Agri Tips : सब्जियों की खेती में फूलों का आना और उनका फल में बदलना सबसे अहम पड़ाव है। लेकिन कई बार किसान भाइयों को यह शिकायत रहती है कि पौधों में फूल तो खूब आते हैं, पर वे टिकते नहीं और गिर जाते हैं। इससे फल नहीं बनता और फसल की पैदावार कम हो जाती है। यह परेशानी न सिर्फ मेहनत पर पानी फेर देती है, बल्कि कमाई को भी प्रभावित करती है। आइए, इस समस्या के कारण और इसके देसी समाधानों के बारे में जानते हैं, जो आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं।
फूल गिरने के पीछे क्या हैं कारण
पौधों में फूलों के गिरने की कई वजह हो सकती हैं। सबसे ज्यादा देखा जाता है कि मौसम का अचानक बदल जाना, पौधों को सही पोषण न मिलना, नाइट्रोजन की मात्रा का ज्यादा होना, पानी का सही समय पर न मिलना, कीटों का हमला और परागण की कमी इसकी मुख्य वजह हैं। जब पौधों को फूल आने के समय जरूरी देखभाल और पोषक तत्व नहीं मिलते, तो फूल कमजोर होकर गिरने लगते हैं। इन सब कारणों को समझकर सही कदम उठाना जरूरी है।
देसी उपाय जो लाएंगे फर्क
इस समस्या से निपटने के लिए कुछ आसान और देसी तरीके हैं, जो न सिर्फ सस्ते हैं, बल्कि बेहद असरदार भी हैं। इन उपायों को अपनाकर आप अपनी फसल को बचा सकते हैं।
पौधों को देसी घोल से करें मजबूत
एक लीटर गौमूत्र में 100 ग्राम नीम की पत्तियां, 50 ग्राम लहसुन और 20 ग्राम हींग को पीसकर मिला लें। इस मिश्रण को 10 लीटर पानी में डालकर अच्छे से छान लें। अब इस घोल को पौधों पर छिड़काव करें। यह न सिर्फ कीटों को भगाएगा, बल्कि फूलों को गिरने से भी बचाएगा। यह तरीका पूरी तरह जैविक है और पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाता।
गोबर और वर्मी कम्पोस्ट का करें इस्तेमाल
पौधों को भरपूर ताकत देने के लिए देसी गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल करें। यह पौधों को जरूरी पोषक तत्व देता है, जिससे फूल मजबूत बनते हैं और टिके रहते हैं। अगर आप जैविक खेती करते हैं, तो यह तरीका आपके लिए और भी फायदेमंद होगा।
नाइट्रोजन की मात्रा रखें संतुलित
कई बार किसान भाई ज्यादा यूरिया डाल देते हैं, जिससे पौधे तो हरे-भरे हो जाते हैं, लेकिन फूल और फल नहीं बनते। इसलिए यूरिया का इस्तेमाल सोच-समझकर करें। इसके बजाय फॉस्फोरस और पोटाश वाली खाद ज्यादा डालें, जो फूलों और फलों के लिए जरूरी हैं।
फूलों के समय पानी का रखें ध्यान
जब पौधों में फूल आने शुरू हों, उस समय पानी की मात्रा का खास ख्याल रखें। ज्यादा पानी देना या पानी की कमी होना, दोनों ही फूलों के लिए नुकसानदायक हैं। ड्रिप सिंचाई का तरीका अपनाएं, ताकि पौधों को सही मात्रा में पानी मिले और फूल सुरक्षित रहें।
परागण को बनाएं बेहतर
फूलों का फल में बदलना परागण पर निर्भर करता है। मधुमक्खियां और दूसरे कीट इस काम में मदद करते हैं। अपने खेत के आसपास फूलों वाले पौधे, जैसे गेंदा या सूरजमुखी, लगाएं। इससे परागण करने वाले कीट आकर्षित होंगे और फूलों का फल में बदलना आसान होगा।
छाछ से दें पौधों को पोषण
देसी छाछ यानी मट्ठा भी पौधों के लिए बहुत फायदेमंद है। एक लीटर छाछ को 10 लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़कें। यह पौधों को अतिरिक्त पोषण देता है और फूलों को गिरने से रोकता है। यह पुराना नुस्खा है, जो आज भी उतना ही कारगर है।
नीम तेल से करें कीटों पर काबू
कीटों की वजह से भी फूल गिर सकते हैं। इसके लिए 5 मिलीलीटर नीम तेल को एक लीटर पानी में मिलाकर हर 10 दिन में पौधों पर छिड़काव करें। यह कीटों को दूर रखता है और पौधों को स्वस्थ बनाए रखता है।
किन सब्जियों में दिखती है ज्यादा दिक्कत
फूल गिरने की परेशानी कुछ खास सब्जियों में ज्यादा देखने को मिलती है। टमाटर, मिर्च, बैंगन, लौकी, कद्दू, भिंडी और फूलगोभी जैसे पौधों में यह समस्या आम है। इन फसलों की खेती करते समय ऊपर बताए गए उपायों पर खास ध्यान दें, ताकि आपकी पैदावार अच्छी हो।
जैविक खेती है असली ताकत
इन देसी उपायों को अपनाकर आप फूल गिरने की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं। जैविक खेती में थोड़ा धैर्य और मेहनत जरूरी होती है, लेकिन इसका नतीजा लंबे समय तक फायदा देता है। 2025 में जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम का मिजाज और बिगड़ सकता है। ऐसे में देसी ज्ञान और सही देखभाल ही आपकी खेती को बचा सकती है। अपने खेत को समय दें, सही तरीके अपनाएं और फसल को हंसता-खेलता देखें।
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