सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने किसानों से कॉल सेंटर और ऑनलाइन पोर्टल्स के जरिए आने वाली शिकायतों को हल करने की रणनीति पर चर्चा की। चौहान ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि अलग-अलग पोर्टल्स की जगह एक ही समर्पित पोर्टल बनाया जाए, जहां किसान अपनी समस्याएं, सुझाव, और मदद की मांग आसानी से दर्ज कर सकें। उनका कहना है कि वे खुद हर हफ्ते किसानों की शिकायतों की समीक्षा करेंगे, ताकि उन्हें जल्द से जल्द राहत मिले। यह कदम हमारे गाँव के किसान भाइयों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।
शिकायतों का तुरंत समाधान, किसानों का हक
शिवराज सिंह चौहान ने साफ कहा कि किसानों की परेशानियों में देरी बर्दाश्त नहीं होगी। चाहे बात खराब मौसम का नुकसान हो या बीज-खाद की शिकायत, हर समस्या का रीयल टाइम में हल होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ काम करें, ताकि किसान हर हाल में खुशहाल रहें। चौहान का मकसद है कि खेती समृद्ध हो और किसानों को समय पर सहायता मिले। यह पहल बिल्कुल वैसी है जैसे गाँव में लोग आपसी भाईचारे से एक-दूसरे की मदद करते हैं। अब तक कई हेल्पलाइन कॉल्स और शिकायतें आई हैं, जिनका समाधान तेजी से शुरू हो गया है।
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बैठक में चौहान ने अधिकारियों से किसानों की शिकायतों की गहन समीक्षा की, जिसमें नकली या घटिया खाद, बीज, और कीटनाशकों की समस्या सबसे बड़ी थी। उन्होंने कहा कि राज्यों में घूमते हुए भी उन्हें ऐसी शिकायतें मिली हैं। उनका मानना है कि किसानों को ठगने से बचाने के लिए अमानक उत्पादों की बिक्री पर सख्त रोक लगानी होगी। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर कार्रवाई करनी होगी, ताकि हमारे किसान भाई-बहन सुरक्षित रहें। चौहान ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और जल्द वर्चुअल मीटिंग भी करेंगे, ताकि इस समस्या का स्थायी हल निकले। यह कदम किसानों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच बन सकता है।
अवैध बायोस्टिमुलेंट पर नाराजगी, जागरूकता का आह्वान
केंद्रीय मंत्री ने अवैध बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) की बिक्री पर गहरी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि सिर्फ 146 नोटिफाइड बायोस्टिमुलेंट ही बिक्री के लिए मान्य हैं, बाकी की बिक्री पर सख्ती बरती जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर कदम उठाएं और किसानों को जागरूक करें। इसके लिए सोशल मीडिया और स्थानीय पंचायतों के जरिए प्रमाणित बायोस्टिमुलेंट की सूची पहुंचाई जाएगी। यह पहल हमारे किसानों को गलत उत्पादों से बचाएगी और उनकी फसलों को सही पोषण देगी। गाँवों में जागरूकता अभियान से यह संदेश हर किसान तक पहुंचेगा।
चौहान ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना से जुड़ी शिकायतों पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं किसानों के लिए वरदान हैं, इसलिए हर शिकायत का तुरंत समाधान हो। अधिकारी किसानों से संपर्क करके उनका फीडबैक लें, ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके। बैठक में कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने भी सुझाव दिए, जो किसानों की बेहतरी के लिए उपयोगी होंगे। यह कदम हमारे गाँव के किसानों को आर्थिक स्थिरता देने में मदद करेगा, जैसे बारिश के बाद खेतों को फिर से तैयार करना एकजुटता से होता है।
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स्वदेशी का संकल्प, देश को मजबूत बनाएं
बैठक में केंद्रीय मंत्री और अधिकारीगणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “स्वदेशी अपनाओ” के आह्वान को गले लगाया। शिवराज सिंह चौहान और कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में जितना हो सके स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करेंगे। यह कदम न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि गाँव के छोटे व्यापारियों और किसानों को भी फायदा पहुंचाएगा। स्वदेशी खाद, बीज, और उपकरणों का उपयोग करने से हमारी खेती आत्मनिर्भर बनेगी। यह बदलाव हमारे खेतों और घरों को नई दिशा देगा।
किसानों के लिए तकनीकी सहायता बढ़ाने के लिए एक नया पोर्टल जल्द लॉन्च होगा, जहां वे मौसम की जानकारी और सलाह ले सकेंगे। साथ ही, बाढ़ या सूखे जैसे नुकसान पर मुआवजा पाने के लिए पंचनामा प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दावों का निपटारा 15 दिन में होगा। अपने नजदीकी तहसील या कृषि केंद्र से संपर्क करें और इन लाभों का फायदा उठाएं। यह पहल हमारे किसानों को हर मुश्किल से लड़ने की ताकत देगी।
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