Muskmelon Farming Tips: किसान भाइयों, गर्मी में तरबूज की फसल मंडी में सोना बरसाती है। इसका रसीला और मीठा स्वाद अप्रैल-मई में हर खरीदार को लुभाता है, और दाम चमकते हैं। मगर इस मौसम की तेज़ लू और 45 डिग्री से ऊपर का तापमान बेलों को मुरझा सकता है, फल झुलसा सकता है, और पैदावार को बर्बाद कर सकता है। सही समय पर देसी और आसान उपाय अपनाकर आप अपनी फसल को लू की मार से बचा सकते हैं। तरबूज की खेती से लाखों कमाने के लिए इन नुस्खों को आज़माएँ, ताकि आपके खेत लहलहाएँ और मुनाफा बरकरार रहे।
लू का कहर, फसल पर चोट
गर्मी में जब लू चलती है, तो तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार कर जाता है। ज़मीन की नमी सूख जाती है, और तरबूज की बेलें प्यास से मुरझाने लगती हैं। फल पकने से पहले ही झुलस जाते हैं, और कई बार सड़कर बर्बाद हो जाते हैं। अगर बेलों और फलों की सही देखभाल न हो, तो पैदावार 30-50 प्रतिशत तक घट सकती है। लू की मार से फसल को बचाने के लिए सस्ते और असरदार देसी उपाय कमाल कर सकते हैं।
पुआल या मल्चिंग का इस्तेमाल करें
लू से फसल बचाने का पहला कदम है खेत में नमी बनाए रखना। सुबह और देर शाम हल्की सिंचाई करें, ताकि बेलों को पानी मिले और ज़मीन ठंडी रहे। दोपहर में पानी देने से बचें, क्योंकि गर्मी में यह पौधों को झटका दे सकता है। बेलों के आसपास पुआल बिछाएँ या मल्चिंग शीट डालें। यह ज़मीन की नमी को लॉक करता है और तापमान को स्थिर रखता है। तेज़ धूप से बचाने के लिए छायादार जाल या खपरैल की देसी छतरी लगाएँ। खासकर दोपहर में यह तरीका बेलों को लू की मार से बचाता है। ये आसान कदम आपकी फसल को गर्मी में हरा-भरा रखेंगे।
जैविक टॉनिक का छिड़काव करें
लू में बेलों को मज़बूत करने के लिए देसी टॉनिक कमाल करते हैं। गोमूत्र, छाछ, या नीम से बना घोल बनाएँ और बेलों पर छिड़कें। यह पौधों की रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है और लू के असर को कम करता है। तरबूज के फलों को गर्म ज़मीन से बचाने के लिए उन्हें पुआल या लकड़ी के टुकड़ों पर रखें। इससे फल न तो झुलसते हैं और न ही सड़ते हैं। ये देसी नुस्खे सस्ते हैं और फसल को मंडी तक चमकदार पहुँचाते हैं।
गड्ढा विधि में रोपण करें
तरबूज की खेती में गड्ढा विधि लू से बचाने का रामबाण उपाय है। गड्ढों में रोपण करने से ज़मीन में नमी ज़्यादा समय तक टिकती है, और बेलें गर्मी में भी सूखती नहीं। बुवाई से पहले 2×2 मीटर की दूरी पर गड्ढे खोदें और 5-7 टन सड़ी गोबर खाद डालें। डीएपी और पोटाश की हल्की मात्रा मिट्टी को ताकत देती है। हरियाणा के एक किसान ने गड्ढा विधि से खेती की और लू में भी 40 टन तरबूज प्रति हेक्टेयर बेचा। ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करें, ताकि पानी और बिजली बचे। यह तरीका आपकी फसल को गर्मी की मार से बचाकर मुनाफा बढ़ाएगा।
मुनाफे की राह
तरबूज की खेती गर्मी में मुनाफे का खजाना है, बशर्ते लू से फसल को बचा लिया जाए। पुआल, छायादार जाल, गोमूत्र, और गड्ढा विधि जैसे देसी उपाय कम लागत में फसल को लहलहाते रखते हैं। एक हेक्टेयर से 40-50 टन तरबूज मिल सकता है, जो मंडी में 15-25 रुपये प्रति किलो बिकता है। सुबह तुड़ाई करें और फलों को ठंडे पानी में डुबोकर मंडी ले जाएँ, ताकि मिठास और चमक बरकरार रहे। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लें और लू से बचाव के ये नुस्खे आज़माएँ। जब आपका तरबूज मंडी में चमकेगा, तो मेहनत का असली मज़ा आएगा।
ये भी पढ़ें- इस गर्मी उगाएं खरबूज की अर्का सिरी किस्म, जबरदस्त मुनाफा और यहाँ से सस्ते दाम में लें बीज