ये एक कार्ड बदल देगा आपकी खेती की तक़दीर, जानिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड का कमाल

किसान भाइयों, खेती-किसानी में अब वैज्ञानिक तरीका अपनाना जरूरी हो गया है। परंपरागत अंदाज़ से खेती करने के दिन अब बीत चुके हैं। किसान अब अपनी मिट्टी को पहचानकर ही फसल का चयन कर रहे हैं, जिससे उनकी उपज तो बढ़ी ही है, साथ ही लागत भी कम हुई है। यह सब संभव हुआ है “मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना” यानी Soil Health Card (SHC) से।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड क्या है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) एक ऐसा दस्तावेज है जो किसी खेत की मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की स्थिति को दर्शाता है। इसमें कुल 12 मापदंडों पर मिट्टी की जांच की जाती है, जिसमें मुख्य पोषक तत्व (NPK), सूक्ष्म पोषक तत्व (Zn, Fe, Mn, Cu, B), द्वितीयक पोषक तत्व (S) और भौतिक गुण जैसे pH, EC और कार्बन की मात्रा शामिल होती है।

इस कार्ड में किसान को यह सलाह दी जाती है कि उसकी जमीन में कौन-से तत्वों की कमी है, कौन-सी फसल लगानी चाहिए, किस उर्वरक का उपयोग करना चाहिए और उसकी मात्रा क्या होनी चाहिए।

क्यों है यह योजना जरूरी?

भारत के अधिकतर किसान अंदाज़ से खेती करते हैं। बिना यह जाने कि उनकी मिट्टी में क्या कमी है, वे बार-बार एक ही तरह के उर्वरक और फसलें लगाते हैं। इससे न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता घटती है, बल्कि उत्पादन भी कमजोर होता है।

SHC योजना इसी समस्या का समाधान देती है। इससे किसान वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर खेती कर सकते हैं, जिससे:

  • उत्पादन 25% तक बढ़ सकता है

  • उर्वरकों की खपत 20% तक घटाई जा सकती है

  • मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार आता है

  • लागत कम और मुनाफा ज़्यादा होता है

कैसे बनता है मृदा स्वास्थ्य कार्ड?

किसी भी किसान का SHC बनाने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. मिट्टी का नमूना लेना: किसान की जमीन से 15-20 सेंटीमीटर गहराई पर से मिट्टी का नमूना लिया जाता है।

  2. भूमि का जियो-टैगिंग: मोबाइल ऐप के माध्यम से किसान की ज़मीन की लोकेशन को रिकॉर्ड किया जाता है और QR कोड बनाया जाता है।

  3. प्रयोगशाला परीक्षण: नमूने को राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित Soil Testing Lab (STL) में भेजा जाता है।

  4. विश्लेषण और सिफारिश: जांच रिपोर्ट तैयार कर किसान को मिट्टी में सुधार के उपाय, फसल और उर्वरक की सिफारिश दी जाती है।

  5. कार्ड का वितरण: कार्ड को प्रिंट करके किसान को निःशुल्क या न्यूनतम शुल्क पर दिया जाता है।

किन-किन बातों की जांच की जाती है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में निम्नलिखित तत्वों की स्थिति बताई जाती है:

  • मुख्य पोषक तत्व: नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटैशियम (K)

  • द्वितीयक पोषक तत्व: सल्फर (S)

  • सूक्ष्म पोषक तत्व: जिंक (Zn), आयरन (Fe), मैंगनीज (Mn), कॉपर (Cu), बोरॉन (Bo)

  • भौतिक गुण: pH (अम्लीयता), EC (विद्युत चालकता), OC (जैविक कार्बन)

लागत कितनी आती है?

हालांकि सरकार इस योजना को निःशुल्क बता रही है, लेकिन हर कार्ड की प्रक्रिया में कुल ₹300 की लागत आती है, जो इस प्रकार है:

क्रमकार्यलागत (रु.)
1मिट्टी नमूना संग्रह और किट₹50
2प्रयोगशाला संविदात्मक सेवा₹40
3रसायन व उपकरण आदि₹188
4कार्ड का मुद्रण व वितरण₹5
5जागरूकता व प्रदर्शन₹15
6प्रयोगशाला रख-रखाव₹2
कुल लागत₹300

कहां और कैसे कराएं आवेदन?

कोई भी किसान अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र, जिला कृषि अधिकारी कार्यालय, या राज्य नोडल अधिकारी से संपर्क करके मिट्टी की जांच करवा सकता है। वहां से संबंधित एजेंट किसान की भूमि पर जाकर सैंपल एकत्र करता है और आगे की प्रक्रिया पूरी करता है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभ

  • उर्वरक की सटीक जानकारी: कौन-सा उर्वरक कब और कितना देना है, यह स्पष्ट होता है।

  • फसल चयन में मदद: मिट्टी के अनुसार फसल लगाने की सलाह मिलती है।

  • मिट्टी की देखभाल: जैविक कार्बन, pH और अन्य गुणों की जानकारी से मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलती है।

  • लागत में बचत: बिना जरूरत के उर्वरक डालने की आदत खत्म होती है, जिससे खर्च घटता है।

  • उत्पादन में वृद्धि: सही उर्वरक और फसल चयन से उपज में बड़ा सुधार आता है।

किसानों के अनुभव

उत्तर प्रदेश के किसान मनोज यादव बताते हैं, “हमने 2023 में SHC बनवाया और मिट्टी में पोटैशियम की कमी पाई गई। जब से हमने उसकी भरपाई की, गेहूं की पैदावार 4 कुंटल प्रति बीघा बढ़ गई।”

गाजीपुर के एक और किसान रामप्रकाश कहते हैं, “पहले हम हर बार डीएपी और यूरिया डालते थे। अब SHC के अनुसार खाद डालते हैं और खर्च भी घटा है, मुनाफा बढ़ा है।”

मृदा का स्वास्थ्य, किसान की संपत्ति

मृदा स्वास्थ्य कार्ड न केवल मिट्टी की स्थिति बताता है, बल्कि यह किसान को एक समझदार, वैज्ञानिक और लाभदायक खेती की ओर ले जाता है। यदि आपने अभी तक अपनी ज़मीन की मिट्टी की जांच नहीं करवाई है, तो देर न करें।

आज ही अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें और मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाएं। यह कदम आपकी खेती की दिशा बदल सकता है और आपकी आय को कई गुना बढ़ा सकता है।

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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