कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का सपना अब हकीकत बन रहा है। महाराष्ट्र के बीड जिले में ग्लोबल विकास ट्रस्ट (GVT) के कृषिकुल सिरसला में 20 हजार किसानों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि अनाज की पारंपरिक खेती छोड़कर फलों की खेती की ओर मुड़े किसानों ने GVT के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया, अच्छे प्लांट लगाए और अपनी आय को 10 गुना बढ़ा लिया। “आज मैंने उन किसानों से प्रत्यक्ष बात की। पैटर्न बदलकर आय बढ़ाई जा सकती है। हमें लागत घटानी है, आय बढ़ानी है ताकि किसान की जिंदगी बदल सके
GVT अभियान, किसानों का पैटर्न बदलाव
ग्रामीण विकास ट्रस्ट (GVT) की ओर से चलाया गया अभियान किसानों को अनाज-केंद्रित खेती से हटाकर फल-बागवानी की ओर ले जा रहा है। महाराष्ट्र के बीड जिले में 20 हजार किसानों ने हिस्सा लिया, जहां उन्होंने फल खेती के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया। चौहान ने कहा, “सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाएं जैसे GVT इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।” अभियान में किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले प्लांट, ड्रिप इरिगेशन और बाजार लिंकेज की जानकारी दी गई। परिणामस्वरूप, कई किसानों की आय 10 गुना बढ़ गई।
उदाहरण के तौर पर, एक किसान जो पहले धान-गेहूं से सालाना 1-2 लाख कमाता था, अब अमरूद, पपीता या केला उगाकर 10-20 लाख कमा रहा है। GVT का ये मॉडल विविधीकरण पर आधारित है, जो जलवायु परिवर्तन के दौर में फसल नुकसान से बचाता है।
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सरकार का प्रयास, उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, आय दोगुनी
चौहान ने जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। “उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, उचित दाम दिलाना, नुकसान की भरपाई, कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन – ये छह प्रमुख आयाम हैं,” उन्होंने कहा। हाल ही में खरीफ 2025-26 के लिए तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दालें-तिलहन खरीद को मंजूरी दी गई, जिसकी कुल राशि ₹15,095.83 करोड़ है। इससे लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत 15 दिनों में 20 राज्यों का दौरा कर किसानों से संवाद किया गया। गुजरात में प्राकृतिक खेती के मॉडल की सराहना करते हुए चौहान ने कहा कि कीटनाशकों का न्यूनतम उपयोग से आय बढ़ रही है।
पैटर्न बदलाव का महत्व
मंत्री ने कहा कि पैटर्न बदलाव से किसान मजबूत होंगे। अनाज फसलों में बाजार उतार-चढ़ाव और मौसम जोखिम ज्यादा है, जबकि फल खेती स्थिर आय देती है। GVT के अभियान में किसानों को अमरूद, नींबू, पपीता जैसी फसलों के लिए ट्रेनिंग दी गई। “खेती के बिना भारत का काम नहीं चलेगा। हम मिलकर इसे आगे बढ़ाएंगे,” चौहान ने जोर दिया। ये अभियान प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देता है, जहां गुजरात के किसान अरंडी, जीरा, खजूर जैसे विशिष्ट उत्पादों से लाभ कमा रहे हैं। 2025 के बजट में नई योजना का इशारा देते हुए चौहान ने कहा कि किसान-उपभोक्ता चैनल कम होंगे, ताकि सस्ता उत्पाद मिले और किसान को ज्यादा दाम।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
चौहान ने GVT जैसी संस्थाओं की भूमिका की सराहना की। “ये अभियान किसानों की व्यावहारिक समस्याओं को सुनता है।” महाराष्ट्र में 20 हजार किसानों के सम्मेलन में उन्होंने प्रत्यक्ष बातचीत की, जहां किसानों ने प्राकृतिक खेती के सुझाव दिए। योजना से गांव के हर व्यक्ति को आजीविका से जोड़ा जाएगा। नकली खाद-बीज के खिलाफ नया कानून लाने का एलान भी किया गया। ये कदम किसानों की आय और सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
कृषि विविधीकरण में चुनौतियां हैं – बाजार पहुंच, तकनीक। लेकिन सरकार NHM, MIDH जैसी योजनाओं से सब्सिडी दे रही है। चौहान ने कहा, “हम अच्छा काम कर रहे हैं और आगे भी करेंगे।” 2025-26 में रबी अभियान के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन में भी इसी दिशा पर फोकस। शिवराज सिंह चौहान का संदेश साफ है – पैटर्न बदलो, आय बढ़ाओ। GVT अभियान जैसे प्रयासों से किसान 10 गुना लाभ कमा रहे हैं। केंद्र-राज्य मिलकर खेती को मजबूत बनाएंगे। किसान भाइयों, फल खेती ट्राई करें – आपकी जिंदगी बदल सकती है।
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