गेहूं उत्पादन बढ़ाने के लिए विकशित की जा रही नई किस्में, शिवराज सिंह चौहान ने की ‘विकसित कृषि संकल्प’ की घोषणा

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान की चुनौतियों के बीच गेहूं उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि विभाग नई किस्में विकसित कर रहा है। ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय (RVSKVV) में 64वीं अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान कार्यकर्ता बैठक में उन्होंने बताया कि सीमित जल उपलब्धता और गर्मी के बावजूद गेहूं की पैदावार बढ़ाने पर काम चल रहा है। चौहान ने पिछले 10 वर्षों में फसल उत्पादन में 44% की वृद्धि और गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना की। उन्होंने 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले ‘विकसित कृषि संकल्प’ अभियान की भी घोषणा की।

‘विकसित कृषि संकल्प’ अभियान

चौहान ने बताया कि 14-15 सितंबर को दिल्ली में रबी सम्मेलन होगा, जिसमें रबी मौसम के लिए फसल उत्पादन बढ़ाने की रणनीतियाँ तैयार की जाएँगी। ‘विकसित कृषि संकल्प’ अभियान 3 अक्टूबर से शुरू होगा, जिसके तहत 2,170 वैज्ञानिकों की टीमें 1.42 लाख गाँवों में 1.34 करोड़ किसानों से मिलीं। यह अभियान वैज्ञानिक अनुसंधान को खेतों तक ले जाएगा, ताकि गेहूं, जौ, दाल, और तिलहन की पैदावार बढ़े। चौहान ने कहा, “कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) हर जिले में नोडल एजेंसी होंगे, और वैज्ञानिक सप्ताह में तीन दिन किसानों के साथ खेतों में काम करेंगे।”

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जलवायु चुनौतियों का सामना

चौहान ने चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन से गेहूं उत्पादन पर संकट है। ग्लूटेन की समस्या और असंतुलित उर्वरकों के उपयोग से फसल को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, “हम ऐसी किस्में विकसित कर रहे हैं, जो उच्च तापमान और कम पानी में भी अच्छी पैदावार दें।” 2024-25 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, गेहूं उत्पादन 86.5 मिलियन टन से बढ़कर 117.5 मिलियन टन हो गया है। चौहान ने नकली उर्वरकों और कीटनाशकों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया, जो किसानों के लिए “अभिशाप” हैं।

किसानों की रक्षा और राष्ट्रीय हित

अमेरिका द्वारा भारत के कृषि उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने के बीच चौहान ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय हितों और किसानों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “कोई समझौता देश और किसानों के हितों के खिलाफ नहीं होगा।” यह बयान भारत के उस रुख का हिस्सा है, जिसमें किसानों, मछुआरों, और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों को प्राथमिकता दी गई है। चौहान ने यह भी कहा कि वह स्वयं सप्ताह में दो दिन खेतों में जाकर किसानों से मिलेंगे।

‘विकसित कृषि संकल्प’ अभियान के तहत उन्नत बीज, जैव-उर्वरक, और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर फसल नुकसान का आकलन और मौसम की भविष्यवाणी की जाएगी। चौहान ने कहा कि AI और डेटा एनालिटिक्स से कृषि अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। रबी मौसम के लिए उर्वरक और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों से मांग नक्शा तैयार करने को कहा गया है।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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