शुरू करें गौ पालन बिहार सरकार से पाएं फ्री ट्रेनिंग, जानें कैसे उठाएं लाभ

Samagra Gavya Vikas Yojana: बिहार के गाँवों में पशुपालन न सिर्फ़ रोज़ी-रोटी का ज़रिया है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का रास्ता भी है। बिहार सरकार की समग्र गव्य विकास योजना गाँव के किसानों और बेरोज़गार युवाओं के लिए ऐसा मौका लेकर आई है, जिसमें गाय-भैंस पालकर कमाई के साथ-साथ भारी सब्सिडी भी मिलेगी। अगर आप गाँव में रहते हैं और पशुपालन शुरू करना चाहते हैं, तो ये योजना आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं। आइए, देसी अंदाज़ में समझते हैं कि ये योजना क्या है, इसमें क्या फायदा है, और आप इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं।

योजना का मकसद

बिहार सरकार इस योजना को हर साल चलाती है, और 2025 में ये मई महीने से शुरू हो रही है। इसका लक्ष्य है गाँव के मेहनती किसानों, बेरोज़गार युवाओं और महिलाओं को डेयरी फार्म खोलने के लिए प्रोत्साहित करना। सरकार चाहती है कि गाँव में दूध का उत्पादन बढ़े, बेरोज़गारी कम हो, और हर घर में खुशहाली आए। इसके लिए डेयरी शुरू करने वालों को 50% से 75% तक सब्सिडी दी जाएगी। यानी, गाय-भैंस खरीदने का आधा से ज़्यादा खर्चा सरकार उठाएगी। साथ ही, पशुपालन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि आप बिना किसी परेशानी के डेयरी चला सकें।

कितनी सब्सिडी मिलेगी?

इस योजना में सब्सिडी का हिस्सा डेयरी के आकार और आपकी श्रेणी पर निर्भर करता है। अगर आप छोटी डेयरी शुरू करना चाहते हैं, यानी 2-4 गाय या भैंस, तो सामान्य वर्ग को 50% अनुदान मिलेगा। वहीं, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 75% तक सब्सिडी है। मान लीजिए, 2 गायों की डेयरी का खर्च 1.74 लाख रुपये है, तो अनुसूचित जाति/जनजाति को 1.30 लाख तक अनुदान मिलेगा, और सामान्य वर्ग को 87 हज़ार रुपये। अगर आप बड़ी डेयरी (15-20 गाय) शुरू करते हैं, तो सभी वर्गों को 40% सब्सिडी मिलेगी। ये पैसा सीधे आपके बैंक खाते में आएगा, जिससे पशुपालन शुरू करना आसान हो जाएगा।

पशुपालन का गुर सीखें

पशुपालन कोई आसान काम नहीं, लेकिन सही जानकारी हो तो ये सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन सकता है। बिहार के पशुपालन विभाग और गव्य विकास निदेशालय समय-समय पर मुफ्त या कम खर्च में ट्रेनिंग देते हैं। इस ट्रेनिंग में आपको गाय-भैंस की देखभाल, दूध उत्पादन बढ़ाने के तरीके, गोबर से खाद बनाने की विधि और डेयरी चलाने के गुर सिखाए जाएँगे। ट्रेनिंग लेने के बाद आप न सिर्फ़ अपनी डेयरी चला सकेंगे, बल्कि दूसरों को भी सलाह दे सकेंगे। ये ट्रेनिंग बिहार के गाँवों में आयोजित होती है, और आप अपने नज़दीकी पशुपालन कार्यालय से इसकी जानकारी ले सकते हैं।

बस कुछ क्लिक में करें ऑनलाइन आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए बिहार गव्य विकास निदेशालय की वेबसाइट (dairy.bihar.gov.in) पर जाएँ। वहाँ ‘रजिस्ट्रेशन’ या ‘ऑफिशियल लॉगिन’ का विकल्प चुनें। अपना मोबाइल नंबर डालकर रजिस्टर करें, फिर ओटीपी के ज़रिए लॉगिन करें। इसके बाद फॉर्म में अपनी जानकारी भरें, जैसे नाम, पता, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र और पशुपालन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (अगर हो)। सारे दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद फॉर्म जमा करें। आपका आवेदन जाँचा जाएगा, और स्वीकृति मिलने पर सब्सिडी आपके खाते में आ जाएगी। ये प्रक्रिया इतनी आसान है कि गाँव का कोई भी व्यक्ति इसे कर सकता है।

फायदे: दूध, गोबर और रोज़गार

इस योजना से गाँव में कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा ये कि दूध बेचकर आप हर महीने अच्छी कमाई कर सकते हैं। एक गाय से रोज़ 10-15 लीटर दूध मिले, तो महीने का 15-20 हज़ार रुपये आसानी से बन सकता है। गोबर से जैविक खाद बनाकर आप अपने खेतों को उपजाऊ बना सकते हैं या इसे बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। साथ ही, बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार मिलेगा, और गाय पालकर आप गोसेवा का पुण्य भी कमाएँगे। बिहार में दूध का उत्पादन बढ़ने से गाँव की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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