हल्दी की इस खास वैरायटी से हर साल होगी मोटी कमाई, कृषि विभाग से जानें सही तरीका!

Roma Haldi Ki Kheti : छत्तीसगढ़, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है, अब सिर्फ धान की खेती तक सीमित नहीं रहा। यहाँ के किसान भाई अब दूसरी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ रही है। इनमें हल्दी की खेती एक शानदार विकल्प बनकर उभरी है। खासकर रोमा हल्दी की किस्म को छत्तीसगढ़ की जलवायु के लिए बहुत उपयुक्त माना जा रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर के कर्मचारी अनिल बंजारे बताते हैं कि रोमा हल्दी की खेती यहाँ के मौसम के हिसाब से बेहद फायदेमंद हो सकती है। ये हल्दी न सिर्फ सुगंधित होती है, बल्कि इसका रंग लाल-भूरा और आकर्षक होता है। स्वाद में भी ये दूसरी किस्मों से आगे है। इसे जून-जुलाई में बोया जाता है और मार्च-अप्रैल तक फसल तैयार हो जाती है। यानी 8-9 महीने में ये कमाई का रास्ता खोल देती है।

रोमा हल्दी की खासियत- Roma Haldi Ki Kheti

अनिल बंजारे के मुताबिक, एक एकड़ जमीन में रोमा हल्दी का 50-60 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है। आजकल बाजार में कच्ची हल्दी 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। अगर इसे सुखाकर और प्रोसेस करके बेचा जाए, तो दाम और बढ़ जाते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर किसानों को हल्दी की खेती के लिए प्रेरित कर रहा है और सही तकनीक सिखा रहा है।

छत्तीसगढ़ का मौसम और मिट्टी इस फसल के लिए मुफीद है। गर्म और नम जलवायु, जो यहाँ मानसून के साथ मिलती है, रोमा हल्दी की बढ़त के लिए बिल्कुल सही है। ये फसल न सिर्फ मसाले के तौर पर काम आती है, बल्कि दवाइयों और सौंदर्य प्रसाधनों में भी बड़ी माँग रखती है।

हल्दी की खेती का आसान तरीका

हल्दी की खेती कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। खेत में पानी की निकासी का अच्छा इंतजाम होना चाहिए। अगर पानी ज्यादा देर तक जमा रहा, तो हल्दी की जड़ें सड़ सकती हैं और फसल बर्बाद हो सकती है। जून-जुलाई में मानसून की पहली बारिश के साथ खेत को तैयार करें। दोमट या बलुई मिट्टी, जिसमें पानी रुके नहीं, इसके लिए सबसे अच्छी है। प्रति हेक्टेयर 2000-2500 किलो बीज लगते हैं। रोमा हल्दी को 250 दिनों में तैयार होने वाली किस्म माना जाता है। खेत में गोबर की खाद डालें और मिट्टी को भुरभुरा बनाएँ। तेज धूप से बचाने के लिए पत्तियों से मल्चिंग करें, ताकि नमी बनी रहे।

फायदे और मुनाफा

रोमा हल्दी की खेती से किसानों को कई फायदे हैं। एक तो ये छत्तीसगढ़ की गर्म और आर्द्र जलवायु में आसानी से उग जाती है, जहाँ 20-35 डिग्री तापमान और 1200-1500 मिमी बारिश होती है। दूसरा, बाजार में इसकी माँग सालभर बनी रहती है। कच्ची हल्दी 60 रुपये किलो बिकती है, और सूखी हल्दी का दाम 150-200 रुपये किलो तक जा सकता है। एक एकड़ में 50-60 क्विंटल कच्ची हल्दी यानी 30-36 लाख रुपये की कमाई का मौका है। प्रोसेसिंग के बाद मुनाफा और बढ़ सकता है। आयुर्वेदिक दवाओं और मसाला उद्योग में इसकी बढ़ती जरूरत इसे और फायदेमंद बनाती है।

सावधानियाँ और सरकारी मदद

खेती शुरू करने से पहले खेत की जुताई अच्छे से करें। कीटों से बचाव के लिए नीम का तेल या ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल करें। सफेद मक्खी और पत्ती झुलसा रोग से बचने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में छिड़कें। सरकार भी हल्दी की खेती को बढ़ावा दे रही है। राष्ट्रीय आयुष मिशन और दूसरी योजनाओं से सब्सिडी मिलती है। बीज और तकनीकी मदद के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें। किसान भाइयों, छत्तीसगढ़ के मौसम में रोमा हल्दी आपकी मेहनत को सोने में बदल सकती है। इसे अपनाएँ और अपनी कमाई को नई ऊँचाई दें।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

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