्तेमाल करें।
ये भी पढ़ें- मूली काशी हंस, 51 रुपये में बीज, 30 दिन में फसल और लाखों का मुनाफा, घर बैठे ऑर्डर करें
NSC से रॉकेट लीफ के बीज मंगवाएं
नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (NSC) भारत का एक भरोसेमंद नाम है, जो किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज प्रदान करता है। रॉकेट लीफ (तारामीरा) का 50 ग्राम बीज पैक सिर्फ 65 रुपये में NSC के ऑनलाइन स्टोर (mystore.in) पर उपलब्ध है। आप इसे घर बैठे मंगवा सकते हैं, और यह छोटे-बड़े सभी किसानों के लिए किफायती है। NSC के बीज सत्यापित और भरोसेमंद होते हैं, जो अच्छी पैदावार की गारंटी देते हैं। अपने नजदीकी NSC डीलर या कृषि केंद्र से भी इन बीजों की जानकारी ले सकते हैं। ऑनलाइन ऑर्डर करने से आपका समय बचता है और बीज सीधे आपके घर पहुंचते हैं।
बंपर पैदावार और मुनाफा
रॉकेट लीफ की खेती में लागत बहुत कम आती है। 50 ग्राम बीज से आप छोटे खेत या आँगन में सैकड़ों पौधे उगा सकते हैं। प्रति हेक्टेयर 5-7 टन ताजे पत्तों की पैदावार मिल सकती है। बाजार में रॉकेट लीफ का भाव 100-150 रुपये प्रति किलो तक जाता है, क्योंकि इसे सलाद और औषधीय उपयोग के लिए बड़े शहरों में खूब पसंद किया जाता है। एक छोटे खेत से 20,000-30,000 रुपये का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है। अगर आप इसे गमले में उगाते हैं, तो घरेलू खपत के साथ-साथ स्थानीय बाजार में बेचकर भी कमाई कर सकते हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें सब्जी खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM) और अन्य कृषि योजनाओं के तहत बीज, खाद, और उपकरणों पर 50-60% सब्सिडी मिल सकती है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र या जिला बागवानी अधिकारी से संपर्क करें और इन योजनाओं का लाभ उठाएं। कई राज्यों में NSC के बीजों पर सब्सिडी भी मिलती है, इसलिए अपने स्थानीय कृषि कार्यालय से जानकारी लें। साथ ही, कृषि विश्वविद्यालयों की ट्रेनिंग में हिस्सा लें, ताकि आप नई तकनीकों और देसी नुस्खों से अपनी खेती को और बेहतर बना सकें।
ये भी पढ़ें- आंध्र के किसानों के लिए खुशखबरी HAU ने तैयार की ढैंचा की नई किस्म, बढ़ेगी पैदावार
