करिए स्ट्रक्चर पर करेले की खेती, होगा ज्यादा उत्पादन, मोटी कमाई का आसान तरीका

Structure par Karela ki kheti : किसान साथियों, करेला एक ऐसी सब्जी है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है और खेती से अच्छी कमाई देता है। स्ट्रक्चर पर करेले की खेती का मतलब है बेल को जमीन पर फैलाने की बजाय ढाँचे पर चढ़ाना। इससे जगह बचती है और फल साफ-सुथरे मिलते हैं। अप्रैल-मई का महीना आने वाला है, और ये गर्मी में बुआई का सही वक्त है। अपने इलाके में इसे खेतों में या घर के पास भी उगा सकते हैं। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि स्ट्रक्चर पर करेले की खेती कैसे करें और मुनाफा कैसे कमाएँ।

स्ट्रक्चर पर करेले की खासियत

करेले की बेल तेजी से बढ़ती है और स्ट्रक्चर पर चढ़ाने से फल नीचे लटकते हैं, जिससे कटाई आसान हो जाती है। अपने इलाके में ये इसलिए खास है, क्यूँकि ये कम जगह में ज्यादा पैदावार देता है। गर्मी में 60-70 दिन में फल तैयार हो जाते हैं। हमारे यहाँ करेला 20-40 रुपये किलो बिकता है, और एक बीघे से 200-300 किलो निकल सकता है। ये शुगर और पेट की तकलीफ में फायदा देता है, इसलिए माँग हमेशा रहती है। स्ट्रक्चर का ढंग फसल को कीटों से भी बचाता है और खेत को हरा-भरा रखता है।

खेत और स्ट्रक्चर तैयार करने का तरीका

अपने खेतों में मार्च के आखिर में तैयारी शुरू करें। मिट्टी को हल से जोतकर ढीला करें और प्रति बीघा 5-7 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। अपने आसपास दोमट मिट्टी बढ़िया रहती है। स्ट्रक्चर के लिए बाँस, लकड़ी या तार का ढाँचा बनाएँ—6-7 फीट ऊँचा और 3-4 फीट चौड़ा। हर ढाँचे के नीचे 1×1 फीट का गड्ढा खोदें और 2-3 मीटर की दूरी रखें। हर गड्ढे में 1-2 किलो वर्मीकम्पोस्ट डालें। हमारे यहाँ ये तैयारी 1,000-1,500 रुपये में हो जाती है और करेले को बढ़ने का मजबूत सहारा देती है। पानी की निकासी का ध्यान रखें, ताकि जड़ें स्वस्थ रहें।

बुआई और देखभाल का देसी जुगाड़

करेले के बीज बाजार से लें-Pusa Do Mausami या लोकल किस्म 20-30 रुपये में 50 ग्राम मिलेगी। एक बीघे के लिए 1-2 किलो बीज काफी हैं। अप्रैल-मई में बीज को 24 घंटे पानी में भिगोएँ, फिर गड्ढों में 2-3 सेमी गहरा बोएँ। अपने इलाके में 7-10 दिन में अंकुर निकल आएँगे। हर 4-5 दिन में हल्का पानी दें, गर्मी बढ़े तो सुबह-शाम करें। बेल को स्ट्रक्चर पर चढ़ाएँ और धागे से बाँध दें। नीम का पानी (1 किलो पत्तियाँ 10 लीटर पानी में) हफ्ते में एक बार छिड़कें, ये कीटों से बचाता है। खरपतवार हटाएँ और फूल आने पर हल्की छँटाई करें। हमारे यहाँ 60-70 दिन में करेला तैयार हो जाता है।

पैदावार और मुनाफे का सीधा हिसाब

एक बीघे में 100-150 स्ट्रक्चर बन सकते हैं। हर स्ट्रक्चर से 2-3 किलो करेला मिलता है, यानी 200-300 किलो पैदावार। अपने आसपास 20-40 रुपये किलो से 4,000-12,000 रुपये की कमाई होगी। बीज, स्ट्रक्चर और खाद का खर्च 2,000-3,000 रुपये पड़ता है। मंडी, होटल या ऑनलाइन बेचें, तो मुनाफा और बढ़ेगा। हमारे यहाँ गर्मी में करेले की माँग बढ़ती है, तो दाम भी अच्छे मिलते हैं। साल में 2 बार बो सकते हैं, जिससे कमाई दोगुनी हो सकती है। ये ढंग मेहनत को मुनाफे में बदल देता है।

स्ट्रक्चर पर करेले से खेत को चमकाएँ

अपने इलाके में स्ट्रक्चर पर करेले की खेती इसलिए खास है, क्यूँकि ये कम जगह में बढ़िया फसल देता है और कटाई आसान करता है। मार्च में तैयारी करें और अप्रैल-मई में बोएँ, तो जून-जुलाई में हरे-भरे करेले तैयार होंगे। गाँव के लोग कहते हैं कि ताज़ा करेला सब्जी को लाजवाब बनाता है। तो भाइयों, स्ट्रक्चर पर करेले की खेती शुरू करें, खेत को चमकाएँ और मेहनत का फल ढेर सारा पाएँ। ये देसी नुस्खा आपकी खेती को हरा सोना बना देगा!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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