धान की नर्सरी में करें बस ये एक स्प्रे, रोग होंगे खत्म और पैदावार होगी दोगुनी

Paddy Nursery Tips: धान की खेती देश के हर कोने में किसानों की मेहनत और उम्मीद का प्रतीक है। गर्मी के मौसम में जब बारिश की बूंदें खेतों को भिगोती हैं, तब किसान धान की नर्सरी तैयार करने में जुट जाते हैं। बीजों को अंकुरित करके पानी से भरे खेतों में छिड़का जाता है, और लगभग एक महीने में ये पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नर्सरी तैयार करने से पहले कुछ आसान और वैज्ञानिक कदम आपकी फसल को रोगों से बचा सकते हैं? आइए, जानते हैं कि किसान कैसे अपनी धान की फसल को मजबूत और रोगमुक्त बना सकते हैं।

बीजों का उपचार

धान की नर्सरी तैयार करने से पहले बीजों का सही तरीके से उपचार करना बहुत जरूरी है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह बताते हैं कि बीजों को रसायनों से उपचार करने से कवक और सड़न जैसे रोगों का खतरा खत्म हो जाता है। अगर आप एक किलोग्राम धान के बीज ले रहे हैं, तो उसे 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम रसायन से उपचारित करें। यह रसायन बीजों को रोगों से बचाता है और नर्सरी में पौधों को स्वस्थ रखता है। इससे पौधे मजबूत बनते हैं और रोपाई के बाद फसल की पैदावार भी बेहतर होती है।

ये भी पढ़ें- धान की नर्सरी में करें ये 5 जादुई उपाय, फसल होगी लाजवाब और मुनाफा होगा दोगुना

सही रसायन चुनें

डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह के अनुसार, अच्छी गुणवत्ता वाला कार्बेन्डाजिम रसायन सबसे बेहतर काम करता है। अगर यह न मिले, तो कार्बेन्डाजिम और मैंकोजेब के मिश्रण का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मिश्रण बाजार में आसानी से मिल जाता है और कीमत में भी किफायती है। बीजों को रसायन से उपचार करने के बाद उन्हें कम से कम दो घंटे तक रखें, ताकि रसायन अच्छे से बीजों में मिल जाए। इसके बाद आप इन्हें पानी से भरे नर्सरी खेत में छिड़क सकते हैं। यह छोटा सा कदम आपकी फसल को शुरूआती रोगों से बचाने में बहुत कारगर है।

खेत को बनाएं रोगमुक्त

नर्सरी तैयार करने के साथ-साथ जिस खेत में धान की रोपाई करनी है, उसकी मिट्टी की जांच करना भी जरूरी है। कई बार मिट्टी में ऐसे जीवाणु मौजूद होते हैं, जो पौधों को बीमार कर सकते हैं। मिट्टी की जांच से आपको पता चल जाता है कि खेत में कौन से रोगक तत्व कम हैं और कौन से रोगों का खतरा है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र या कृषि विज्ञान केंद्र पर जाकर मिट्टी की जांच कराएं। अगर समय रहते मिट्टी का उपचार कर लिया जाए, तो फसल को रोगों से बचाया जा सकता है। यह कदम आपकी फसल की पैदावार को बढ़ाने और नुकसान से बचाने में बहुत मदद करता है।

कम खर्च में बेहतर फसल

धान की नर्सरी तैयार करने का यह वैज्ञानिक तरीका सस्ता और आसान है। बीजों का उपचार और मिट स्टी की जांच जैसे छोटे-छोटे कदम आपकी मेहनत और पैसे को बर्बाद होने से बचाते हैं। यह तरीका हर उस किसान के लिए फायदेमंद है जो धान की खेती करता है। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और सही सलाह लें। कार्बेन्डाजिम जैसे रसायनों का सही इस्तेमाल और मिट्टी की देखभाल से आपकी फसल न सिर्फ रोगमुक्त रहेगी, बल्कि पैदावार भी कई गुना बढ़ सकती है।

ये भी पढ़ें- धान किसानों के लिए ICAR वैज्ञानिकों ने जारी की खास सलाह, बताया रिकॉर्ड तोड़ उपज के लिए सही किस्में और तरीका

Author

  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

    View all posts

Leave a Comment