बहराइच में मिला ऐसा अमरूद का बाग जिसे देखकर वैज्ञानिक भी दंग—3300 पौधों से लाखों की कमाई का राज़ क्या है?

Taiwan Pink Guava Farming: किसान भाइयों, बहराइच जिले का जरवल कस्बा आजकल ताइवान पिंक अमरूद की खुशबू से महक रहा है। यहाँ श्री गुलाम मोहम्मद ने एक हेक्टेयर में ऐसा बाग तैयार किया है कि देखते ही बनता है। आज कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आनंद श्रीवास्तव और उद्यान विशेषज्ञ श्री एस.पी. सिंह ने इस बाग का दौरा किया और किसान की मेहनत को खूब सराहा।

वैज्ञानिक तरीके से लगा हाई डेंसिटी बाग

श्री गुलाम मोहम्मद ने 2022 में हाई डेंसिटी पद्धति से ताइवान पिंक (लाल गूदा) अमरूद का बाग लगाया था। 2 × 1.5 मीटर की दूरी पर करीब 3300 पौधे लगाए गए हैं। अभी तीसरे साल में ही हर पौधे से 18-22 किलो फल निकल रहा है। एक फल का वजन 250 से 450 ग्राम तक है, गूदा गुलाबी, बीज बहुत कम और स्वाद इतना मीठा कि मुंह में घुल जाता है। ड्रिप सिंचाई, प्लास्टिक मल्चिंग और नियमित कटाई-छँटाई की वजह से पूरा बाग हरा-भरा और स्वस्थ है।

इस समय बाजार में यह अमरूद 80 से 120 रुपये किलो तक बिक रहा है। पिछले साल ही 6 लाख से ज्यादा की कमाई हुई थी और इस साल 10-12 लाख रुपये तक होने की पूरी उम्मीद है।

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विशेषज्ञों ने दी न्यूट्रॉक्स-सी की सलाह

डॉ. आनंद श्रीवास्तव और श्री एस.पी. सिंह ने बाग का बारीकी से मुआयना किया। फल का रंग, चमक और आकार देखकर उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में ताइवान पिंक का यह सबसे बेहतरीन उदाहरण है। कुछ पौधों में गूदे में हल्की कड़वाहट और कैल्शियम की कमी के लक्षण दिखे। इसके लिए उन्होंने तुरंत न्यूट्रॉक्स-सी (कैल्शियम + बोरॉन युक्त) के प्रयोग की सलाह दी। 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर 15 दिन के अंतर पर तीन बार छिड़काव करने से फल का आकार और बढ़ेगा, गूदा पूरी तरह गुलाबी और मीठा बनेगा, साथ ही क्रेकिंग और सड़न की समस्या भी खत्म हो जाएगी।

डॉ. श्रीवास्तव ने मुस्कुराते हुए कहा, “गुलाम भाई ने जो मेहनत की है, वह पूरे जिले के लिए मिसाल है। बस थोड़ा सा वैज्ञानिक टच और यह बाग पूरे प्रदेश में नंबर-1 हो जाएगा।”

दूसरे किसानों के लिए संदेश

श्री एस.पी. सिंह ने मौके पर मौजूद अन्य किसानों से कहा कि अमरूद की खेती में अब पुरानी पद्धति छोड़ दें। हाई डेंसिटी प्लांटिंग, ड्रिप और संतुलित पोषण से तीसरे साल से ही लाखों की कमाई शुरू हो जाती है। बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर का पूरा इलाका ताइवान पिंक के लिए सबसे उपयुक्त है। गुलाम भाई ने सभी किसान भाइयों से अपील की कि जो भी ताइवान पिंक या थाई व्हाइट लगाना चाहे, एक बार उनके बाग में जरूर आएँ। वे मुफ्त में पूरी जानकारी देते हैं और अच्छी क्वालिटी के पौधे भी उपलब्ध कराते हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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