Sem Plant Care Tips in summer : गर्मी का मौसम शुरू होते ही खेतों में हरी सब्जियों की बहार आने लगती है। अगर आप अपने खेत में सेम की खेती करते हैं और चाहते हैं कि गर्मियों में ताजी-हरी सेम की भरपूर फसल मिले, तो अप्रैल से पहले ही इसके पौधों को खाद-पानी देकर तैयार कर लीजिए। सेम न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती है, बल्कि ये विटामिन्स और फाइबर से भी भरी होती है, जो सेहत के लिए बहुत अच्छी है। गाँव के किसान भाइयों के लिए ये फसल कम मेहनत में अच्छी कमाई का रास्ता खोल सकती है।
लेकिन इसके लिए सही वक्त पर सही देखभाल जरूरी है। हम आपको कुछ आसान टिप्स और देसी खाद के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपका सेम का पौधा गर्मी में भी हरा-भरा रहे और ढेर सारी फसल दे। तो चलिए, बिना वक्त गँवाए इन टिप्स को जान लीजिए।
खेत में सेम की खेती का सही तरीका
सेम की खेती शुरू करने के लिए मार्च-अप्रैल का वक्त सबसे अच्छा है। खेत को अच्छे से जोत लीजिए और मिट्टी में गोबर की खाद मिला दीजिए। बीज बोने से पहले मेड़ बना लें और बुवाई के 10-15 दिन बाद पहला पानी दीजिए। जब बेल बढ़ने लगे, तो उसे बांस या डोरी से सहारा दे दीजिए, ताकि वो अच्छे से फैले। अप्रैल से पहले अगर सही खाद और पानी का ध्यान रख लिया, तो गर्मी में आपकी फसल लहलहाएगी। 50-60 दिन में सेम तैयार हो जाएगी, जिसे आप मंडी में बेचकर ठीक-ठाक कमाई कर सकते हैं।
मिट्टी को रखें तैयार
सेम का पौधा ढीली और उपजाऊ मिट्टी में अच्छे से बढ़ता है। अगर खेत की मिट्टी सख्त हो गई है या पानी रुकने लगता है, तो उसे जोतकर ढीला कर लीजिए। इसमें थोड़ी गोबर की खाद मिला दें, ताकि मिट्टी में ताकत आए और पानी का बहाव ठीक रहे। ऐसा करने से जड़ें मजबूत होंगी और पौधा गर्मी में भी सूखेगा नहीं। गाँव में कई किसान इस तरीके से अपने खेत तैयार करते हैं, और उनकी फसल देखने लायक होती है।
धूप और पानी का रखें हिसाब
सेम की बेल को हर दिन 6-7 घंटे धूप चाहिए, लेकिन जब गर्मी बढ़ जाए, तो दोपहर की तेज धूप से बचाने के लिए हल्की छाँव का इंतजाम कर लीजिए। पानी का भी पूरा ध्यान रखिए। ज्यादा पानी डालने से जड़ें सड़ सकती हैं, इसलिए हफ्ते में दो-तीन बार जरूरत के हिसाब से सिंचाई कीजिए। साथ ही, बेल को फैलने के लिए बांस, रस्सी या जाली का सहारा दे दीजिए। इससे फल ज्यादा लगेंगे और तोड़ना भी आसान होगा।
लकड़ी की राख से दें ताकत
अगर खेत की मिट्टी में खटास बढ़ गई है, तो लकड़ी की राख आपके लिए बड़ा काम कर सकती है। ये मिट्टी को ठंडा रखती है और इसमें कैल्शियम-पोटैशियम की ताकत भरती है। गाँव में चूल्हे की राख आसानी से मिल जाती है। इसे हल्के हाथ से मिट्टी में मिला दीजिए, लेकिन ज्यादा न डालें, वरना जड़ों को नुकसान हो सकता है। ये देसी नुस्खा सेम की बेल को गर्मी में भी हरा-भरा रखेगा।
केले के छिलके से बढ़ाएँ फसल
केले के छिलकों में पोटैशियम और फॉस्फोरस भरा होता है, जो सेम के पौधे के लिए बहुत फायदेमंद है। गाँव में ये आसानी से मिल जाते हैं। छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में दबा दीजिए। या फिर इन्हें पानी में भिगोकर वो पानी पौधे की जड़ में डाल दीजिए। ये खाद बेल को ताकत देगी और फल ज्यादा लगवाएगी। ये तरीका सस्ता भी है और असरदार भी।
नीम की खली से करें कीटों का सफाया
नीम की खली एक ऐसी देसी खाद है, जो सेम की बेल को ठंडा रखती है और कीटों से बचाती है। इसे खेत की मिट्टी में मिला दीजिए, इससे जड़ें मजबूत होंगी और फसल बढ़ेगी। अप्रैल से पहले इस खाद को डाल दें, तो बेल की ग्रोथ तेज होगी और गर्मी में भी पौधा सूखेगा नहीं। गाँव में नीम की खली आसानी से मिल जाती है, और ये ऑर्गेनिक होने की वजह से फसल को नुकसान भी नहीं पहुँचाती।
गर्मी में सेम की फसल से कमाई
अगर आप इन आसान टिप्स को अपनाएँगे, तो आपका सेम का पौधा गर्मी में भी हरा-भरा रहेगा और ढेर सारी फसल देगा। मंडी में ताजी सेम की माँग हमेशा रहती है, तो आपकी मेहनत का अच्छा दाम मिलेगा। ये खेती न सिर्फ सेहत के लिए अच्छी है, बल्कि कम खर्च में मुनाफा भी देती है। तो देर मत कीजिए, अपने खेत में सेम की बेल को इन देसी नुस्खों से तैयार कीजिए और गर्मियों में ताजी फसल का मजा लीजिए।
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