आजकल शहरों में भी खेती-किसानी का शौक बढ़ रहा है। लोग अपनी छतों, बालकनियों और छोटे-छोटे गमलों में सब्जियाँ, फूल और फल उगा रहे हैं। लेकिन शहरी बागवानी करने वालों के सामने एक बड़ी मुश्किल है—गोबर की खाद का न मिलना। गाँवों में तो गोबर आसानी से मिल जाता है, पर शहरों में ये किसी खजाने से कम नहीं। ऐसे में एक सस्ता, आसान और देसी नुस्खा है सरसों की खली। ये न सिर्फ आपके पौधों को पोषण देगी, बल्कि कीटों से भी बचाएगी। आइए, जानते हैं कि सरसों की खली क्या है, इसे कैसे इस्तेमाल करें, और ये आपके लिए क्यों फायदेमंद है।
सरसों की खली क्या है?
जब सरसों के दानों से तेल निकाला जाता है, तो जो ठोस हिस्सा बचता है, उसे खली कहते हैं। ये खली प्रोटीन, फॉस्फोरस, पोटाश और कई जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। ये पौधों के लिए एकदम शानदार जैविक खाद का काम करती है। इतना ही नहीं, इसमें प्राकृतिक कीटनाशक गुण भी होते हैं, जो पौधों को कीड़ों और बीमारियों से बचाते हैं। गाँवों में पुराने जमाने से किसान खली का इस्तेमाल करते आए हैं, और अब ये शहरों में भी छा रही है।
सस्ती और आसानी से मिलने वाली
सरसों की खली की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये सस्ती और आसानी से मिल जाती है। आप इसे किसी भी तेल की मिल, किराने की दुकान या फिर ऑनलाइन 20-30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद सकते हैं। शहरों में जहाँ गोबर की खाद ढूँढना सिरदर्द है, वहाँ ये खली किसी वरदान से कम नहीं। चाहे आप टमाटर, मिर्च, बैंगन उगा रहे हों या गुलाब और मनी प्लांट, ये हर तरह के पौधों के लिए फायदेमंद है।
इस्तेमाल करने का आसान तरीका
सरसों की खली का इस्तेमाल इतना आसान है कि कोई भी नया बागवान इसे आजमा सकता है। इसे दो तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं:
पहला तरीका है खली को पानी में भिगोना। एक किलो खली को 5-10 लीटर पानी में रातभर भिगो दें। सुबह इस पानी को छानकर पौधों की जड़ों में डालें। ये पानी पौधों को पोषण देगा और कीटों को भगाएगा।
दूसरा तरीका है खली को सीधे मिट्टी में मिलाना। भिगी हुई खली को गमले या खेत की मिट्टी में अच्छे से मिला दें। इससे मिट्टी की ताकत बढ़ेगी और पौधे हरे-भरे रहेंगे।
ध्यान रखें कि खली को ज्यादा मात्रा में न डालें, वरना पौधों की जड़ें जल सकती हैं। एक छोटे गमले के लिए 2-3 चम्मच खली काफी है, और बड़े खेत में प्रति एकड़ 50-60 किलो खली डाल सकते हैं।
खली के फायदे
सरसों की खली का इस्तेमाल करने से पौधों को कई तरह से फायदा होता है। सबसे पहले, ये मिट्टी को उपजाऊ बनाती है, जिससे पौधे तेजी से बढ़ते हैं। दूसरा, इसके कीटनाशक गुण कीड़ों और फंगस को दूर रखते हैं, यानी आपको अलग से महँगी दवाएँ खरीदने की जरूरत नहीं। तीसरा, ये पूरी तरह जैविक है, तो आपकी सब्जियाँ और फल केमिकल-मुक्त रहेंगे।
कई किसानों ने देखा है कि खली के इस्तेमाल से उनकी फसल में 3-4 गुना ज्यादा पैदावार हुई। मिसाल के तौर पर, अगर आप गमले में टमाटर उगा रहे हैं, तो खली डालने से पौधे ज्यादा फल देंगे और फल भी बड़े-बड़े होंगे। साथ ही, ये पर्यावरण के लिए भी अच्छी है, क्योंकि इसमें कोई हानिकारक केमिकल नहीं होता।
शहरी और ग्रामीण दोनों के लिए वरदान
शहरों में जहाँ जगह की कमी है, वहाँ गमलों और ग्रो बैग्स में खेती करने वालों के लिए सरसों की खली एकदम सही है। ये हल्की होती है, स्टोर करना आसान है, और इसे इस्तेमाल करने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती। गाँवों में भी, जहाँ गोबर की खाद कम पड़ रही है, किसान खली का इस्तेमाल कर रहे हैं। खासकर पहाड़ी इलाकों में, जहाँ पशुधन कम है, ये खली किसानों की बड़ी मदद कर रही है।
आज से शुरू करें
तो देर किस बात की? आज ही अपनी नजदीकी तेल मिल या किराने की दुकान से सरसों की खली खरीदें। इसे अपने गमलों, छत के बगीचे या खेत में आजमाएँ। चाहे आप पालक, धनिया, मिर्च उगा रहे हों या फूलों का बगीचा सजा रहे हों, ये खली आपके पौधों को नई जान देगी। जैविक खेती की ओर ये एक छोटा, लेकिन असरदार कदम है, जो आपकी मेहनत को रंग लाएगा।
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