Sweet Corn Farming: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जैसे जिलों में मक्के की खेती तो आम है, लेकिन स्वीट कॉर्न जैसी विशेष किस्म ने किसानों की कमाई को नई ऊंचाई दे दी है। बाजार में रेस्टोरेंट और ढाबों पर स्वीट कॉर्न से बनी डिशेज की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। चाहे सलाद हो या ग्रिल्ड कॉर्न, लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं। सामान्य मक्के की बजाय स्वीट कॉर्न उगाने से किसान कम समय और कम खर्च में कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं। कृषि एक्सपर्ट डॉ राकेश पांडेय का कहना है कि यह फसल न सिर्फ आसान है, बल्कि साल भर उगाई जा सकती है, जो छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
हर मिट्टी में अच्छी पैदावार
स्वीट कॉर्न की खेती शुरू करना बहुत सरल है। यह फसल लगभग हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है, चाहे बलुई हो या दोमट। मुख्य बात यह है कि मिट्टी में अच्छी जल निकासी हो और पीएच मान 6 से 7 के बीच हो। खेत तैयार करने के लिए दो-तीन बार जुताई करें और प्रति हेक्टेयर 10-15 टन गोबर की खाद मिलाएं। इससे मिट्टी उपजाऊ बनेगी और पौधे मजबूत होंगे। बुवाई का सही समय फरवरी-मार्च या जुलाई-अगस्त है, लेकिन ग्रीनहाउस या पॉलीहाउस में तो साल भर संभव है। प्रति हेक्टेयर 20-25 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है, और बुवाई लाइनों में 60-75 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
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कम समय में तैयार फसल
स्वीट कॉर्न की सबसे बड़ी खूबी है कि यह सिर्फ 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जबकि सामान्य मक्का को 90-120 दिन लगते हैं। बुवाई के बाद पहली सिंचाई तुरंत करें, फिर 7-10 दिन के अंतर पर पानी दें। खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए पहली गुड़ाई 20 दिन बाद करें। इस फसल को ज्यादा उर्वरक की जरूरत नहीं पड़ती – नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित इस्तेमाल करें। रोगों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक अपनाएं। कटाई तब करें जब दाने नरम और मीठे हों, यानी दूधिया अवस्था में। इससे गुणवत्ता बनी रहेगी और बाजार मूल्य ऊंचा मिलेगा।
बाजार में ऊंची कीमत और मुनाफा
बाजार में स्वीट कॉर्न की डिमांड इतनी है कि यह सामान्य मक्के से 5 गुना ज्यादा दाम पाता है प्रति किलो 200-250 रुपये तक। एक हेक्टेयर से 100-150 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है, जो कुल लागत (लगभग 50-60 हजार रुपये) को आसानी से कवर कर देती है। मुनाफा 3-5 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। बड़े शहरों के रेस्टोरेंट, सुपरमार्केट और एक्सपोर्ट मार्केट में इसकी खपत बढ़ रही है। किसान सीधे खरीदारों से संपर्क करके मध्यस्थों को बचाएं, ताकि ज्यादा लाभ हो।
स्वीट कॉर्न की खेती अपनाने से पहले स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र से प्रमाणित बीज लें, जैसे ‘मधुरी’ या ‘शक्ति-1’ वैरायटी। सरकारी सब्सिडी पर ग्रीनहाउस या ड्रिप इरिगेशन का फायदा उठाएं। बाजार के रुझान पर नजर रखें और फसल तैयार होने पर तुरंत बेचें। सही तकनीक से अपनाकर किसान न सिर्फ अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि खेती को आधुनिक रूप भी दे सकते हैं।
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