ट्यूबवेल के पास करें ये छोटा सा देसी सेटअप, घर बैठे 3 KM दूर से भी कर सकेंगे ऑन-ऑफ!

Smart Water Pump Controller : अब किसान भाइयों को रात के अंधेरे में खेत पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्मार्ट तकनीक की मदद से आप घर बैठे, 3 किलोमीटर दूर से ही ट्यूबवेल को ऑन या ऑफ कर सकते हैं। बिना किसी जोखिम के फसलों की सिंचाई आसान हो गई है। खेती में ट्यूबवेल पानी देने का सबसे बड़ा जरिया है। हालाँकि कुछ जगहों पर इंजन या नहरों से भी सिंचाई होती है, लेकिन ट्यूबवेल का चलन सबसे ज्यादा है। इसे चलाने के लिए बिजली चाहिए होती है।

ट्यूबवेल में एक स्टार्टर लगा होता है, जो बिजली को मोटर तक पहुँचाता है। फिर मोटर चलती है और बोरिंग से पानी निकलता है। पहले स्टार्टर ऑन करने के लिए किसानों को खेत तक जाना पड़ता था, लेकिन अब एक धाँसू स्मार्ट वॉटर पंप कंट्रोलर आ गया है, जो इस झंझट को खत्म कर देता है। चलिए, जानते हैं कि ये स्मार्ट तरीका आपकी खेती को कैसे आसान बना सकता है।

स्मार्ट वॉटर पंप कंट्रोलर की खासियत

ये स्मार्ट वॉटर पंप कंट्रोलर किसानों के लिए गेम-चेंजर है। इसके साथ अब ट्यूबवेल तक जाने की जरूरत नहीं। घर बैठे ही आप इसे चला सकते हैं। इस कंट्रोलर में एक रिमोट, एक एंटीना और एक कंट्रोल यूनिट होती है, जिसे ट्यूबवेल के स्टार्टर से जोड़ दिया जाता है। इसे लगाना इतना आसान है कि किसान खुद भी इसे इंस्टॉल कर सकते हैं। कंट्रोलर के साथ एक छोटा एंटीना आता है, जिसे ट्यूबवेल पर फिट कर देते हैं।

ये एंटीना रेडियो फ्रीक्वेंसी से रिमोट के साथ जुड़ता है। जब आप रिमोट से कमांड देते हैं, तो एंटीना सिग्नल कंट्रोलर को भेजता है। फिर कंट्रोलर स्टार्टर को ऑन या ऑफ करने का आदेश देता है। बस, आपका ट्यूबवेल चालू या बंद हो जाता है। रिमोट से ये भी चेक कर सकते हैं कि ट्यूबवेल चल रहा है या नहीं। रिमोट में दो डबल AA बैटरी लगती हैं, जो इसे लंबे वक्त तक चलाती हैं।

कैसे काम करता है ये सिस्टम

इस स्मार्ट कंट्रोलर का सिस्टम बड़ा आसान और कारगर है। ट्यूबवेल के स्टार्टर के साथ कंट्रोलर को जोड़ते हैं। फिर एंटीना को ऊँची जगह पर ट्यूबवेल के पास लगा देते हैं, ताकि सिग्नल में दिक्कत न आए। रिमोट को अपने पास रखें। जब खेत में पानी देना हो, तो रिमोट का बटन दबाएँ, ट्यूबवेल चालू हो जाएगा। काम खत्म होने पर दूसरा बटन दबाकर इसे बंद कर दें। ये रिमोट 3 किलोमीटर तक काम करता है, यानी घर से खेत की दूरी ज्यादा हो, तब भी परेशानी नहीं। अगर बिजली चली जाए या मोटर में कोई खराबी हो, तो रिमोट पर स्टेटस दिख जाता है। इससे किसानों का वक्त और मेहनत दोनों बचते हैं।

फायदे और इस्तेमाल का तरीका

ये स्मार्ट तरीका कई तरह से फायदेमंद है। सबसे बड़ा फायदा ये कि रात में खेत जाने का जोखिम खत्म हो जाता है। साँप-बिच्छू या बिजली के झटके का डर नहीं रहता। दूसरा, पानी देने का सही वक्त चुन सकते हैं, जिससे फसल को पूरा फायदा मिलता है। इसे लगाने में ज्यादा खर्चा भी नहीं है। बाजार में ये कंट्रोलर 5,000 से 10,000 रुपये में मिल जाता है, जो ब्रांड और रेंज पर निर्भर करता है। इंस्टॉल करने के लिए बस स्टार्टर के तारों को कंट्रोलर से जोड़ें और एंटीना फिट करें। अगर समझ न आए, तो बिजली मिस्त्री से मदद ले लें। एक बार लग जाने के बाद ये सालों तक बिना परेशानी के चलता है।

खेती को बनाएँ स्मार्ट

स्मार्ट वॉटर पंप कंट्रोलर से सिंचाई न सिर्फ आसान होती है, बल्कि पानी की बचत भी होती है। सही वक्त पर ट्यूबवेल चलाने से फसल की पैदावार बढ़ती है। किसान भाइयों, अब मेहनत को स्मार्ट तरीके से करें। रात को खेत जाने की बजाय घर से ही सब कंट्रोल करें। इस तकनीक को अपनाएँ और अपनी खेती को नई ऊँचाई दें। कम मेहनत में ज्यादा फायदा कमाने का ये मौका हाथ से न जाने दें।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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