जायद फसलों पर कीटों का अटैक तो किसान तुरंत अपनाएं ये जरूरी बचाव के उपाय

Zayed Crop Tips : रबी फसलों की कटाई शुरू होते ही देश में जायद सीजन की बुआई का दौर चल पड़ता है। छोटे और सीमांत किसान अक्सर खरीफ और रबी में ही खेती करते हैं, लेकिन जायद सीजन को छोड़ देते हैं। जबकि सच ये है कि जायद की खेती सबसे ज्यादा मुनाफा देती है।

इस मौसम में मौसमी फल और सब्जियाँ उगती हैं, जैसे खीरा, तरबूज, टमाटर, जो गर्मियों में तैयार होकर बाज़ार में छा जाते हैं। पर मुश्किल ये है कि जायद में कीट और फंगस फसलों पर हमला करते हैं। चूसक कीट पत्तियाँ चूस लेते हैं, तो रेड पंपकिन बीटल पत्तियों को काट डालता है। ऐसे में फसल बर्बाद होने से बचाने के लिए मेहनत और समझदारी चाहिए। चलिए, आपको कीटों से बचाव के देसी टिप्स बताते हैं।

मिट्टी की तैयारी से शुरू करें

एक्सपर्ट कहते हैं कि जायद फसलों के लिए खेत की मिट्टी को दुरुस्त करना सबसे जरूरी है। खेत जोतने के बाद 2.5 किलो ट्राइकोडरमा को 70 किलो गोबर की खाद में मिलाएँ और एक एकड़ में डाल दें। ये फंगस से बचाएगा। साथ में नीम की खली डालें ये दीमक को भगाने का देसी नुस्खा है। मिट्टी में थोड़ा कार्बेंडाजिम भी मिला लें, ताकि बीमारियाँ पास न फटकें। अब इसी मिट्टी में नर्सरी तैयार करें और पौधे बो दें। शुरू से सही मिट्टी तैयार हुई, तो कीटों का डर आधा खत्म हो जाएगा।

कीट लगें तो ये करें

जायद की सब्जियों पर कीट बड़ी मुसीबत बनते हैं। चूसक कीट मुलायम पत्तियों का रस चूसकर पौधे को सुखा देते हैं। दूसरा रेड पंपकिन बीटल है, जो पत्तियों को काट-काटकर बर्बाद कर देता है। इनसे बचने के लिए नीम का तेल बेस्ट है। 10-15 मिलीलीटर नीम तेल को 1 लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़कें। ये देसी बायोपेस्टिसाइड कीटों को भगा देगा। अगर फिर भी कीट न रुकें, तो मेलाथियॉन का इस्तेमाल करें थोड़ी मात्रा में पानी में मिलाकर छिड़कें। ये कीटों को जड़ से खत्म करेगा। छिड़काव सुबह या शाम को करें, ताकि पौधे झुलसें नहीं।

जायद की बेस्ट फसलें

जायद सीजन में खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा जैसी फसलें गर्मियों में धूम मचाती हैं। इनसे शरीर में पानी की कमी दूर होती है, और बाज़ार में इनकी मांग खूब रहती है। इसके अलावा टमाटर, भिंडी, लौकी और परवल भी इसी मौसम में उगाए जाते हैं। ये फसलें कम वक्त में तैयार होती हैं और अच्छा मुनाफा देती हैं। मिसाल के तौर पर, एक बीघे टमाटर से 15-20 क्विंटल पैदावार हो सकती है, जो 20-40 रुपये किलो बिकती है। यानी लागत निकालकर भी 50-60 हज़ार रुपये का फायदा। जायद में सही फसल चुनें, तो जेब भर जाएगी।

फसल बचाने के लिए टिप्स

खेत में पानी का सही इंतज़ाम रखें ज्यादा गीलापन कीट बुलाता है, तो हल्की सिंचाई करें। खरपतवार साफ करते रहें, ताकि पौधों को पूरा पोषण मिले। सूरज की रोशनी अच्छी मिले, पर तेज धूप से बचाएँ। अगर पत्तियाँ पीली पड़ें या कीट दिखें, तो फौरन नीम तेल का छिड़काव शुरू करें। जायद की खेती छोटी होती है, लेकिन मुनाफा बड़ा देती है। थोड़ी मेहनत और सही तरीके से कीटों को भगाएँ, तो गर्मियों में कमाई की बरसात होगी।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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