नीतीश सरकार का बड़ा फैसला! बिहार में मसाला खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों को होगा तगड़ा मुनाफा

Bihar News: जिले के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब वे परंपरागत खेती के साथ-साथ मसाला फसलों की खेती कर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं। एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत जिले को इस साल 45 हेक्टेयर ज़मीन पर बीज मसाला फसलों की खेती का लक्ष्य मिला है। सहायक निदेशक उद्यान डॉ. अभय कुमार गौरव ने बताया कि धनिया, मेथी, मंगरैला, और अजवाइन की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस खेती से न सिर्फ़ किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि ये फसलें अपने औषधीय और पौष्टिक गुणों की वजह से बाज़ार में भी खूब बिकेंगी।

योजना का फायदा और लक्ष्य

यह योजना हर तरह के किसानों के लिए है, चाहे वे अपनी ज़मीन पर खेती करें या किराए की ज़मीन पर। डॉ. गौरव ने बताया कि धनिया की खेती 15 हेक्टेयर, मेथी 10 हेक्टेयर, मंगरैला 10 हेक्टेयर, और अजवाइन 10 हेक्टेयर ज़मीन पर होगी। इस योजना मसालों का मकसद है कि किसान कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा कमाएँ। इन मसाला फसलों की खेती से किसानों को हर हेक्टेयर पर 50,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। यह अनुदान 40 फीसदी, यानी 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से दो किश्तों में दिया जाएगा। पहली किश्त में 12,000 रुपये बीज खरीदने के लिए और दूसरी किश्त में 8,000 रुपये खेतों की जाँच के बाद मिलेंगे।

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अनुदान की आसान प्रक्रिया

किसानों को इस योजना का फायदा लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह अनुदान अधिकतम दो हेक्टेयर ज़मीन के लिए मिलेगा, जिसका मतलब है कि एक किसान को 40,000 रुपये तक की मदद मिल सकती है। अनुदान का पैसा भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर 60:40 के अनुपात में देगी। आवेदन के लिए किसानों को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खेत की खतौनी, और अपनी तस्वीर जैसे कागज़ तैयार रखने होंगे। अगर ज़मीन किराए की है, तो रजिस्टर्ड लीज डीड की ज़रूरत होगी।

किसानों को इस योजना का पूरा फायदा उठाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले समय पर ऑनलाइन आवेदन करें, ताकि अनुदान की पहली किश्त जल्दी मिले। अच्छी क्वालिटी के बीज खरीदें और खेती शुरू करने से पहले मिट्टी की जाँच करवाएँ। धनिया और मेथी जैसी फसलों को कम पानी चाहिए, इसलिए ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल करें। मंगरैला और अजवाइन की खेती में जैविक खाद का उपयोग करें, ताकि फसल स्वस्थ रहे। नज़दीकी उद्यान विभाग से संपर्क कर मसाला खेती की नई तकनीकों की जानकारी लें। यह योजना जिले के किसानों के लिए अपनी मेहनत को और फलदायक बनाने का सुनहरा मौका है।

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  • Shashikant

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