Supriya variety of brinjal cultivation : अगर आप अपने खेत को मुनाफे की मशीन बनाना चाहते हैं, तो बैंगन की खेती आपके लिए बेस्ट है। खासकर सुप्रिया (राउंड-14) किस्म, जो न सिर्फ देखने में शानदार है, बल्कि पैदावार और स्वाद में भी लाजवाब है। ये बैंगन गोल, चमकीले बैंगनी रंग के होते हैं, और इनकी सब्जी इतनी स्वादिष्ट बनती है कि हर कोई तारीफ करता है। इसकी खेती आसान है, लागत कम है, और मुनाफा बंपर। तो आइए, इस खास किस्म की खूबियाँ और खेती का सही तरीका जानते हैं, ताकि आप भी अच्छी कमाई कर सकें।
सुप्रिया (राउंड-14) की खासियत- Supriya variety of brinjal cultivation
सुप्रिया (राउंड-14) बैंगन की ऐसी किस्म है, जो किसानों के लिए वरदान है। इसके फल गोल और चमकदार बैंगनी रंग के होते हैं, जो बाजार में देखते ही बिक जाते हैं। इसका गुदा बीजों से भरा होता है, जो इसे और खास बनाता है। एक फल का औसत वजन 250 से 300 ग्राम तक होता है। ये किस्म प्रति हेक्टेयर 63 से 65 टन तक पैदावार देती है, यानी एक एकड़ में भी बंपर फसल मिलती है। सबसे अच्छी बात? रोपाई के सिर्फ 65 दिन बाद ये फसल तैयार हो जाती है। मतलब, कम वक्त में ज्यादा मुनाफा। बाजार में इसकी माँग हमेशा रहती है, और दाम भी अच्छे मिलते हैं।
बीज की कीमत और कहाँ से लें
अगर आप सुप्रिया (राउंड-14) की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो बीज की चिंता न करें। राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर 50 ग्राम बीज का पैकेट सिर्फ 60 रुपये में मिल रहा है। इतने कम खर्च में आप बड़ी फसल उगा सकते हैं। एक एकड़ के लिए 300 से 400 ग्राम बीज काफी हैं। ये बीज आसानी से ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं, या अपने नजदीकी कृषि केंद्र से ले सकते हैं। बस सही बीज चुनें, और खेती की सही शुरुआत करें। ये छोटा सा निवेश आपकी जेब को मुनाफे से भर देगा।
बैंगन की ‘सुप्रिया (Round-14)’ किस्म के हाइब्रिड बीज से उगाए उत्तम क्वालिटी के बैंगन|
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बैंगन की खेती का सही तरीका
बैंगन की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी बेस्ट है। इस मिट्टी में पैदावार ज्यादा होती है। साथ ही, खेत में पानी की निकासी का अच्छा इंतजाम होना चाहिए, वरना जरा सी लापरवाही फसल को खराब कर सकती है। खेत तैयार करने के लिए पहले 4-5 बार अच्छी जुताई करें। फिर पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें, ताकि नमी बनी रहे।
बीज बोने से पहले मिट्टी में गोबर की खाद या जैविक खाद मिलाएँ। प्रति एकड़ 300-400 ग्राम बीज 1 सेंटीमीटर गहराई में बोएँ, और ऊपर से मिट्टी डाल दें। दो पौधों और दो क्यारियों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें, ताकि पौधे अच्छे से बढ़ें। बुवाई के 50-60 दिन में फसल तैयार हो जाती है, और सुप्रिया तो 65 दिन में ही लहलहाने लगती है।
मुनाफ़ा
सुप्रिया (राउंड-14) की खेती में लागत कम और फायदा ज्यादा है। इसकी पैदावार इतनी शानदार है कि एक एकड़ से भी हजारों किलो बैंगन मिल सकता है। बाजार में 250-300 ग्राम के चमकीले बैंगन अच्छा दाम लाते हैं। ये किस्म न सिर्फ ज्यादा फल देती है, बल्कि इसकी सब्जी का स्वाद भी लोगों को खूब भाता है। खेती शुरू करने से पहले अपने नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें। मिट्टी की जाँच करवाएँ, और सही समय पर बुवाई करें। थोड़ी सी मेहनत और सही तरीके से खेती करें, तो ये बैंगन आपके खेत को सोने की खान बना देगा।
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