किसान भाइयों, सफेद चंदन की खेती एक ऐसा निवेश है, जो धैर्य के साथ लाखों की कमाई देता है, इसकी लकड़ी, तेल की बाजार में भारी डिमांड है, और कीमत 10,000-15,000 रुपये प्रति किलो तक पहुँचती है, इत्र, दवा, सौंदर्य प्रसाधन में इसका इस्तेमाल होता है, ये पेड़ 15-20 साल में तैयार होता है, लेकिन एक बार तैयार हो जाए, तो पीढ़ियों तक फायदा देता है, छोटे किसानों के लिए भी ये मुनाफे का रास्ता है, सही तरीके से शुरू करें, तो मेहनत सोने में बदल सकती है, ये खेती न सिर्फ कमाई बढ़ाती है, बल्कि पर्यावरण को भी संवारती है।
सही मिट्टी और जलवायु
सफेद चंदन की खेती के लिए सही मिट्टी, जलवायु जरूरी है, ये दोमट, रेतीली मिट्टी में अच्छा उगता है, जिसमें पानी की निकासी अच्छी हो, मिट्टी का pH 6-7.5 के बीच होना चाहिए, ज्यादा भारी, चिकनी मिट्टी से बचें, ये पेड़ 15-35 डिग्री तापमान सहन करता है, 500-1000 मिमी सालाना बारिश इसके लिए सही है, भारत में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे इलाके इसके लिए उपयुक्त हैं, खेत की हल्की जुताई करें, 2-3 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ डालें, सही शुरुआत से पेड़ तेजी से बढ़ते हैं, और मुनाफे का रास्ता खुलता है।
बुआई और रोपण
सफेद चंदन के बीज नर्सरी से लें, या सरकारी उद्यानिकी केंद्र से पौधे खरीदें, एक एकड़ में 400-500 पेड़ लगा सकते हैं, बीज को बोने से पहले 24 घंटे पानी में भिगोएँ, फिर नर्सरी में 6-8 महीने तक पौध तैयार करें, रोपण के लिए 10×10 फीट की दूरी रखें, हर गड्ढे में 1 किलो गोबर की खाद, 50 ग्राम नीम खली डालें, मॉनसून की शुरुआत (जून-जुलाई) में रोपण करें, चंदन को मेजबान पौधे (Host Plant) जैसे मूंग, अरहर की जरूरत होती है, जो इसके साथ बोएँ, ये पौधे चंदन की जड़ों को पोषण देते हैं, और बुआई को सफल बनाते हैं।
देखभाल का तरीका
सफेद चंदन की देखभाल में धैर्य जरूरी है, पहले 2-3 साल हर 10-15 दिन में हल्की सिंचाई करें, सूखे में पानी बढ़ाएँ, लेकिन जलभराव न हो, हर साल 2-3 किलो गोबर की खाद प्रति पेड़ डालें, खरपतवार हटाने के लिए 2-3 बार गुड़ाई करें, कीट जैसे टर्माइट, लीफ ईटर से बचाने के लिए नीम का तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) छिड़कें, मेजबान पौधों की छँटाई करें, ताकि चंदन को रोशनी, पोषण मिले, पहले 5 साल तक सावधानी रखें, इसके बाद पेड़ खुद मजबूत हो जाता है, सही देखभाल से लकड़ी की क्वालिटी बढ़ती है।
कटाई और मुनाफा
सफेद चंदन 15-20 साल में कटाई के लिए तैयार होता है, जब पेड़ का तना 15-20 सेमी मोटा हो जाए, पूरी कटाई से पहले लकड़ी की जाँच कराएँ, इसमें हार्टवुड (सफेद चंदन का मुख्य हिस्सा) की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए, एक पेड़ से 20-50 किलो लकड़ी मिलती है, जो 10,000-15,000 रुपये प्रति किलो बिकती है, एक एकड़ से 400 पेड़ हों, तो 80-200 टन लकड़ी मिल सकती है, यानी 8-30 करोड़ रुपये तक कमाई संभव है, कटाई के लिए सरकार से अनुमति लें, क्योंकि चंदन की खेती नियमों के अधीन है, सही समय पर बेचें, तो मुनाफा जबरदस्त होगा।
शुरू करने से पहले, जरूरी टिप्स
सफेद चंदन की खेती शुरू करने से पहले स्थानीय वन विभाग से नियम जानें, भारत में निजी जमीन पर इसे उगाने की छूट है, लेकिन बिक्री के लिए परमिट चाहिए, छोटे स्तर पर शुरू करें, 1-2 बीघा में 50-100 पेड़ लगाएँ, प्रशिक्षण के लिए उद्यानिकी केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय से संपर्क करें, लागत पहले 5 साल में 2-3 लाख प्रति एकड़ लगती है, लेकिन बाद में रखरखाव कम होता है, चोरी से बचाने के लिए खेत की निगरानी रखें, सब्सिडी, लोन का फायदा उठाएँ, ये खेती लंबे समय का निवेश है, जो पीढ़ियों तक फायदा देती है।
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