झारखंड के किसान भाइयों, खेतों में मेहनत का मौसम आ गया है! मानसून की दस्तक के साथ ही खरीफ फसल की तैयारी शुरू हो चुकी है, और इस बार सरकार आपके लिए कुछ खास लेकर आई है। 25 मई 2025 को रांची के कृषि निदेशालय में बीज दिवस के मौके पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने खरीफ 2025-26 के लिए 80 हजार क्विंटल बीज वितरण की शुरुआत की।
ये आंकड़ा पिछले दो सालों से दोगुना है, यानी इस बार सरकार का इरादा किसानों की जेब भरने का है। चाहे आप धान उगाएं, मक्का बोएं, या कोई और फसल, ये अभियान आपके खेत को हरा-भरा और जेब को भारी करने का मौका देगा। तो चलिए, जानते हैं कि ये योजना आपके लिए क्या लेकर आई है।
80 हजार क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य
किसान भाइयों, इस बार झारखंड सरकार ने खरीफ फसल के लिए 80 हजार क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य रखा है। ये बीज आपको 50 से 100 प्रतिशत तक अनुदान पर मिलेंगे, यानी कम कीमत में अच्छे बीज आपके खेत तक पहुंचेंगे। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सरकार किसानों से किए वादों को पूरा करने के लिए दिन-रात जुटी है। रांची, रातु, कांके, मांडर जैसे कई प्रखंडों में पहले ही किसानों को बीज बांटे जा चुके हैं। लेकिन ध्यान रहे, इस अनुदान का लाभ लेने के लिए समय पर आवेदन और सही प्रक्रिया जरूरी है।
विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीख ने साफ चेतावनी दी है कि बीज खरीदते वक्त अपना OTP किसी के साथ न बांटें, वरना नुकसान हो सकता है। सरकार ने बीज वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक अपनाई है, और प्रखंड स्तर पर मॉनिटरिंग टीमें भी बनाई हैं, ताकि हर किसान को समय पर बीज मिले।
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किसान हितैषी योजनाएं
खेती में पानी की कमी किसी से छिपी नहीं है। झारखंड में कई इलाकों में बारिश का पानी खेतों तक नहीं पहुंच पाता। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने बिरसा पक्का चेक डैम योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना से छोटी नदियों का पानी खेतों तक पहुंचेगा, जिससे फसलों की सिंचाई आसान होगी। इसके अलावा, सरकार ने हर जिले की जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाई हैं। मिसाल के तौर पर, पलामू में बकरी की जगह भेड़ वितरण, और कुछ जिलों में शूकर वितरण की योजना है। इसका मकसद है कि हर किसान को अपनी जमीन और जरूरत के हिसाब से सही समर्थन मिले।
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि विभाग जिला और प्रखंड स्तर पर किसानों से फीडबैक ले रहा है, ताकि योजनाओं की खामियां दूर की जा सकें। ये सब आपके लिए है, ताकि खेती आसान हो और मुनाफा बढ़े।
जागरूकता और आधुनिकता की राह
कृषि मंत्री ने साफ कहा कि झारखंड के किसान अगर जागरूक होंगे, तो बिचौलियों का खेल खत्म हो जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि आप विभाग की योजनाओं की जानकारी लें और गांव-गांव तक इसे पहुंचाएं। केरल और महाराष्ट्र के किसानों ने आधुनिक तकनीक अपनाकर खेती को मुनाफे का धंधा बना लिया है, और झारखंड के किसान भी ऐसा कर सकते हैं। ड्रोन से खेती, मृदा जांच, और उन्नत बीजों का इस्तेमाल आपके खेत की पैदावार बढ़ा सकता है।
कृषि निदेशक ताराचंद ने बताया कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है, और खरीफ फसल यहाँ की रीढ़ है। इसीलिए पांच सरकारी कंपनियों को बीज आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि पूरे राज्य में एकसमान वितरण हो। बीज दिवस पर रांची के आसपास के प्रखंडों के किसानों को बीज बांटे गए, और अब ये अभियान पूरे राज्य में फैलेगा।
किसानों के लिए सुनहरा मौका
किसान भाइयों, ये बीज वितरण अभियान आपके लिए एक सुनहरा मौका है। 80 हजार क्विंटल बीज का लक्ष्य, अनुदान, और नई योजनाएं आपके खेतों को हरा-भरा करेंगी। लेकिन इसके लिए आपको अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या प्रज्ञा केंद्र से संपर्क करना होगा। समय पर आवेदन करें, और बीज लेते वक्त सावधानी बरतें। सरकार का मकसद है कि झारखंड की खेती को आत्मनिर्भर बनाया जाए, और इसके लिए आपका साथ जरूरी है। अपने गांव में योजनाओं की जानकारी फैलाएं, और आधुनिक तकनीक को अपनाएं। ये अभियान न सिर्फ आपकी खेती को बदलेगा, बल्कि झारखंड को भी कृषि के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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