Samekit Bakri Bhed Vikas Yojana: बिहार में बकरी पालन आज किसानों और युवाओं के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन गया है। कम जमीन और कम पैसे में शुरू होने वाला यह धंधा तेजी से मुनाफा देता है। बिहार की गर्म-नम जलवायु बकरियों के लिए मुफीद है, जिससे उनकी सेहत और प्रजनन बेहतर होता है। मांस और दूध की बढ़ती माँग ने इस धंधे को और चमकाया है। बिहार सरकार की समेकित बकरी भेड़ विकास योजना इसे और आसान बना रही है। यह योजना सब्सिडी, प्रशिक्षण, और तकनीकी मदद देकर किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है।
समेकित बकरी भेड़ विकास योजना का कमाल
बिहार सरकार ने समेकित बकरी भेड़ विकास योजना (Samekit Bakri Bhed Vikas Yojana) के तहत बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस योजना में 50 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। उदाहरण के लिए, 20 बकरी और 1 बकरा वाले फार्म की लागत 2.42 लाख रुपये है, जिसमें सामान्य वर्ग को 1.21 लाख और अनुसूचित जाति/जनजाति को 1.45 लाख रुपये की सब्सिडी मिलती है।
बड़े फार्म, जैसे 100 बकरी और 5 बकरे, के लिए 7.82 लाख रुपये तक सब्सिडी दी जाती है। यह पैसा बकरी खरीद, शेड बनाने, और चारे के लिए काम आता है। बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने ऑनलाइन आवेदन को सरल बनाया है, ताकि हर किसान इसका लाभ ले सके।
महिलाओं की ताकत, सहकारी मॉडल की जीत
बिहार की महिलाएँ बकरी पालन में बड़ी ताकत बन रही हैं। यह धंधा उनकी जेब भर रहा है और समाज में इज्जत दिला रहा है। समस्तीपुर की एक महिला पशुपालक ने 15 बकरियों से शुरुआत की और अब हर महीने 25,000 रुपये कमा रही है। दूसरी ओर, सहकारी मॉडल ने छोटे किसानों को नई राह दिखाई है। मुजफ्फरपुर में 40 किसानों ने मिलकर बकरी फार्म बनाया और मंडी में सीधे बिक्री शुरू की। इससे लागत घटी और मुनाफा बढ़ा। यह मॉडल न सिर्फ कमाई बढ़ाता है, बल्कि बाजार तक पहुँच को आसान करता है।
ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश गरीब परिवारों को मुफ्त में मिलेगी गाय, गरीबी पर लगेगा ब्रेक
बकरी पालन की शुरुआत कैसे करें
बकरी पालन शुरू करने के लिए सही नस्ल का चयन जरूरी है। बिहार में ब्लैक बंगाल, बीटल, और बरबरी नस्ल की बकरियाँ सबसे फायदेमंद हैं। ये नस्लें जलवायु के हिसाब से ढलती हैं और ज्यादा बच्चे देती हैं। खेत में जैविक चारा, जैसे मक्का और बरसीम, उगाकर लागत घटाई जा सकती है। शेड बनाने के लिए 1800-3600 वर्ग फीट जमीन और 50 डेसिमल में चारा उगाने की जगह चाहिए। बकरियों को बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण और नीम के तेल का छिड़काव करें। स्थानीय पशु चिकित्सा केंद्र से मुफ्त सलाह ली जा सकती है।
योजना में आवेदन का आसान तरीका
समेकित बकरी भेड़ विकास योजना (Samekit Bakri Bhed Vikas Yojana) का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। आवेदक के पास बकरी पालन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र होना चाहिए, जो नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या पशु चिकित्सा केंद्र से मिल सकता है। आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, और जमीन के कागजात जमा करने पड़ते हैं। आवेदन के लिए बिहार सरकार की वेबसाइट www.state.bihar.gov.in/abh पर जाएँ। वहाँ पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सेक्शन में जाकर फॉर्म भरें। आवेदन के 30 दिन बाद सब्सिडी का पैसा बैंक खाते में आ जाता है।
चुनौतियाँ और देसी समाधान
बकरी पालन में कुछ रुकावटें भी हैं। बिहार में पशु चिकित्सा सेवाओं और अच्छे बाजारों की कमी नए पशुपालकों के लिए मुश्किल पैदा करती है। बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीके और साफ-सफाई जरूरी है। अगर बकरी बीमार हो जाए, तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। प्रशिक्षण की कमी भी एक समस्या है, लेकिन सरकार के जागरूकता कैंप और प्रशिक्षण शिविर इसे दूर कर रहे हैं। भागलपुर में हाल ही में 150 किसानों ने प्रशिक्षण लिया और बकरी पालन शुरू किया।
मुनाफे का हिसाब, बिहार की उम्मीद
बकरी पालन में पैसा जल्दी लौटता है। एक बकरी साल में दो बार बच्चे देती है, और 6-8 महीने में बच्चे 8,000-15,000 रुपये में बिक जाते हैं। कटिहार के एक पशुपालक ने 50 बकरियों से सालाना 6 लाख रुपये कमाए। बिहार में त्योहारों और मांस की माँग इस धंधे को और मजबूत करती है। जैविक चारे और ड्रिप सिस्टम से लागत और कम हो सकती है। भविष्य में, अगर बकरी पालन को डेयरी और चमड़ा उद्योग से जोड़ा जाए, तो बिहार के गाँवों की तकदीर बदल सकती है।
किसान भाइयों, बिहार में बकरी पालन मुनाफे का सुनहरा रास्ता है। समेकित बकरी भेड़ विकास योजना 50-60 प्रतिशत सब्सिडी और प्रशिक्षण देकर इसे और आसान बनाती है। कम लागत, तेज कमाई, और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस धंधे को बिहार का नया हब बना रही है। आज ही www.state.bihar.gov.in/abh पर आवेदन करें और नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र से सलाह लें। मेहनत और सही योजना से आपका बकरी फार्म मुनाफे का खजाना बन जाएगा।
ये भी पढ़ें- पालक की आर्गेनिक खेती करें और खूब मुनाफा कमायें