आजकल हर कोई एक्स्ट्रा इनकम का रास्ता ढूंढ रहा है। खेती के साथ-साथ देसी मुर्गी पालन एक ऐसा काम है जो घर की छत या छोटे आंगन से ही चल पड़ता है। इसके लिए न बड़ी जमीन चाहिए, न करोड़ों का निवेश। बस 30 हजार रुपये से शुरुआत करें और 3-4 महीने बाद मुनाफा शुरू। देसी मुर्गे का मांस और अंडा बाजार में दोगुने दाम पर बिकता है। होटल, रेस्टोरेंट से लेकर लोकल दुकानें तक लाइन लगाती हैं। कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि ये धंधा साल भर चलता है और रिस्क भी कम है।
देसी मुर्गी की डिमांड क्यों आसमान छू रही
शहर हो या गांव, लोग अब ब्रॉयलर से दूर होकर देसी की तरफ जा रहे हैं। कड़कनाथ का काला मांस प्रोटीन से भरपूर है, कोलेस्ट्रॉल कम और दवाइयों में इस्तेमाल होता है। असिल मुर्गे का मांस इतना स्वादिष्ट कि एक बार खाया तो भूल नहीं सकते। रंगा मुर्गी के रंग-बिरंगे अंडे मार्केट में अलग चमकते हैं। खंडवा एग्रीकल्चर कॉलेज के डॉ. रावत कहते हैं कि देसी मुर्गी रोग प्रतिरोधक क्षमता रखती है, दवा कम लगती है और चारा भी घर का बचा-खुचा चल जाता है। साल में 80-120 अंडे देती है, जो 10-15 रुपये पीस बिकते हैं। यही वजह है कि डिमांड कभी कम नहीं होती।
500 वर्ग फुट में 50 मुर्गियां, छत पर ही हो जाएगा
खेत नहीं है तो क्या, छत या आंगन ही काफी है। 500 वर्ग फुट जगह में 40-50 मुर्गे-मुर्गियां आराम से पल जाएंगी। बांस-लकड़ी से 10 हजार में शेड तैयार। हवा-रोशनी का ध्यान रखें, रोज साफ पानी दें। डॉ. रावत बताते हैं कि शहरों में लोग कबूतर की तरह मुर्गी छत पर रख रहे हैं। वनराजा या गिरीराज नस्ल से शुरुआत करें, ये तेज बढ़ती हैं और 3 महीने में तैयार। घर का किचन वेस्ट भी फीड बन जाता है, खर्चा और कम।
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30 हजार का निवेश, पहला बैच ही 25-30 हजार मुनाफा
शुरुआती खर्च: शेड 10 हजार, 50 चूजे 8-10 हजार, दाना-दवाई 10 हजार। कुल 30 हजार। एक मुर्गा 3-4 महीने में 2-3 किलो का, बाजार में 500-700 रुपये पीस। 50 मुर्गों से 25-30 हजार प्रॉफिट। साल में 3-4 बैच, यानी 1 लाख से ऊपर की कमाई। अंडे अलग से बेचें तो और फायदा। बैकयार्ड पोल्ट्री तकनीक से खर्चा आधा रहता है।
फ्री ट्रेनिंग और सरकारी मदद का फायदा लें
कृषि यूनिवर्सिटी और पशुपालन विभाग में मुफ्त ट्रेनिंग मिलती है। सिखाते हैं—सही नस्ल कैसे चुनें, चारा क्या दें, बीमारी कैसे रोकें, बाजार में दाम कैसे पाएं। कड़कनाथ, असिल, रंगा की पहचान भी कराते हैं। नेशनल लाइवस्टॉक मिशन से 50% सब्सिडी, 10 लाख तक लोन। पोल्ट्री फार्म लोन 2025 में बेरोजगारों को प्राथमिकता। आधार-बैंक डिटेल दें, अप्रैल तक आवेदन का मौका।
शुरू करने से पहले ये बातें याद रखें
कड़कनाथ मांस के लिए बेस्ट लेकिन 150 दिन लेती है। असिल लड़ाकू नस्ल, जगह ज्यादा चाहिए। रंगा अंडे के लिए अच्छी। चूजे हेल्दी लें, वैक्सीनेशन पूरा करें। लोकल पशु डॉक्टर से संपर्क रखें।
देसी मुर्गी पालन आज का सबसे आसान और फायदेमंद बिजनेस है। छोटी शुरुआत, बड़ा मुनाफा। आज ही प्लान बनाएं और कमाई का नया रास्ता खोलें।
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