किसान भाइयों, भारतीय कृषि में नई तकनीकों और उन्नत किस्मों की जरूरत बढ़ती जा रही है, और इसी दिशा में SKS-707 चुकंदर एक शानदार विकल्प के रूप में सामने आया है। यह चीनी चुकंदर की एक आधुनिक हाइब्रिड किस्म है, जो किसानों को मुनाफा और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी का वादा करती है। चीनी चुकंदर (Sugar Beet) का उपयोग मुख्य रूप से चीनी उत्पादन के लिए होता है, और SKS-707 इसके लिए खासतौर पर विकसित की गई है। आइए, इस किस्म की खेती, इसके लाभों, और इसे अपनाने के तरीकों को विस्तार से जानते हैं, जो आपके खेत को समृद्ध बना सकता है।
SKS-707 की खासियत और खेती का तरीका
SKS-707 एक ऐसी चुकंदर किस्म है जो मध्यम से ठंडे मौसम में बेहतर परिणाम देती है। यह 90-120 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जो इसे जल्दी फसल चक्र के लिए उपयुक्त बनाता है। इसकी जड़ें मोटी और चीनी से भरपूर होती हैं, जिसमें 15-18% तक सुक्रोज (चीनी) पाया जाता है। इसे उगाने के लिए उपजाऊ दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है, जिसमें अच्छी जल निकासी हो। मिट्टी का पीएच 6.5-7.5 के बीच होना चाहिए, और खेत को अच्छी तरह जोतकर तैयार करना जरूरी है ताकि बीज को नमी और पोषण मिल सके।
ये भी पढ़ें – इस बैंगन की फसल से एक किसान बन जाएगा लाखपति, जानिए ‘नैनो बम’ का राज!
खेती के लिए बीज बोने का सही समय फरवरी-मार्च या सितंबर-अक्टूबर है, जब तापमान 15-25 डिग्री सेल्सियस के बीच हो। बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर 50-60 सेंटीमीटर की दूरी पर बोएं। प्रति हेक्टेयर 10-12 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। शुरुआती दौर में नियमित सिंचाई जरूरी है, लेकिन फसल पकने से 2-3 हफ्ते पहले पानी कम कर दें ताकि चीनी की मात्रा बढ़े। इस किस्म को खरपतवार से बचाने के लिए 2-3 बार गुड़ाई करें और जैविक खाद या 100-120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60-80 किलोग्राम फॉस्फोरस, और 40-50 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें।
लाभ और आर्थिक संभावनाएं
SKS-707 प्रति हेक्टेयर 40-50 टन उपज दे सकता है, जो किसानों के लिए अच्छा मुनाफा ला सकता है। इसके जड़ों से निकली चीनी न केवल खाद्य उद्योग में उपयोगी है, बल्कि इससे शराब, बायोफ्यूल, और पशु चारा जैसे उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं। पत्तियों को हरा चारा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो पशुपालन में सहायक है। यह किस्म कम पानी और उर्वरक की मांग करती है, जो सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो सकती है। इसके अलावा, यह मिट्टी की नमी बनाए रखने में मदद करती है, जो टिकाऊ खेती को बढ़ावा देती है।
इसके औद्योगिक उपयोग से किसानों को बाजार में बेहतर कीमत मिल सकती है, खासकर चीनी मिलों और बायोएनर्जी क्षेत्र में। युवा किसान इसे आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रिप सिंचाई और मशीनरी के साथ जोड़कर और ज्यादा लाभ कमा सकते हैं। यह किस्म नई पीढ़ी के लिए खेती को आकर्षक बनाती है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
ये भी पढ़ें – मात्र 65 दिन में सेम की खेती से लाखों की कमाई कैसे करें? सेम की शानदार किस्म, पुसा अर्ली प्रोलिफिक
चुकंदर की खेती में आने वाली चुनौतियां
हालांकि SKS-707 की खेती आसान है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं। कीटों जैसे नेमाटोड और बीमारियों जैसे जड़ सड़न से बचाव के लिए फसल चक्र अपनाएं, जिसमें कम से कम 3 साल का अंतर रखें। बीज बोने से पहले मिट्टी की जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर जैविक कीटनाशक या फफूंदनाशक का उपयोग करें। इसके अलावा, किसानों को इस किस्म के बारे में जागरूकता की कमी का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय कृषि केंद्रों और सरकार की मदद से प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर इसकी जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जा सकती है।
साथियों, SKS-707 चुकंदर आपके खेतों में हरियाली और समृद्धि ला सकता है। यह न केवल चीनी उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि इससे जुड़े अन्य उत्पादों से आपकी आय में इजाफा होगा। आधुनिक तकनीकों को अपनाएं और अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें। सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी और बीज वितरण का लाभ उठाएं, ताकि आप इस नई किस्म से अधिकतम फायदा उठा सकें।
किसान भाईयों, SKS-707 चुकंदर की खेती को अपनाकर अपनी मेहनत को मुनाफे में बदलें। यह फसल न केवल आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि देश की खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा में भी योगदान देगी।
SKS-707 चुकंदर एक आधुनिक हाइब्रिड शुगर बीट किस्म है, जो किसानों को अधिक चीनी उत्पादन, कम लागत और बेहतर मुनाफे का वादा करती है। जानिए इसकी खेती का तरीका, लाभ, और चुनौतियों से निपटने के उपाय।
ये भी पढ़ें – धनिया-चुकंदर की फटाफट खेती! बस घर लाएं यह कंटेनर और रोज डालें किचन का बचा हुआ ये सामान