जानिए क्या है IPM पद्धति, संभल में जैविक खेती से आई नई क्रांति, किसानों के लिए सफलता की नई राह

उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। संयुक्त कृषि निदेशक मुरादाबाद मंडल ने आज यहां जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों द्वारा अपनाई गई एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) पद्धति की जमकर तारीफ की। मौसम में हल्की ठंडक और नमी का मेल है, जो खेतों के लिए अनुकूल है, और यह निरीक्षण किसानों की मेहनत को प्रोत्साहन देने वाला साबित हुआ। यह कदम न सिर्फ जैविक खेती को बढ़ावा देगा, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण की सेहत को भी बेहतर करेगा।

जैविक खेती का सफर, संभल की मिसाल

संभल के खेतों में आज जैविक और प्राकृतिक खेती की एक नई तस्वीर दिखी। संयुक्त कृषि निदेशक ने किसानों के प्रयासों को देखकर खुशी जताई, जो रासायनिक खादों से दूर होकर मिट्टी को प्राकृतिक तरीके से समृद्ध कर रहे हैं। इस क्षेत्र में गाय के गोबर, हरी खाद, और कम्पोस्ट का इस्तेमाल बढ़ा है, जो मिट्टी की उर्वरता को बरकरार रखता है। निदेशक ने बताया कि यह तरीका न सिर्फ फसलों की गुणवत्ता बढ़ाता है, बल्कि किसानों की आय में भी इजाफा कर सकता है। संभल अब जैविक खेती की मिसाल बन रहा है, जहां किसान प्रकृति के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।

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IPM पद्धति का जादू, कीटों पर नियंत्रण

निरीक्षण के दौरान संयुक्त कृषि निदेशक ने एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) पद्धति की सराहना की, जिसे स्थानीय किसानों ने अपनाया है। यह पद्धति रासायनिक कीटनाशकों के बजाय प्राकृतिक तरीकों, जैसे लाभकारी कीटों, फसलों की विविधता, और जैविक नियंत्रण, पर आधारित है। इससे कीटों का प्रकोप कम हुआ है और फसलें स्वस्थ रह रही हैं। निदेशक ने कहा कि यह तरीका मिट्टी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कीटों से निपटने का सही रास्ता है। संभल के किसानों ने इस तकनीक से न सिर्फ पैदावार बढ़ाई है, बल्कि अपनी आजीविका को भी मजबूत किया है।

इस समय मिट्टी में नमी फसलों की जड़ों को पोषण देती है, और ठंडक की वजह से कीटों का प्रकोप भी कम रहता है। संयुक्त कृषि निदेशक ने किसानों को सलाह दी कि वे इस मौसम का फायदा उठाएं और जैविक खेती को और विस्तार दें। हालांकि, ज्यादा बारिश से बचाव के लिए जल निकासी का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि फसल को नुकसान न हो। यह समय किसानों के लिए अपनी मेहनत को मुनाफे में बदलने का है।

किसानों का उत्साह, नई प्रेरणा

संभल के किसानों में इस निरीक्षण से नई ऊर्जा आई है। उन्होंने बताया कि जैविक खेती और IPM पद्धति से उनकी फसलों की गुणवत्ता बेहतर हुई है, और बाजार में इनकी मांग भी बढ़ी है। निदेशक की सराहना ने उनके हौसले को और मजबूत किया है। कई किसान अब अपने साथी किसानों को भी इस तरीके को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह बदलाव न सिर्फ उनकी जिंदगी को बेहतर करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए मिट्टी को स्वस्थ रखेगा। यह उत्साह ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई क्रांति की शुरुआत का संकेत देता है।

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इस निरीक्षण से यह साफ है कि जैविक खेती और IPM पद्धति का भविष्य उज्ज्वल है। अगर सरकार इस दिशा में और निवेश करे, जैसे बीज और प्रशिक्षण की सुविधा दे, तो संभल जैसे इलाके मॉडल बन सकते हैं। संयुक्त कृषि निदेशक ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे इस क्षेत्र को और विकसित करने के लिए योजना बनाएंगे। आने वाले समय में अगर बाजार में जैविक उत्पादों की मांग बढ़े, तो किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक ठोस आधार बन सकता है।

किसानों के लिए सुझाव

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जैविक खेती और IPM पद्धति को अपनाने के लिए स्थानीय कृषि केंद्र से संपर्क करें। मिट्टी की जांच करवाएं और फसलों की विविधता बनाएं, ताकि कीटों का प्रकोप कम हो। गोबर खाद और हरी खाद का इस्तेमाल बढ़ाएं, और मौसम के हिसाब से बुआई की योजना बनाएं। संयुक्त कृषि निदेशक की सराहना को प्रेरणा मानकर आगे बढ़ें, ताकि खेतों में समृद्धि आए। यह समय अपनी खेती को नई दिशा देने का है।

 इस बात का गवाह बनी कि संभल के खेत अब बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं। संयुक्त कृषि निदेशक का निरीक्षण और IPM पद्धति की तारीफ ने किसानों में नई ऊर्जा भर दी है। तो किसान भाइयों, अपनी मेहनत को प्रकृति के साथ जोड़ें और जैविक खेती को अपनाएं। यह कदम न सिर्फ आपके खेतों को हरा-भरा करेगा, बल्कि पूरे मुरादाबाद मंडल को एक नई पहचान देगा। आइए, इस बदलाव को आगे बढ़ाएं और अपनी जमीन को समृद्ध करें!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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