अप्रैल में करें इन सलाद वाली सब्जियों की खेती, रोज छापेंगे धुआंधार पैसा

Salad Farming : किसान भाइयों, गर्मी में सलाद वाली सब्जियाँ न सिर्फ थाली को ताज़गी देती हैं, बल्कि खेती से अच्छी कमाई भी कराती हैं। अप्रैल-मई का महीना आने वाला है, और ये गर्मी में ऐसी सब्जियाँ बोने का सही वक्त है, जो सलाद के लिए बढ़िया हों। अपने इलाके में खीरा, मूली, गाजर, टमाटर और शिमला मिर्च जैसी फसलें उगा सकते हैं। ये कम समय में तैयार होती हैं और बाजार में माँग बनी रहती है। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि गर्मी में किन सलाद वाली सब्जियों की खेती करें और फायदा कैसे लें।

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खीरा : गर्मी का ताज़ा साथी

हमारे यहाँ खीरा गर्मी में सलाद का राजा है। अपने खेतों में अप्रैल में इसकी बुआई करें। ये 40-50 दिन में तैयार हो जाता है। दोमट मिट्टी और हर 4-5 दिन में हल्की सिंचाई से ये लहलहाता है। बाजार में 10-20 रुपये किलो बिकता है, और एक बीघे से 200-300 किलो निकल सकता है। हमारे यहाँ इसे सलाद, रायता और जूस में यूज़ करते हैं। गर्मी में इसकी माँग बढ़ती है, तो ये ताज़गी के साथ जेब भी भरता है। ये कम मेहनत में बढ़िया फायदा देता है।

मूली : तेज और स्वादिष्ट

अपने इलाके में मूली की गर्मी वाली किस्में, जैसे पूसा चेतकी, अप्रैल-मई में बोई जा सकती हैं। ये 30-40 दिन में तैयार हो जाती है। हल्की दोमट मिट्टी और 7-10 दिन में पानी इसके लिए काफी है। हमारे यहाँ मूली 15-25 रुपये किलो बिकती है, और एक बीघे से 150-200 किलो पैदावार मिल सकती है। सलाद में इसका कुरकुरापन सबको पसंद आता है। गर्मी में ये जल्दी बढ़ती है और खेत को हरा-भरा रखती है। ये सस्ती और आसान फसल है।

टमाटर : सलाद का रंग

अपने खेतों में टमाटर गर्मी में सलाद के लिए बढ़िया है। अप्रैल में नर्सरी तैयार करें और मई में पौधे लगाएँ। ये 60-70 दिन में फल देता है। दोमट मिट्टी और ड्रिप सिंचाई इसके लिए सही है। हमारे यहाँ टमाटर 20-40 रुपये किलो बिकता है, और एक बीघे से 300-400 किलो मिल सकता है। सलाद में इसकी लालिमा और स्वाद हर थाली को खास बनाते हैं। गर्मी में सही देखभाल से ये मुनाफे का तगड़ा ढंग है।

शिमला मिर्च : रंग-बिरंगी ताकत

अपने इलाके में शिमला मिर्च की हाइब्रिड किस्में अप्रैल-मई में बोई जा सकती हैं। ये 60-75 दिन में तैयार होती है। दोमट मिट्टी और हर 5-7 दिन में पानी इसके लिए बढ़िया है। हमारे यहाँ हरी शिमला 20-30 रुपये और रंगीन 50-80 रुपये किलो बिकती है। एक बीघे से 300-500 किलो पैदावार हो सकती है। सलाद में इसका कुरकुरापन और रंग हर किसी को लुभाता है। ये गर्मी में थोड़ी मेहनत से मोटी कमाई देती है।

गाजर : गर्मी की छोटी फसल

अपने खेतों में गाजर की गर्मी वाली किस्में, जैसे पूसा केसर, अप्रैल में बो सकते हैं। ये 70-80 दिन में तैयार होती है। रेतीली दोमट मिट्टी और 10-12 दिन में हल्की सिंचाई इसके लिए काफी है। हमारे यहाँ गाजर 20-30 रुपये किलो बिकती है, और एक बीघे से 200-300 किलो मिल सकता है। सलाद में इसकी मिठास और रंगत बढ़िया लगती है। गर्मी में ये धीरे-धीरे बढ़ती है, लेकिन फायदा पक्का देती है।

गर्मी में सलाद से खेत को चमकाएँ

अपने इलाके में गर्मी में सलाद वाली सब्जियाँ बोना इसलिए खास है, क्यूँकि ये ताज़गी के साथ बाजार में छा जाती हैं। अप्रैल-मई में खीरा, मूली, टमाटर, शिमला मिर्च और गाजर बोएँ, तो जून-जुलाई में फसल तैयार होगी। गाँव के लोग कहते हैं कि ताज़ा सलाद गर्मी में राहत देता है। तो भाइयों, इन सब्जियों की खेती शुरू करें, खेत को चमकाएँ और मेहनत का फल ढेर सारा पाएँ। ये देसी ढंग आपकी खेती को हरा सोना बना देगा!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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