गन्ने की खेती में तना छेदक कीट का आतंक! जानें इसे खत्म करने के कारगर तरीके

Sugarcane Cultivation Care Tips: गन्ने की खेती में किसानों की मेहनत तब बेकार लगती है, जब तना छेदक कीट (स्टेम बोरर) का प्रकोप बढ़ जाता है। ये कीट फसल को भारी नुकसान पहुँचाता है, जिससे उपज कम हो जाती है। कृषि विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ कारगर उपाय सुझाए हैं।

सहायक संचालक डॉ. बीरेंद्र अनंत बताते हैं कि तना छेदक कीट चार चरणों में फसल को प्रभावित करता है। इसमें लार्वा (इल्ली) अवस्था सबसे खतरनाक होती है, जो जमीन के नीचे से तने को खा जाती है। इससे पौधा कमजोर होकर सूखने लगता है। कीटनाशकों और सही प्रबंधन से इस कीट को काबू किया जा सकता है। आइए, गन्ने को इस नुकसान से बचाने के आसान तरीकों को समझते हैं।

तना छेदक कीट का खतरा

तना छेदक कीट गन्ने के लिए बड़ा दुश्मन है। ये कीट तने में छेद कर अंदर घुस जाता है और उसे खोखला कर देता है। खासकर लार्वा अवस्था में ये जमीन के पास तने को काटता है, जिससे पौधा टूट जाता है या सूख जाता है। नई रोपी गई फसल और पेड़ी (रैटून) दोनों को ये नुकसान पहुँचाता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो पूरी फसल खतरे में पड़ सकती है। लेकिन सही जानकारी और उपायों से इसे रोका जा सकता है। कृषि विभाग ने कीटनाशकों के साथ-साथ कुछ प्राकृतिक तरीके भी बताए हैं, जो मेहनत को बर्बाद होने से बचाते हैं।

संक्रमित पौधों को हटाएँ

तना छेदक से बचाव का पहला कदम है खेत की सफाई। अगर फसल में कोई पौधा संक्रमित दिखे, तो उसे जमीन की सतह से काटकर तुरंत नष्ट कर दें। इससे कीट का फैलाव रुकता है। नई फसल और पेड़ी में ये तरीका खासतौर से असरदार है। कटे हुए पौधों को जलाकर या खेत से दूर फेंक दें, ताकि कीट दूसरों तक न पहुँचे। ये आसान सा उपाय बिना खर्च के कीट को काबू करने में मदद करता है। फसल की नियमित निगरानी करें, ताकि शुरुआत में ही नुकसान को रोका जा सके।

कीटनाशकों का सही इस्तेमाल

कृषि विभाग ने तना छेदक कीट को नियंत्रित करने के लिए कई कीटनाशकों की सलाह दी है। इनका सही तरीके से इस्तेमाल करें:

  1. कार्बोफ्यूरान 3% CG: 13 किलो प्रति एकड़ की दर से खेत में बुरकाव करें और फिर सिंचाई करें। ये कीट को जड़ से खत्म करता है।
  2. कात्यायनी चक्रवर्ती (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC): 80-100 मिली प्रति एकड़ पानी में मिलाकर छिड़काव करें। ये कीट को तुरंत काबू करता है।
  3. कात्यायनी इमा 5 (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG): 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। ये लार्वा को मारने में असरदार है।
  4. कात्यायनी अटैक CS (लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 4.9% CS): 100-120 मिली प्रति एकड़ पानी में मिलाकर छिड़कें। ये कीट के हर चरण को रोकता है।

इन कीटनाशकों को इस्तेमाल करने से पहले खेत की स्थिति और कीट के प्रकोप को देख लें। सही मात्रा और समय पर छिड़काव से फसल को नुकसान नहीं होगा।

फसल को सुरक्षित रखने के फायदे

इन उपायों से तना छेदक कीट को रोका जा सकता है और गन्ने की उपज में कमी नहीं आएगी। साफ-सफाई और कीटनाशकों का सही इस्तेमाल फसल को मजबूत बनाता है। ये तरीके आसान और किफायती हैं, जो मेहनत का पूरा दाम दिलाने में मदद करते हैं। फसल की निगरानी और समय पर कदम उठाकर अच्छी पैदावार पाई जा सकती है। गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए ये उपाय कीटों से बचाव का पक्का इंतजाम हैं। कृषि विभाग की सलाह मानें और अपनी फसल को सुरक्षित रखें।

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  • Shashikant

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