सोयाबीन की फसल में अचानक बीमारी या कीट लग जाए तो किसान सबसे ज्यादा घबराते हैं। पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं, दाग बढ़ने लगते हैं और नुकसान का अंदेशा आधी रात तक चैन नहीं लेने देता। लेकिन अब यह समस्या हमेशा के लिए खत्म होने जा रही है। नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर सोयाबीन (NRCS), इंदौर ने किसानों के लिए ऐसा AI ऐप विकसित किया है, जो फसल की फोटो देखकर तुरंत बीमारी की पहचान करेगा और सही इलाज बताएगा। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र के लाखों किसान इस ऐप का फायदा उठा सकेंगे, क्योंकि रबी सीजन की शुरुआत में यह टूल फसल बचाने का असली हथियार बन सकता है।
इस ऐप का नाम है सोयाबीन ज्ञान। NRCS की प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सविता कोल्हे कहती हैं कि यह ऐप किसान के मोबाइल में बैठा “फसल डॉक्टर” है। बस फसल की फोटो खींचकर ऐप में अपलोड करें, और कुछ ही सेकंड में पता चल जाएगा कि पौधे को रस्ट लगा है, ब्लाइट है या कीट का हमला है। यही नहीं, इलाज भी तुरंत बताता है कौन सी जैविक दवा, कब छिड़कें और कितना उपयोग करें। ऐप मौसम के हिसाब से चेतावनी भी देता है, ताकि किसान पहले से तैयारी कर सकें। बाजार भाव की लाइव अपडेट, मंडियों के ताज़ा रेट और 24 घंटे उपलब्ध AI चैटबॉट इसे और भी उपयोगी बनाते हैं।
फोटो देखते ही बीमारी पहचानने वाला भारत का पहला AI टूल
इस ऐप का सबसे मजबूत फीचर इसकी फोटो-डायग्नोसिस क्षमता है। किसान फसल की पत्ती या तने की फोटो ऐप में देंगे और AI तुरंत बताएगा कि समस्या क्या है। यदि फोटो में पीले गोल धब्बे हैं तो यह सोयाबीन रस्ट हो सकता है। अगर पत्तियाँ सिकुड़ रही हों तो थ्रिप्स का प्रकोप। ऐप न केवल समस्या बताएगा बल्कि तुरंत उपचार सुझाएगा, जिससे समय रहते दवा डालकर नुकसान से बचा जा सकता है।
मौसम चेतावनी भी बेहद काम की है। ऐप किसानों को तुरंत संदेश देगा यदि अगले 3 दिन बारिश है, फफूंद बढ़ने का खतरा है, तो कौन सा स्प्रे अभी करना चाहिए। इससे किसान फसल के सबसे महत्वपूर्ण चरण में सही निर्णय ले सकेंगे।
चैटबॉट किसानों से हिंदी और स्थानीय भाषाओं में बात कर सकता है। किसान पूछ सकते हैं “यूरिया कब डालें?”, “सूखे में कौन सी दवा डालें?”, “अंकुरण नहीं हो रहा, क्या करें?”। कुछ सेकंड में जवाब मिल जाएगा।
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कैसे डाउनलोड करें
डाउनलोड करना बेहद सरल है। Google Play Store में “सोयाबीन ज्ञान” टाइप करें और NRCS, इंदौर वाला ऐप इंस्टॉल करें। इंस्टॉल होते ही किसान अपना नाम, मोबाइल नंबर और गाँव चुनकर रजिस्ट्रेशन पूरा कर सकते हैं। उसके बाद फसल डायग्नोसिस सेक्शन खोलें और फोटो अपलोड करें। लगभग 30 सेकंड में रिपोर्ट स्क्रीन पर आ जाएगी।
ऐप ऑफलाइन भी खुल जाएगा, लेकिन अपडेट और डायग्नोसिस के लिए इंटरनेट का होना जरूरी है। बाजार भाव सेक्शन में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, कानपुर या नजदीकी मंडी के रेट आसानी से देखे जा सकते हैं।
किसानों के लिए बड़ा फायदा
इस ऐप की मदद से किसान रोग शुरुआत में ही पकड़ सकेंगे, जिससे 20 से 30 प्रतिशत तक पैदावार बचाई जा सकेगी। गलत दवा का खर्च बचेगा और केवल वही स्प्रे करना पड़ेगा जो वास्तव में जरूरी है। मौसम अलर्ट बुरे हालात से पहले ही चेतावनी देता है, जिससे बड़े नुकसान से बचाव होता है। बाजार भाव देखकर किसान सही समय पर बिक्री कर पाएँगे, जिससे दाम 10 से 15 प्रतिशत तक बेहतर मिलेंगे।
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में सोयाबीन उगाने वाले किसानों के लिए यह ऐप एक गेम-चेंजर बनने जा रहा है। भारत अभी तेल आयात पर 60 प्रतिशत निर्भर है और अगर सोयाबीन उत्पादन इसी तरह वैज्ञानिक तरीके से बढ़ेगा तो यह निर्भरता भी घटेगी।
किसान भाइयों, अभी डाउनलोड करें
सोयाबीन ज्ञान ऐप खेती को आसान और वैज्ञानिक बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह तेज़, भरोसेमंद और बिल्कुल मुफ्त है। अगर आप सोयाबीन उगाते हैं, तो यह ऐप आपके खेत की सुरक्षा कवच है। आज ही इंस्टॉल करें, फसल की फोटो अपलोड करें और तुरंत रिपोर्ट पाएँ।
मार्च–अप्रैल में जब कटाई का समय आएगा, तब आपको महसूस होगा कि इस ऐप ने आपकी पैदावार और कमाई दोनों बचा लीं।
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