मई में खाली पड़े खेत में करे धनिया की इस किस्म की बुवाई, 45 दिन में होगी तगड़ी कमाई

Dhaniya RCR 728 Variety: मई का महीना चल रहा है, और रबी फसलों की कटाई के बाद खेत खाली पड़े हैं। ऐसे में धनिया की खेती किसानों के लिए अतिरिक्त कमाई का शानदार मौका ला रही है। धनिया की आरसीआर 728 किस्म सिर्फ 50 रुपये की लागत में 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती है, और इससे अच्छी पैदावार मिलती है। बरसात के मौसम में धनिया की पत्तियों की कीमत आसमान छूती है, जिससे किसानों को मोटा मुनाफा होता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस किस्म से एक एकड़ में 8 से 10 क्विंटल तक उपज मिल सकती है। सही खेती के तरीकों के साथ ये फसल खाली खेतों को आय का स्रोत बना सकती है।

धनिया की खेती क्यों फायदेमंद

धनिया की खेती गर्मियों और बरसात में आसानी से की जा सकती है। ये फसल कम समय में तैयार होती है, जिससे किसानों को जल्दी कमाई का मौका मिलता है। धनिया की पत्तियाँ सब्जी के रूप में और बीज मसाले के तौर पर बाजार में बिकते हैं। बरसात में इसकी माँग घरों, होटलों और रेस्तरां में बढ़ जाती है, जिससे कीमत भी अच्छी मिलती है। कम लागत और कम मेहनत की वजह से धनिया छोटे और सीमांत किसानों के लिए आदर्श फसल है। खाली पड़े खेतों का उपयोग करके किसान इस मौसम में अपनी आय बढ़ा सकते हैं। ये फसल न सिर्फ मुनाफा देती है, बल्कि खेतों को बंजर होने से भी बचाती है।

आरसीआर 728 की खूबियाँ- Dhaniya RCR 728 Variety

धनिया की आरसीआर 728 किस्म अपनी तेज़ वृद्धि और शानदार पैदावार के लिए मशहूर है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश बताते हैं कि ये किस्म 40 से 45 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 7 से 8 किलो बीज की जरूरत होती है। इस किस्म की पत्तियाँ हरी, सुगंधित और बाजार में खूब पसंद की जाती हैं। एक एकड़ में 8 से 10 क्विंटल तक उपज मिल सकती है, जो किसानों के लिए मुनाफे का बड़ा रास्ता खोलती है। ये किस्म गर्म और आर्द्र मौसम में अच्छा प्रदर्शन करती है, जिसके कारण ये बरसात के समय के लिए सबसे उपयुक्त है।

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खेत तैयार करने का सही तरीका

धनिया की खेती में खेत की तैयारी बहुत मायने रखती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बुवाई से पहले खेत में पानी के निकास की व्यवस्था जरूरी है। पानी का ठहराव फसल को नुकसान पहुँचा सकता है। दोमट मिट्टी धनिया की खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। इसके बाद गोबर की खाद डालकर मिट्टी को तैयार करना चाहिए। गोबर की खाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और फसल की बढ़ोतरी में मदद करती है। बीजों को सही दूरी पर बोना चाहिए, ताकि पौधों को पर्याप्त जगह मिले और पैदावार बेहतर हो।

बुवाई और देखरेख

धनिया की बुवाई के लिए मई से जुलाई का समय सबसे अच्छा है, खासकर बरसात शुरू होने से पहले। प्रति हेक्टेयर 7 से 8 किलो बीज काफी हैं। बुवाई के बाद नियमित रूप से पानी देना चाहिए, लेकिन पानी का ठहराव रोकना जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि खरपतवार को समय-समय पर हटाना चाहिए, ताकि फसल की वृद्धि पर असर न पड़े। सही देखरेख के साथ धनिया की फसल 45 से 50 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस दौरान कीटों और बीमारियों पर नजर रखनी चाहिए, ताकि फसल सुरक्षित रहे।

कम लागत में ज्यादा कमाई

धनिया की आरसीआर 728 किस्म की खेती में बहुत कम लागत लगती है। प्रति एकड़ खेती के लिए करीब 50 रुपये के बीज और गोबर की खाद काफी है। बरसात में धनिया की पत्तियों की कीमत 100 से 150 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है। एक एकड़ में 8 से 10 क्विंटल पैदावार से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। बाजार में धनिया की माँग साल भर रहती है, लेकिन बरसात में इसकी कीमत ज्यादा मिलती है। कम समय में तैयार होने की वजह से ये फसल किसानों को जल्दी आय देती है।

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  • Shashikant

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