सभी पशुपालकों के लिए खुशखबरी! समग्र भैंस पालन योजना से पाएं सरकार की जबरदस्त सब्सिडी

Samagra Bhains Palan Yojana: बिहार के खेतिहर समुदाय के लिए खुशखबरी है! राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए समग्र भैंस पालन योजना की शुरुआत की है, जो किसानों, पशुपालकों, और बेरोजगार युवाओं के लिए एक नई सौगात लेकर आई है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और स्वरोजगार के रास्ते खोलने का वादा करती है। अगर आप अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं और पशुपालन को नई दिशा देना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए बिल्कुल सही है। आइए, जानते हैं कि यह योजना क्या है, इसके फायदे क्या हैं, और इसे कैसे हासिल करें।

योजना का मकसद, दूध और दौलत की राह

इस योजना का उद्देश्य बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को मजबूत करना है, जहाँ ज्यादातर लोग खेती और पशुओं पर निर्भर हैं। उन्नत नस्ल की भैंसें, जैसे मुर्राह, जाफराबादी, और भदावरी, ज्यादा दूध देती हैं, जो स्थानीय दूध आपूर्ति और व्यापार को बढ़ावा देगा। सरकार का मानना है कि इससे किसानों की आय दोगुनी हो सकती है और बेरोजगार युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिलेगा। मॉनसून की इस मौसम (जून-जुलाई 2025) में, जब चारा और पानी की उपलब्धता होती है, भैंस पालन शुरू करने का यह सही समय है। यह योजना न सिर्फ आर्थिक मदद देती है, बल्कि ग्रामीण जीवन को आत्मनिर्भर बनाती है।

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क्या मिलेगा लाभ, सब्सिडी का तोहफा

योजना के तहत सरकार 1 या 2 उन्नत नस्ल की दुधारू भैंस खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दे रही है, जिससे डेयरी यूनिट स्थापित करना आसान हो जाएगा। सब्सिडी की राशि लाभार्थी की श्रेणी पर निर्भर करती है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति (SC), और अनुसूचित जनजाति (ST) को 75% सब्सिडी मिलेगी, जबकि अन्य वर्गों को 50% की मदद दी जाएगी। उदाहरण के लिए, 1 भैंस की लागत ₹1,21,000 है, जिसमें SC/ST को ₹90,750 और अन्य वर्गों को ₹60,500 सब्सिडी मिलेगी। 2 भैंसों की कुल लागत ₹2,42,000 है, जिसमें SC/ST को ₹1,81,500 और अन्य को ₹1,21,000 की मदद मिलेगी। यह राशि नई डेयरी शुरू करने वालों के लिए बड़ी राहत है, जो मुनाफे की नींव रखेगी।

आवेदन का मौका, 25 जून से शुरू

अगर आप इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो तैयार हो जाइए! ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 25 जून 2025 से 25 जुलाई 2025 तक चलेगी। इच्छुक लोग बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://dairy.bihar.gov.in) पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। आवेदन के लिए पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, जमीन की रसीद, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), विभागीय प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, और बैंक पासबुक की कॉपी अपलोड करनी होगी। लेकिन सावधान रहें आवेदन में गलती या अधूरी जानकारी होने पर उसे रद्द कर दिया जाएगा। प्रत्येक जिले में जिला गव्य विकास पदाधिकारी इस योजना को लागू करेंगे, इसलिए स्थानीय नियमों का पालन जरूरी है।

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भैंस पालन को सफल बनाएँ

भैंस पालन शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। भैंस के लिए हवादार और साफ शेड बनाएँ, जहाँ छाया और पानी की व्यवस्था हो। मॉनसून में चारा जैसे घास और बाजरा की फसल उगाएँ, जो सस्ता और पौष्टिक होता है। भैंस को रोजाना 40-50 लीटर पानी और संतुलित आहार दें, जिसमें भूसा और दाना मिला हो। दूध निकालने के लिए साफ बर्तन का इस्तेमाल करें और नियमित टीकाकरण करवाएँ। अगर भैंस बीमार लगे, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। यह मेहनत आपकी डेयरी को मुनाफे का जरिया बना सकती है, खासकर जब मॉनसून की नमी चारे की पैदावार बढ़ाएगी।

मुनाफा और पर्यावरण का लाभ

उन्नत नस्ल की भैंस से रोजाना 10-15 लीटर दूध मिल सकता है, जो बाजार में ₹40-50 प्रति लीटर के हिसाब से अच्छी कमाई देता है। एक भैंस से सालाना 1-1.5 लाख रुपये तक का मुनाफा संभव है। साथ ही, भैंस का गोबर जैविक खाद बनाता है, जो फसलों के लिए फायदेमंद है और मिट्टी की सेहत सुधारता है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देगी, जहाँ परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मॉनसून में शुरू की गई यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी साबित होगी।

अगर योजना से जुड़ी कोई शंका हो या आवेदन में मदद चाहिए, तो अपने जिले के जिला गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क करें। सरकार ने प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित करने की योजना बनाई है, जहाँ पशुपालन के गुर सिखाए जाएंगे। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की मदद से उन्नत नस्ल की भैंसें उपलब्ध कराई जाएंगी। यह योजना बिहार के खेतिहर समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने का एक सुनहरा मौका है—फिर इंतजार क्यों? 25 जून 2025 से आवेदन शुरू हो रहे हैं, तो तैयार हो जाइए!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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