क्या है सरसों मिनीकिट योजना 2025, जानें UP सरकार की 3 बड़ी घोषणाएँ जो बदलेंगी किसानों की ज़िंदगी

किसान भाइयों, सरसों न सिर्फ तेल का खजाना है, बल्कि सब्जी, हरी खाद और आय का बड़ा स्रोत भी। लेकिन तिलहन उत्पादन में कमी की वजह से किसान परेशान रहते हैं। अच्छी खबर! उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री स्पात सिंह शाह  के नेतृत्व में सरकार ने तिलहन_उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरसों_मिनीकिट योजना शुरू की है। इसमें 2 किलो उच्च गुणवत्ता वाले सरसों के बीज निःशुल्क मिलेंगे।

और खास, गन्ने के साथ सरसों_की_खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रति हेक्टेयर 4 किलो बीज फ्री! यह योजना किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावार का मौका देगी। अगर आप भी तिलहन की खेती से कमाई करना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए वरदान है। आइए जानें, कैसे उठाएं इसका लाभ और खेत को चमकाएं।

मंत्री श्री स्पात सिंह शाह, किसानों के मसीहा

श्री स्पात सिंह शाह, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री (कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान), किसानों के हितों के प्रति हमेशा सजग रहते हैं। पूर्व में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके शाह जी ने कई योजनाओं से लाखों किसानों को लाभ पहुँचाया है। उनकी हालिया पहल—रबी फसलों के लिए निःशुल्क मिनीकिट वितरण—चना, मटर, सरसों और अलसी जैसी फसलों पर केंद्रित है। मिर्जापुर, महोबा और हमीरपुर जैसे जिलों में उन्होंने खुद किसानों को बीज बाँटे। इनके क ट्वीट्स से साफ है कि वे दर्शन पोर्टल 2.0 के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर जोर दे रहे हैं। यह योजना 2025 के रबी सीजन में तिलहन आयात कम करने और किसान आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखती है।

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सरसों मिनीकिट योजना, क्या है खास?

यह योजना (Sarson Minikit Yojana) तिलहन उत्पादन को दोगुना करने का सरकारी प्रयास है। सामान्य मिनीकिट में 2 किलो सरसों के बीज फ्री मिलेंगे, जो छोटे किसानों के लिए परफेक्ट है। लेकिन गन्ने के साथ इंटरक्रॉपिंग को बढ़ावा देने के लिए 4 किलो प्रति हेक्टेयर—यह तो कमाल है! क्यों? क्योंकि गन्ने की लंबी फसल के बीच सरसों की छोटी लाइनें बोकर खेत का पूरा इस्तेमाल होता है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और आय भी। योजना का फोकस उच्च गुणवत्ता वाले बीज जैसे पूसा सरसों-30 या अन्य रोग प्रतिरोधी किस्मों पर है। 2025 में यह योजना पूरे UP में चलेगी, और लक्ष्य 1 लाख से ज्यादा किसानों को कवर करना।

दर्शन पोर्टल: आसान रजिस्ट्रेशन का द्वार

किसान भाई, योजना का लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग का दर्शन पोर्टल 2.0 पर जाएँ। यहाँ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फ्री है—मोबाइल नंबर, आधार और खेत की डिटेल्स भरें। रजिस्टर होते ही लोकल कृषि केंद्र से मिनीकिट मिल जाएगी। शाह जी ने खुद ट्वीट किया कि मिर्जापुर में विन्ध्यवासिनी मंदिर परिसर में किसानों को चना, मटर और सरसों के 2-2 किलो बीज बाँटे गए। महोबा और हमीरपुर में भी वितरण हो रहा है। पोर्टल पर चेक करें कि आपका जिला कवर हो। अगर इंटरनेट नहीं, तो नजदीकी कृषि कार्यालय जाएँ। रजिस्ट्रेशन डेडलाइन नवंबर तक, तो जल्दी करें!

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सरसों की खेती के देसी टिप्स

सरसों उगाना आसान है, लेकिन सही तरीके से। मिनीकिट के बीज अक्टूबर के आखिर में बोएँ। दोमट मिट्टी में 30 सेंटीमीटर पंक्ति दूरी रखें। गोबर की खाद 8-10 टन प्रति हेक्टेयर डालें। उर्वरक: 120 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फॉस्फोरस। 3-4 सिंचाई—पहली 20 दिन बाद, फिर फूल आने पर। गन्ने के साथ बोने पर 20-25 सेंटीमीटर गैप रखें। रोगों से बचाव: नीम तेल छिड़कें। उपज: 18-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, बाजार भाव 5000-6000 रुपये प्रति क्विंटल। इंटरक्रॉपिंग से गन्ने के साथ 30% अतिरिक्त आय!

योजना से तिलहन क्रांति, फायदे और भविष्य

यह योजना UP को तिलहन में आत्मनिर्भर बनाएगी। आयात कम होगा, किसान आय बढ़ेगी। शाह जी की अगुवाई में 2025 के रबी में चना, मसरूर और अलसी की मिनीकिट भी चलेगी। राष्ट्रीय तिलहन मिशन से जुड़कर सब्सिडी मिलेगी। छोटे किसान गन्ने के खेत में सरसों बोकर मिट्टी सुधारेंगे और मुनाफा कमाएंगे। अनुमान: 10 लाख किसानों को लाभ, 20% उत्पादन वृद्धि।

श्री स्पात सिंह शाह के नेतृत्व में यह योजना किसानों का सपना साकार करेगी। दर्शन पोर्टल पर रजिस्टर करें, 2-4 किलो फ्री बीज लें और सरसों के पीले खेत बोएँ। तिलहन उत्पादन बढ़ेगा, खेत हरे होंगे, जेब भरेगी। #सरसों_मिनीकिट का लाभ उठाओ, UP को तिलहन हब बनाओ!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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