Subsidy On Happy Seeder : गेहूं की कटाई के बाद खेत में बची पराली का क्या करें? कई बार किसान भाई जल्दी अगली फसल बोने के चक्कर में पराली जला देते हैं, लेकिन इससे मिट्टी की ताकत कम होती है और हवा भी खराब होती है। पर अब चिंता की कोई बात नहीं। मध्य प्रदेश की सरकार किसानों को हैप्पी सीडर मशीन पर एक लाख रुपये से ज़्यादा की छूट दे रही है। यह मशीन न सिर्फ पराली को सही तरीके से संभालती है, बल्कि अगली फसल की बुवाई भी आसान बनाती है। आइए, जानते हैं कि यह मशीन कैसे काम करती है और आप इसे सस्ते में कैसे ले सकते हैं।
पराली का स्मार्ट समाधान
हैप्पी सीडर एक खास मशीन है, जो खेत में बची पराली को काटकर फैलाती है और उसी खेत में गेहूं या दूसरी फसल बो देती है। इससे न तो पराली जलाने की ज़रूरत पड़ती है, न ही खेत को बार-बार जोतना पड़ता है। पराली मिट्टी को ढक लेती है, जिससे पानी कम उड़ता है और खेत में नमी बनी रहती है। यह मिट्टी को ताकत भी देती है, क्योंकि पराली धीरे-धीरे सड़कर खाद का काम करती है। इससे खरपतवार कम उगते हैं, और फसल को ज़्यादा पोषण मिलता है। किसान भाइयों, यह मशीन आपके खेत को हरा-भरा रखने का आसान और सस्ता तरीका है।
कम खर्च में ज़्यादा कमाई
हैप्पी सीडर से बुवाई करने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपका खर्चा बचता है। खेत जोतने की मेहनत और मज़दूरी नहीं लगती। पराली मिट्टी में मिलकर उसे और उपजाऊ बनाती है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री जी ने बताया कि यह मशीन मिट्टी की सेहत सुधारती है और आपकी जेब भी भरती है। पराली जलाने से मिट्टी की ताकत कम होती है और हवा खराब होती है, लेकिन हैप्पी सीडर इस नुकसान को रोकता है। खासकर गर्मियों में मूंग जैसी फसलों की बुवाई में यह मशीन बहुत काम आती है।
सरकार की मोटी छूट- Subsidy On Happy Seeder
मध्य प्रदेश में किसानों के लिए बड़ी खबर है। हैप्पी सीडर, जिसकी कीमत 2 लाख 60 हज़ार से 2 लाख 85 हज़ार रुपये तक है, अब सरकार की छूट के बाद आधी कीमत में मिल सकती है। सरकार 1 लाख 5 हज़ार रुपये की सब्सिडी दे रही है। यानी आपको डेढ़ लाख रुपये के आसपास ही खर्च करना होगा। अच्छी बात यह है कि सरकार ने इसे “मांग के अनुसार” रखा है। न लॉटरी, न इंतज़ार। जितने किसान आवेदन करेंगे, उतनों को मशीन मिलेगी। बस आपको सही समय पर फॉर्म भरना है, और यह मशीन आपके खेत में होगी।
आवेदन का आसान तरीका
हैप्पी सीडर लेने के लिए आपको मध्य प्रदेश के ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर जाना होगा। वहाँ ऑनलाइन फॉर्म भरें। इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक पासबुक की कॉपी, खसरा/खतौनी, और ट्रैक्टर की RC चाहिए, क्योंकि यह मशीन ट्रैक्टर से चलती है। साथ ही, 4500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट अपने ज़िले के सहायक कृषि यंत्री के नाम बनवाएँ। यह धरोहर राशि है, जो आवेदन के साथ जमा करनी है। ध्यान रखें, ड्राफ्ट सही राशि का हो, वरना फॉर्म रद्द हो सकता है। अगर इंटरनेट में दिक्कत हो, तो अपने ज़िले के कृषि दफ्तर में जाकर पूछ लें। वहाँ लोग आपकी मदद करेंगे।
देसी सुझाव, आसान खेती
किसान भाइयों, हैप्पी सीडर लेने से पहले अपने खेत की ज़रूरत देख लें। अगर आपके पास ट्रैक्टर है, तो यह मशीन आपके लिए वरदान है। इसे इस्तेमाल करने से पहले आसपास के उन किसानों से बात करें, जो इसे पहले से चला रहे हैं। अगर खेत में पराली ज़्यादा सख्त हो, तो उसे हल्का काट लें, ताकि मशीन आसानी से काम करे। मशीन को साफ और सुरक्षित रखें, ताकि यह सालों तक आपके साथ रहे। इस मशीन से आपकी खेती आसान होगी, और खेत की मिट्टी भी तंदुरुस्त रहेगी।
योजना की पूरी जानकारी
अगर आप हैप्पी सीडर की सब्सिडी लेना चाहते हैं, तो कुछ ज़रूरी लिंक आपके काम आएंगे। योजना की पूरी जानकारी के लिए मध्य प्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://farmer.mpdage.org/Home/Index पर जाएँ। आवेदन करने के लिए https://farmer.mpdage.org/Registration/AadharVerification लिंक पर फॉर्म भरें। अपने ज़िले के सहायक कृषि यंत्री का नाम और ड्राफ्ट की जानकारी के लिए https://www.mpdage.org/Advertisement/e-krishi-DD_090921062243.pdf देखें। ये लिंक आपको सही दिशा दिखाएंगे, ताकि आप बिना किसी परेशानी के मशीन ले सकें।
खेत बचाएँ, कमाई बढ़ाएँ
हैप्पी सीडर सिर्फ एक मशीन नहीं, आपके खेत का भविष्य है। यह पराली जलाने की गलती को रोकता है और मिट्टी को पोषण देता है। सरकार की इस छूट का फायदा उठाएँ और अपने खेत को नया जीवन दें। जब आपकी फसल लहलहाएगी और जेब में ज़्यादा पैसे होंगे, तो मेहनत का असली मज़ा आएगा। तो देर न करें, आज ही आवेदन करें और हैप्पी सीडर से अपनी खेती को आसान और मुनाफेदार बनाएँ।
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