मूंग की PS 16 और पूसा विशाल किस्में सबसे बेहतरीन! बुवाई से पहले अपनाएं ये तरीका, होगी बंपर पैदावार

Sowing of Moong: अगर आप अपने खेत में मूंग की फसल उगाने का मन बना रहे हैं, तो मार्च और अप्रैल का महीना इसके लिए सबसे सही वक्त है। पटना के कृषि अनुसंधान केंद्र के बड़े जानकार डॉ. एस.पी. सिन्हा बताते हैं कि मूंग की बुवाई के लिए 15 अप्रैल तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है। उनका कहना है कि अगर सही किस्म चुनकर सही तरीके से खेती की जाए, तो फसल से बढ़िया पैदावार के साथ-साथ अच्छी क्वालिटी भी मिल सकती है।

बुवाई के लिए सही किस्म का चयन

डॉ. सिन्हा के मुताबिक, मूंग की खेती में किस्म चुनना बहुत जरूरी है। हर समय के हिसाब से अलग-अलग किस्में बेहतर काम करती हैं। अगर मार्च के आखिरी दिन बचे हैं, तो PS 16 और पूसा विशाल जैसी किस्में बुवाई के लिए बढ़िया हैं। ये किस्में 70 से 75 दिन में तैयार हो जाती हैं और प्रति हेक्टेयर 10 से 18 क्विंटल तक फसल दे सकती हैं। इनकी बुवाई 31 मार्च तक कर लेनी चाहिए। PS 16 को पूरे बिहार में उगाया जा सकता है, वहीं पूसा विशाल का दाना बड़ा होता है और ये रोगों से भी कम लड़ता है।

अगर आप 15 मार्च से 10 अप्रैल के बीच बुवाई करने वाले हैं, तो सम्राट, सोना और SML 668 आपके लिए अच्छे विकल्प हैं। सम्राट का दाना भले ही छोटा हो, लेकिन ये रोगों को आसानी से झेल लेता है। सोना किस्म पीले रंग की होती है और इसकी फलियां एक साथ पकती हैं, जिससे कटाई में मेहनत कम लगती है। वहीं, SML 668 का दाना बड़ा होता है, लेकिन इसमें पीली भित्ति रोग का खतरा ज्यादा रहता है। इसे लगाने में थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है।

खेत की तैयारी और खाद का इस्तेमाल

मूंग की बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार करना जरूरी है। डॉ. सिन्हा कहते हैं कि प्रति हेक्टेयर 20 से 25 किलो बीज काफी होता है। बुवाई से पहले 100 किलो डाई अमोनियम फास्फेट (DAP) को मिट्टी में अच्छे से मिला देना चाहिए। इससे फसल को शुरू से ही जरूरी ताकत मिलती है। बुवाई करते वक्त कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें। साथ ही, मिट्टी में नमी का होना भी जरूरी है, ताकि बीज अच्छे से अंकुरित हो सकें।

बुवाई के 20-25 दिन बाद खेत में निकाई-गुड़ाई कर लेनी चाहिए। इससे खरपतवार हट जाता है और फसल को पोषण मिलता रहता है। फूल और फलियों की तादाद बढ़ाने के लिए बुवाई के 30-35 दिन बाद मल्टीप्लेक्स का छिड़काव करें। 5 लीटर पानी में 1 लीटर मल्टीप्लेक्स घोलकर फसल पर डालें। इससे दाना मजबूत होता है और पैदावार भी बढ़ती है।

रोगों से बचाव के आसान उपाय

मूंग की फसल में पित चितरी रोग का खतरा बना रहता है, जो फसल को बर्बाद कर सकता है। डॉ. सिन्हा बताते हैं कि इससे बचने के लिए मेटासिस्टाक्स या इमिडाक्लोप्रिड जैसी दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। 1 लीटर पानी में 1 मिलीलीटर दवा मिलाकर फसल पर डालें। अगर कोई पौधा पीला पड़ जाए, तो उसे तुरंत खेत से हटाकर जला दें या मिट्टी में गाड़ दें, ताकि रोग फैलने से रुक जाए। थोड़ी सी सावधानी से फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है।

मूंग की खेती से फायदा

मूंग की खेती सही समय और सही तरीके से करने से किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है। ये फसल कम वक्त में तैयार होती है और मिट्टी को भी ताकत देती है। सही किस्म, खेत की तैयारी और रोगों से बचाव पर ध्यान देकर आप अपनी मेहनत का पूरा फल ले सकते हैं। मार्च-अप्रैल का मौका हाथ से न जाने दें, अभी से तैयारी शुरू कर दें।

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  • Shashikant

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