मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए भावांतर योजना को तेजी से लागू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस योजना को किसानों के हित में शुरू किया, और इसका असर साफ दिख रहा है। अब तक 9.36 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है, जो योजना की लोकप्रियता को दर्शाता है। खासकर उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर जैसे सात जिलों में 50,000 से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया है। यह प्रतिक्रिया सरकार के प्रचार अभियान की सफलता का प्रमाण है। किसान अब उम्मीद बांधे हुए हैं कि उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा।
पंजीकरण में दिखा किसानों का जोश, 21 जिलों में 10,000+ नाम दर्ज
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि योजना किसानों की आय सुनिश्चित करने का मजबूत माध्यम बनेगी। 21 जिलों में 10,000 से ज्यादा पंजीकरण हो चुके हैं, जो ग्रामीण इलाकों में उत्साह का संकेत है। सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया को सरल रखा है, ताकि छोटे किसान भी आसानी से जुड़ सकें। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मंडियों और उपमंडियों में सोयाबीन खरीद की पूरी तैयारी हो। किसानों को योजना की बारीकियां समझाने के लिए जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ विश्वास बढ़ा है, बल्कि पंजीकरण की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
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किसानों के लिए सुविधाजनक प्रक्रिया
योजना की सफलता का राज सरलता और पारदर्शिता है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि पंजीकरण से लेकर भुगतान तक सब कुछ आसान होना चाहिए। सोयाबीन खरीद 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक चलेगी। मंडियों में ई-उपार्जन और ई-मंडी पोर्टल से इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया होगी। तकनीकी टीमों और कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। हर मंडी में हेल्प डेस्क बने हैं, जहां किसान अपनी शिकायतें रख सकेंगे। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होगी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। यह व्यवस्था किसानों को भरोसा दिला रही है।
डीबीटी से सीधा बैंक ट्रांसफर
भावांतर राशि का भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से किसानों के पंजीकृत बैंक खातों में जाएगा। इससे मध्यस्थों की भूमिका खत्म हो जाएगी और पैसा तेजी से पहुंचेगा। भुगतान के साथ ही किसानों को एसएमएस अलर्ट मिलेगा, जिसमें पूरी डिटेल्स होंगी। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने का सराहनीय प्रयास है। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि किसान अपनी फसल का सही मूल्य पाएं, चाहे बाजार की कीमतें उतार-चढ़ाव वाली हों। योजना से सोयाबीन किसानों को भावी नुकसान से बचाव मिलेगा।
सोलर पंप योजना
भावांतर के साथ ही मुख्यमंत्री ने सोलर पंप योजना पर भी फोकस किया है। यह अभियान किसानों को बिजली की निर्भरता से आजाद करेगा। सौर ऊर्जा से सिंचाई सस्ती हो जाएगी, और पर्यावरण को भी फायदा होगा। प्रदेशभर में सोलर पंप लगाने का लक्ष्य है, ताकि खेती अधिक किफायती बने। डॉ. यादव के नेतृत्व में ये योजनाएं किसानों के जीवन को बदलने वाली हैं। सोयाबीन जैसे फसलों की खेती अब ज्यादा लाभदायक लग रही है।
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