मध्य प्रदेश के सूरज की रोशनी सिर्फ खेतों को उजाला नहीं देती, बल्कि अब किसानों की जिंदगी भी चमकाने जा रही है। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना के ज़रिए मध्य प्रदेश सरकार किसानों को सस्ती बिजली देने के साथ-साथ उन्हें बिजली उत्पादक बनाने का सुनहरा मौका दे रही है। इस योजना से गाँव का किसान अपने खेतों में सौर पैनल लगाकर 25 साल तक बिजली बेचकर कमाई करेगा। 10 जून 2025 को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में इस योजना पर बड़ा समिट होने वाला है, जहाँ किसानों को इसका रास्ता दिखाया जाएगा।
सूरज की ताकत से खेती को नया जीवन
गाँवों में खेती का काम बिजली पर टिका है, लेकिन बिजली की कटौती और ऊँचे बिल ने किसानों की नींद उड़ा रखी थी। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना इस मुश्किल को जड़ से खत्म करने का वादा करती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला की अगुवाई में शुरू हुई इस योजना से मध्य प्रदेश के 35 लाख कृषि पंप सौर ऊर्जा से चलेंगे। ये योजना PM कुसुम योजना का हिस्सा है, जो 8000 कृषि फीडरों पर सौर संयंत्र लगाकर खेतों को नया जीवन देगी।
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किसान से बिजली उत्पादक तक का सफर
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत ये है कि गाँव का किसान अब सिर्फ अनाज नहीं, बिजली भी उगाएगा। 1900 से ज्यादा बिजली सब-स्टेशनों पर 14500 मेगावाट की सौर परियोजनाएँ लगेंगी। किसान अपनी बंजर या खेती की जमीन पर सौर पैनल लगा सकते हैं, और सरकार 25 साल के लिए बिजली खरीदेगी। भोपाल के पास सिहोर के किसान गोपाल ने अपनी बंजर जमीन पर सौर पैनल लगाकर न सिर्फ खेतों को सस्ती बिजली दी, बल्कि हर महीने 3.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से कमाई भी शुरू की। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम (MPUVNL) ने 1200 मेगावाट सौर परियोजनाओं के लिए निविदाएँ जारी की हैं, जिनमें 30% केंद्रीय अनुदान और 7 साल तक 3% ब्याज छूट का प्रावधान है।
सस्ती बिजली कम खर्च
ये योजना गाँवों के खेतों को सस्ती बिजली देने का वादा करती है। अभी कई गाँवों में कम वोल्टेज, पावर कट, और ट्रांसफार्मर की ओवरलोडिंग की दिक्कत रहती है। सूर्य मित्र योजना 11 किलोवोल्ट फीडर पर सीधे सौर बिजली देगी, जिससे पारेषण हानि कम होगी और खेतों में पंप दिन में आसानी से चल सकेंगे। म.प्र. पावर मैनेजमेंट कंपनी को सस्ती दर पर बिजली मिलेगी, जिससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी घटेगा। इंदौर के पास धार के किसान श्यामलाल ने बताया कि सौर पैनल लगने के बाद उनके खेत में बिजली की दिक्कत खत्म हुई, और अब वो दिन में ही अपनी गेहूँ और चने की फसल की सिंचाई कर पाते हैं।
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गाँव की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान
सूर्य मित्र योजना सिर्फ बिजली देने तक सीमित नहीं है। ये गाँवों की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान देगी। वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय किसान और छोटे उद्यमी सौर संयंत्र लगाकर रोजगार और निवेश का मौका पाएँगे। उदाहरण के लिए, 1 मेगावाट सौर संयंत्र से सालाना 15 लाख यूनिट बिजली बन सकती है, जिससे 48-50 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। कृषि अवसंरचना कोष (AIF) से 3% ब्याज छूट मिलने से निवेश की लागत भी कम होगी। साथ ही, सौर पैनल की देखभाल और सफाई से गाँव के युवाओं को रोजगार मिलेगा। ये योजना मध्य प्रदेश को सौर ऊर्जा का हब बनाएगी और किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी।
योजना का फायदा कैसे लें
इस योजना से जुड़ना गाँव के किसानों के लिए आसान है। अपनी खसरा-खतौनी, आधार कार्ड, और बैंक खाता लेकर नजदीकी MPUVNL कार्यालय या कृषि विभाग जाएँ। PM कुसुम योजना पोर्टल (https://pmkusum.mnre.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन करें। अगर आपके पास सौर संयंत्र लगाने का पैसा नहीं है, तो डेवलपर्स या डिस्कॉम के साथ साझेदारी कर सकते हैं। 3.45 लाख सौर पंप और 2.45 लाख अतिरिक्त पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का लक्ष्य है। अपने गाँव के किसान उत्पादक संगठन (FPO) या सहकारी समिति से बात करें, ताकि सामूहिक रूप से सौर संयंत्र लगाया जा सके। 10 जून 2025 के भोपाल समिट में हिस्सा लें, जहाँ विशेषज्ञ पूरी जानकारी देंगे।
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