भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की फसल को बढ़ते तापमान और बीमारियों से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें विशेष रूप से उन किसानों के लिए सुझाव दिए गए हैं, जिन्होंने देर से गेहूं की बुवाई की है। साथ ही, खरपतवार नियंत्रण, सिंचाई प्रबंधन और रोगों से बचाव के लिए आवश्यक उपाय भी बताए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस एडवाइजरी में दिए गए सुझाव।
खरपतवार नियंत्रण के लिए सलाह
वैज्ञानिकों के अनुसार, देर से बोई गई गेहूं की फसल में खरपतवार का खतरा ज्यादा होता है। संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए क्लोडिनाफॉप 15 डब्ल्यूपी (16 ग्राम प्रति एकड़) या पिनोक्साडेन 5 ईसी (400 मिली प्रति एकड़) का छिड़काव करें। चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए 2,4डी (500 मिली प्रति एकड़), मेटसल्फ्यूरॉन 20 डब्ल्यूपी (8 ग्राम प्रति एकड़), या कार्फेट्राजोन 40 डीएफ (20 ग्राम प्रति एकड़) का उपयोग करें।
अगर खेत में दोनों प्रकार के खरपतवार हैं, तो सल्फोसल्यूरॉन 75 डब्ल्यूजी (13.5 ग्राम प्रति एकड़) या सल्फोसल्यूरॉन+मेटसल्फ्यूरॉन 80 डब्ल्यूजी (16 ग्राम प्रति एकड़) को 120-150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। फलारिस माइनर (कनकी/गुल्ली डंडा) के लिए क्लोडिनाफॉप+मेट्रिब्यूजिन 12+42% डब्ल्यूपी (200 ग्राम प्रति एकड़) का प्रयोग करें।
सिंचाई के लिए सलाह
गेहूं की सिंचाई आवश्यकतानुसार ही करें। तेज हवा वाले मौसम में सिंचाई न करें, क्योंकि इससे फसल गिरने (लोजिंग) का खतरा बढ़ जाता है। तापमान बढ़ने पर फसल को सूखे से बचाने के लिए 0.2% म्यूरेट ऑफ पोटाश (200 लीटर पानी में 400 ग्राम) या 2% KNO3 (200 लीटर पानी में 4 किलोग्राम) का छिड़काव करें।
रतुआ रोग से बचाव के उपाय
गेहूं की फसल में पीला रतुआ या भूरा रतुआ दिखने पर प्रोपीकोनाजोल 25 ईसी (200 मिली प्रति एकड़) को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। फसल की नियमित निगरानी करें और रोग के लक्षण दिखते ही तुरंत उपाय करें।
किसानों के लिए अतिरिक्त सलाह
- फसल की रोजाना जाँच करें और समस्याओं का तुरंत समाधान करें।
- खरपतवार और रोग नियंत्रण के लिए दवाओं का छिड़काव सही समय पर करें।
- मौसम के अनुसार सिंचाई करें और पानी की बर्बादी से बचें।
वैज्ञानिकों की सलाह मानकर किसान गेहूं की फसल को खरपतवार, रोग और मौसमी चुनौतियों से बचा सकते हैं। सही समय पर छिड़काव और सिंचाई प्रबंधन से उत्पादन बढ़ाएँ और आय में वृद्धि करें।