सितंबर में पालक की खेती कैसे करें? बीज, किस्में, पैदावार और फायदे जानें

सितंबर का महीना पालक की खेती के लिए सबसे मुफीद है। बरसात के बाद खेतों में नमी और ठंडा मौसम पालक को लहलहाने का मौका देता है। जल्दी तैयार होने वाली यह फसल मंडियों में अच्छा दाम दिलाती है, खासकर त्योहारी सीजन में। कम लागत और मेहनत में ज्यादा मुनाफा देने वाली पालक की खेती छोटे और बड़े किसानों के लिए नकदी फसल का बढ़िया विकल्प है। आइए जानें पालक की खेती के लिए जरूरी टिप्स।

मिट्टी और बीज का चयन

पालक की खेती के लिए दोमट मिट्टी और हल्की नमी वाला मौसम सबसे अच्छा है। अगर खेत में पानी ठहरता हो, तो नालियां बनाकर बुवाई करें, ताकि पौधे गलने से बचें। जल्दी फसल चाहिए तो पूसा ज्योति या अल्लाहाबाद सेलेक्शन बीज चुनें। ज्यादा तुड़ाई और लंबे समय के लिए पूसा हरित या हिसार सेलेक्शन बेहतर हैं। हाइब्रिड बीजों से बड़े और गहरे हरे पत्ते मिलते हैं, जो बाजार में खूब पसंद किए जाते हैं। प्रति हेक्टेयर 25-30 किलो बीज काफी है।

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बुवाई और खाद का प्रबंध

बुवाई से पहले बीज को कुछ देर पानी में भिगोएं, इससे अंकुरण तेज होता है। कतार से कतार की दूरी 2 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 5-7 सेंटीमीटर रखें। बीज को हल्की मिट्टी या खाद से ढकें, ज्यादा गहराई न रखें। जुताई के समय गोबर की सड़ी खाद डालें। बुवाई के एक हफ्ते बाद पहली सिंचाई करें, फिर हर 10-12 दिन में हल्की सिंचाई करें। यूरिया की थोड़ी खुराक दो बार डालें, इससे पत्ते मुलायम और गहरे हरे होंगे।

कीट और रोग से बचाव

पालक में खरपतवार जल्दी उगते हैं, इसलिए 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई जरूरी है। अगर पत्तों पर दाग या पीली बीमारी दिखे, तो मैनकोजेब दवा का छिड़काव करें। चेपा (काला कीड़ा) का प्रकोप हो तो नीम तेल का इस्तेमाल प्रभावी है। नियमित निगरानी से फसल को रोगमुक्त रखें, ताकि बाजार में अच्छी कीमत मिले।

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तुड़ाई और मुनाफा

बुवाई के 30-35 दिन बाद पालक की पहली तुड़ाई शुरू हो सकती है। हर हफ्ते तुड़ाई से लगातार हरी पालक मिलती रहेगी। एक हेक्टेयर से 100 क्विंटल से ज्यादा पैदावार आसानी से मिल सकती है। अक्टूबर-नवंबर में त्योहारी मांग के चलते पालक अच्छा दाम लाती है। एक हेक्टेयर से 50-70 हजार रुपये का मुनाफा हो सकता है। छोटे किसान भी थोड़ी जमीन पर पालक उगाकर रोज का खर्च निकाल सकते हैं।

किसानों के लिए सलाह

किसान भाइयों, सितंबर में पालक की खेती का मौका न चूकें। पूसा ज्योति या हिसार सेलेक्शन जैसे उन्नत बीज चुनें। खेत में नमी और खाद का ध्यान रखें। कीटों से बचाव के लिए नीम तेल और मैनकोजेब का इस्तेमाल करें। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें और सही समय पर बुवाई करें। कम लागत में बंपर मुनाफे के लिए पालक की खेती आजमाएं और अपनी कमाई बढ़ाएं।

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  • Shashikant

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