इस तकनीक से करें गन्ने की खेती, फसल भी होगी जबरदस्त और मुनाफा भी तगड़ा

Sugarcane Farming Tips: किसान भाइयों, अभी खेत में गेहूं लहलहा रहा है, लेकिन ईख का पिक सीजन भी चल रहा है। कृषि एक्सपर्ट अभिषेक आनंद एक शानदार सलाह दे रहे हैं। वो कहते हैं कि अभी घर के आसपास की खाली जमीन पर ईख की नर्सरी तैयार कर लें। जब गेहूं कट जाए, तो नर्सरी के पौधे खेत में लगा दें। इससे एक ही खेत से दो फसलें मिलेंगी—गेहूं का मुनाफा अलग और ईख की कमाई अलग। ये डबल फायदा आपके लिए बड़ा मौका है।

ईख की नर्सरी STP विधि से तैयार करें

ईख की नर्सरी तैयार करना कोई बड़ी बात नहीं है। इसके लिए STP विधि अपनाएँ, जो कम बीज में ज्यादा फायदा देती है। एक एकड़ की नर्सरी के लिए 1 मीटर चौड़ी और 40 मीटर लंबी क्यारी बनाएँ। 8-10 महीने पुराना ताज़ा और स्वस्थ गन्ना लें। तेज चाकू से एक-एक आँख के टुकड़े काटें। इन टुकड़ों को क्यारी पर सटा-सटाकर बिछाएँ, आँख ऊपर की तरफ रखें। ऊपर से हल्की मिट्टी डालें और फव्वारे से पानी छिड़क दें। फिर क्यारी को प्लास्टिक से ढक दें। 30-35 दिन में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाएँगे।

बीज का इलाज और सावधानियां

नर्सरी के लिए बीज तैयार करते वक्त थोड़ी अक्ल लगाएँ। गन्ने के टुकड़ों को कार्बेंडाजिम और इमिडाक्लोप्रिड के घोल में 15 मिनट डुबोएँ। ये रोगों से बचाएगा। रोग-रोधी प्रजाति का बीज चुनें, जो 8-10 महीने पुराना हो। आँख ऊपर की ओर रखें, वरना पौधा ठीक से नहीं उगेगा। नर्सरी के पास पेड़ या छाया न हो, वरना धूप कम पड़ेगी। हमारे गाँव में एक ठीक-ठाक बीज के लिए कहावत है, “जैसा बीज बोओगे, वैसा फल पाओगे।” महँगे बीज की जगह प्रमाणिक संस्थानों से सस्ता और अच्छा बीज लें।

रोपाई में कम लागत, ज्यादा फायदा

दूसरे तरीकों में एक एकड़ के लिए 25-30 क्विंटल गन्ना बीज लगता है, लेकिन STP विधि में सिर्फ 4-5 क्विंटल काफी है। इससे कल्ले ज्यादा निकलते हैं और पौधे मरते कम हैं। उत्पादन भी बढ़िया होता है। रोपाई से पहले पौधों की एक तिहाई पत्तियाँ काट दें। नर्सरी में एक दिन पहले पानी डालें, ताकि पौधे आसानी से उखड़ें। खेत में लगाने के बाद फटाफट सिंचाई कर दें। खास बात ये है कि इस विधि से सहफसल भी ले सकते हैं। मूंगफली या उड़द साथ में बो दें, तो जेब और भर जाएगी।

देसी तरीके से करें तैयारी

नर्सरी के लिए जमीन को अच्छे से जोत लें और समतल करें। गोबर की खाद डालें, इससे मिट्टी की ताकत बढ़ेगी। पानी की व्यवस्था पक्की रखें, पर खेत को डुबोएँ नहीं। प्लास्टिक ढकने के बाद रोज चेक करें कि नमी बनी रहे। गाँव में एक पुराना नुस्खा है—गन्ने के टुकड़ों को बोने से पहले नीम के पानी में भिगो दें, कीड़े पास नहीं आएँगे। गेहूं कटने के बाद पौधों की देखभाल करें।

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  • Shashikant

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