सिर्फ ₹200 में शुरू करें रेशम कीड़े का बिजनेस, कमाई होगी लाखों में

Silkworm Farming: अगर रोजगार की चिंता सता रही है और कोई रास्ता नहीं दिख रहा, तो बहराइच का रेशम कीट पालन आपके लिए सुनहरा मौका लाया है। ये ऐसा धंधा है, जो कम पैसे में शुरू हो जाता है और मेहनत का फल मालामाल करके देता है। बहराइच में रेशम कीट पालन बड़ा नाम कमा रहा है। यहाँ की जमीन और मौसम इसे उगाने के लिए बिल्कुल सही हैं। सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए दिल खोलकर मदद कर रही है। शहतूत के पेड़ मुफ्त में मिलते हैं, ट्रेनिंग मुफ्त में दी जाती है, और ऊपर से कम खर्च में ये धंधा शुरू हो जाता है। तो आइए, इसकी पूरी बात समझें और इसे शुरू करने का तरीका जानें।

कम पैसों में शुरू करें ये धंधा

रेशम कीट पालन की सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसके लिए जेब ढीली करने की जरूरत नहीं। बस आपको अपने नजदीकी रेशम विभाग से संपर्क करना है। अगर आपके पास अपनी जमीन नहीं है, तो भी चिंता न करें। विभाग आपको एक कमरा देगा, जहाँ ये काम शुरू हो सकता है। सिर्फ 100 से 200 रुपये की छोटी सी किट लेकर आप इसे चालू कर सकते हैं। कीटों के खाने के लिए शहतूत की पत्तियाँ भी मुफ्त में मिलेंगी। अगर अपनी जमीन पर करना चाहते हैं, तो शहतूत के पेड़ लगाइए और विभाग से ट्रेनिंग ले लीजिए। ये धंधा इतना आसान है कि मेहनत और लगन से आपकी जिंदगी बदल सकती है।

रेशम कीट पालने का आसान तरीका

रेशम कीट पालना कोई बड़ी बात नहीं। जिस कमरे में कीट रखे जाते हैं, वहाँ सुबह-शाम यानी दिन में दो से चार बार शहतूत की पत्तियाँ डालनी होती हैं। रेशम विभाग वाले बताते हैं कि पहले पत्तियों को तोड़कर कुछ देर फैलाना पड़ता है, ताकि उनकी गर्मी निकल जाए। 1-2 घंटे बाद, जब पत्तियाँ ठंडी हो जाएँ, उन्हें काटकर कीटों की ट्रे में डाल दें। ये काम दिन में चार बार करना है – सुबह से शाम तक। बस इतनी सी मेहनत, और कीट बढ़ते जाएँगे। रेशम तैयार होगा, तो बाजार में अच्छा दाम मिलेगा। सरकार की मदद से हर कदम पर सहारा मिलेगा, तो डरने की कोई बात नहीं।

कहाँ से शुरू करें, कैसे मिलेगी मदद

अगर आप बहराइच में हैं, तो कल्पीपारा के पास रेशम विभाग का दफ्तर आपका इंतजार कर रहा है। वहाँ जाइए, बात कीजिए, और सारी जानकारी ले लीजिए। अगर दूसरी जगह से हैं, तो उत्तर प्रदेश के हर जिले में रेशम विभाग के लोग मौजूद हैं। उनसे मिलें, अपनी जमीन या सरकार का कमरा इस्तेमाल करें, और ये धंधा शुरू कर दें। विभाग आपको ट्रेनिंग देगा, शहतूत के पेड़ देगा, और हर कदम पर साथ देगा। बस थोड़ी हिम्मत चाहिए, फिर देखिए कैसे रेशम की चमक आपकी जिंदगी में रोशनी भर देती है।

मेहनत का फल

रेशम कीट पालन में खर्च कम और फायदा ज्यादा है। शहतूत की पत्तियों पर कीट पलते हैं, और कुछ ही हफ्तों में रेशम बनकर तैयार हो जाता है। इसे बाजार में बेचें, और अच्छी कमाई घर लाएँ। बहराइच में ये धंधा पहले से चल रहा है, और अब सरकार की मदद से और बढ़ेगा। ये न सिर्फ रोजगार देता है, बल्कि गाँव की तरक्की में भी हाथ बँटाता है। जो लोग मेहनत करने को तैयार हैं, उनके लिए ये सोने की खान है। थोड़े से पैसे और थोड़ी सी मेहनत से आप भी मालामाल हो सकते हैं।

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  • Shashikant

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