गाँव में रहने वाले मेहनती किसानों और युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका आया है। अगर खेती के साथ-साथ कुछ नया शुरू करने का मन है, तो मुर्गी पालन से बेहतर और क्या हो सकता है? सहरसा में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग एक खास योजना चला रहा है, जिसके तहत लेयर और ब्रॉयलर मुर्गी फार्म खोलने के लिए सरकार 30 से 50% तक अनुदान दे रही है। ये योजना गाँव के युवाओं और किसानों को स्व-रोजगार का मौका दे रही है। अगर इस मौके का फायदा उठाना है, तो 25 जून तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आइए, इस योजना के बारे में देसी अंदाज में विस्तार से जानते हैं।
मुर्गी पालन की योजना
सहरसा में चल रही समेकित मुर्गी विकास योजना गाँव के उन लोगों के लिए बनाई गई है, जो मेहनत करके अपनी कमाई बढ़ाना चाहते हैं। इस योजना में लेयर मुर्गी (जो अंडे देती हैं) और ब्रॉयलर मुर्गी (जो मांस के लिए पाली जाती हैं) दोनों तरह के फार्म खोलने के लिए सरकार मदद कर रही है। सामान्य वर्ग के लोगों को 30% और अनुसूचित जाति (SC) व अनुसूचित जनजाति (ST) वालों को 40 से 50% तक अनुदान मिलेगा। यानी फार्म शुरू करने की लागत का बड़ा हिस्सा सरकार देगी, जिससे मेहनत करने वालों को कम पैसे में बड़ा काम शुरू करने का मौका मिलेगा।
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कितना खर्च, कितना अनुदान?
मुर्गी फार्म शुरू करने की लागत फार्म की क्षमता पर निर्भर करती है। अगर 10 हजार लेयर मुर्गियों का फार्म शुरू करना हो, तो इसके लिए करीब एक करोड़ रुपये की लागत आएगी। वहीं, 5 हजार लेयर मुर्गियों के फार्म के लिए 48.5 लाख रुपये और 3 हजार ब्रॉयलर मुर्गियों के फार्म के लिए 10 लाख रुपये का खर्च आएगा। अब अच्छी बात ये है कि सरकार इस लागत का 30 से 50% तक अनुदान देगी। मिसाल के तौर पर, अगर कोई SC/ST वर्ग का किसान ब्रॉयलर फार्म शुरू करता है, तो उसे आधे से ज्यादा खर्च सरकार से मिल जाएगा। बस इतना ध्यान रखना है कि फार्म शुरू करने के बाद कम से कम सात साल तक इसे चलाना होगा।
फार्म के लिए जमीन और पैसे का इंतजाम
मुर्गी फार्म शुरू करने के लिए जमीन का होना जरूरी है। 10 हजार मुर्गियों के फार्म के लिए 100 डिसमिल और 5 हजार मुर्गियों के फार्म के लिए 50 डिसमिल जमीन चाहिए। ये जमीन अपनी हो या लीज पर ली हुई हो, दोनों चलेंगी, लेकिन इसके कागजात आवेदन के साथ जमा करने होंगे। अगर खुद के पैसे से फार्म शुरू करना हो, तो सामान्य वर्ग के लिए 10 हजार मुर्गियों के फार्म के लिए बैंक में 70 लाख रुपये और 5 हजार के लिए 48.5 लाख रुपये दिखाने होंगे। SC/ST वर्ग के लिए ये राशि थोड़ी कम है, यानी 60 लाख और 29.1 लाख रुपये। अगर इतना पैसा नहीं है, तो बैंक से लोन भी लिया जा सकता है।
आवेदन कैसे करें कौन से कागजात चाहिए?
इस योजना का फायदा उठाने के लिए 25 जून तक पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ कुछ जरूरी कागजात जमा करने होंगे, जैसे कि फोटो, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाते का विवरण, पैन कार्ड, जमीन के कागजात (जैसे नजरी नक्शा या लीज के दस्तावेज), और अगर मुर्गी पालन का प्रशिक्षण लिया हो, तो उसका सर्टिफिकेट। साथ ही, बैंक में उपलब्ध पैसे की जानकारी भी देनी होगी। आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएँगे, तो देर न करें।
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मुर्गी पालन क्यों है फायदे का सौदा?
मुर्गी पालन एक ऐसा धंधा है, जो कम समय में अच्छा मुनाफा दे सकता है। लेयर मुर्गियों से अंडों की बिक्री और ब्रॉयलर मुर्गियों से मांस की बिक्री से साल भर कमाई होती रहती है। बाजार में अंडों और मुर्गियों की मांग हमेशा बनी रहती है, खासकर शहरों के आसपास। अगर सही तरीके से फार्म चलाया जाए, तो लागत जल्दी निकल आती है और मुनाफा बढ़ने लगता है। सरकार का अनुदान इस धंधे को और आसान बना देता है, क्योंकि शुरुआती खर्चा कम हो जाता है।
सरकार की अपील, जल्दी करें आवेदन
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का कहना है कि ये योजना युवाओं और किसानों के लिए बड़ा मौका है। मुर्गी पालन न सिर्फ रोजगार देगा, बल्कि गाँव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। अगर इस योजना का फायदा उठाना है, तो समय रहते आवेदन कर लें। नजदीकी कृषि केंद्र या विभाग की वेबसाइट से और जानकारी ली जा सकती है।
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