कीजिए सफेद बैंगन की खेती बाजार में रहती है तगड़ी डिमांड, एकबार लगाईये, 6 महीने नोट गिनिये

प्यारे किसान भाइयों, आपके खेतों की मेहनत ही हर सब्जी में स्वाद लाती है। बैंगन तो हर घर की रसोई का हिस्सा है, लेकिन आज हम बात करेंगे सफेद बैंगन की खेती की। ये बैंगन न सिर्फ देखने में खूबसूरत है, बल्कि बाजार में इसकी माँग भी बढ़ रही है। इसका स्वाद अच्छा और बीज वाला होता है, और सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसे उगाकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि सफेद बैंगन की खेती कैसे करें।

सफेद बैंगन का परिचय

सफेद बैंगन हरा या बैंगनी बैंगन का ही एक प्रकार है, मगर इसका रंग और स्वाद इसे खास बनाता है। ये फसल गर्मी और बारिश दोनों में उगती है। ‘उदय’, ‘स्वर्ण श्यामली’, और ‘पुसा व्हाइट’ जैसी किस्में ज्यादा मशहूर हैं। ये 60-80 दिन में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर से 20-25 टन उपज मिल सकती है। बाजार में ये 30-50 रुपये किलो बिकता है, और होटल-रेस्टोरेंट में इसकी डिमांड बढ़ रही है।

खेत तैयार करने का तरीका

सफेद बैंगन के लिए दोमट या बलुई मिट्टी बढ़िया है। खेत को हल से 2-3 बार जोतें, ताकि मिट्टी ढीली हो जाए। प्रति हेक्टेयर 10-12 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। मिट्टी का pH 6-7 रखें। फरवरी-मार्च (गर्मी) या जून-जुलाई (बारिश) में खेत तैयार करें। क्यारियाँ बनाएँ, ताकि पानी जमा न हो। जल निकासी का ध्यान रखें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। ये देसी तरीका मिट्टी को ताकत देता है।

बुवाई कैसे करें

सफेद बैंगन की बुवाई पहले नर्सरी में करें। प्रति हेक्टेयर 250-300 ग्राम बीज चाहिए। फरवरी या जून में नर्सरी तैयार करें-दोमट मिट्टी में गोबर मिलाकर बीज 1 सेमी गहरा बोएं। 25-30 दिन में पौधे तैयार हों, तो खेत में 60 सेमी कतार और 45 सेमी पौधे की दूरी पर रोपें। बीज को 24 घंटे पानी में भिगो दें, अंकुरण तेज होगा। रोपाई के बाद हल्का पानी दें। गर्मी में शाम को रोपें, ताकि पौधे सूखें नहीं।

बीज कहाँ से लें

सफेद बैंगन के बीज गाँव की दुकानों, कृषि केंद्र, या नर्सरी से 500-1000 रुपये किलो मिलते हैं। ‘पुसा व्हाइट’ और ‘स्वर्ण श्यामली’ सरकारी केंद्र से सस्ते में लें। ऑनलाइन इंडिया मार्ट पर भी उपलब्ध हैं। बीज ताजा और प्रमाणित हो। छोटे खेत के लिए 50-100 ग्राम से शुरू करें।

खाद और पानी, देखभाल

बुवाई से पहले प्रति हेक्टेयर 50 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फॉस्फोरस, और 30 किलो पोटाश डालें। गोबर की खाद पहले ही मिला दें। 30 दिन बाद 25 किलो नाइट्रोजन और डालें। हफ्ते में 1-2 बार हल्की सिंचाई करें। ड्रिप सिस्टम से पानी और खाद बचते हैं। फूल आने पर (40-50 दिन बाद) पानी कम करें, वरना फल कम लगेंगे। गर्मी में नमी बनाए रखने के लिए पुआल डालें।

खरपतवार को 20-30 दिन बाद गुड़ाई से हटाएँ। फल मक्खी और तना भेदक से बचाने के लिए नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) छिड़कें। फफूंद से बचने के लिए बुवाई से पहले बीज को थाइरम (3 ग्राम प्रति किलो) से उपचारित करें। पत्तियाँ पीली पड़ें, तो जिंक सल्फेट (10 ग्राम प्रति लीटर) डालें। फूल झड़ें, तो NAA (20 ppm) का छिड़काव करें। थोड़ी मेहनत से पैदावार बढ़ेगी।

कटाई और कमाई का हिसाब

सफेद बैंगन 60-80 दिन में तैयार होता है। जब फल चमकदार सफेद और मुलायम हों, तो सुबह तोड़ें। प्रति हेक्टेयर 20-25 टन उपज मिलती है। लागत 20,000-30,000 रुपये (बीज, खाद, मजदूरी) आती है। बाजार में 30-50 रुपये किलो के हिसाब से 6-12 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। गाँव में बेचें या शहर की मंडी में भेजें, हर तरफ फायदा। बचे पौधे चारे के काम आते हैं।

सावधानियाँ

सफेद बैंगन की खेती से मिट्टी ढीली रहती है। इसकी माँग बढ़ रही है, और कम खर्च में अच्छा मुनाफा देती है। मगर ज्यादा पानी और कीटों से बचाव जरूरी है। सही समय पर कटाई करें, वरना फल सख्त हो सकते हैं। गर्मी और बारिश में इसे आजमाएँ, फायदा पक्का है।

ये भी पढ़ें – हल्दी की इस खास वैरायटी से हर साल होगी मोटी कमाई, कृषि विभाग से जानें सही तरीका!

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment