कीजिए इस मसाले वाले पत्ते की खेती, पूरी दुनिया में रहती है तगड़ी डिमांड, एक बार लगाईये 5 लाख कमाइए

तेजपत्ता वो पत्ता है, जो खाने को स्वाद और खुशबू से भर देता है। दाल हो, सब्जी हो या कोई खास पकवान, इसके बिना कुछ अधूरा सा लगता है। लेकिन ये सिर्फ रसोई तक नहीं रुकता, इसके पेड़ लगाकर खेत को हरा और जेब को भरा रखा जा सकता है। गाँव के लिए ये एक खास मौका है। बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है, और ये पेड़ सालों तक फायदा देता है। तो चलिए, जानते हैं कि इसे अपने खेत में कैसे उगाया जाए।

जमीन और मौसम का साथ

तेजपत्ता का पेड़ हर तरह की मिट्टी में आसानी से बढ़ जाता है। दोमट हो या बलुई, बस पानी रुकने न पाए, इतना ध्यान रखें। बारिश का मौसम इसके लिए सबसे अच्छा है, पानी की बूंदें पौधों को ताकत देती हैं। सर्दी में भी इसे लगाया जा सकता है, और गर्मी में अगर पानी का इंतजाम हो तो कोई परेशानी नहीं। गाँव की मिट्टी और हवा इसके लिए बिल्कुल सही हैं। खेत को तैयार करें, और इसकी शुरुआत हो जाए।

पौधा कहाँ से लें और कैसे लगाएं

तेजपत्ता का पौधा ढूंढना बिल्कुल आसान है। गाँव के पास कोई नर्सरी हो तो वहाँ चले जाएं, वहाँ से अच्छे पौधे मिल जाएंगे। अगर नर्सरी दूर है, तो पके फल से बीज निकालकर भी इसे उगा सकते हैं। आजकल तो ऑनलाइन भी मंगाने का रास्ता है, इंडिया मार्ट जैसी जगहों से पौधे घर तक पहुँच जाते हैं, बस भरोसेमंद जगह से लें। खेत में पहले जोताई करें। फिर 12-15 फीट की दूरी पर गड्ढे खोदें। हर गड्ढा दो फीट गहरा और चौड़ा रखें। इसमें गोबर की खाद डालकर मिट्टी मिलाएं। पौधा लगाएं, ऊपर मिट्टी डालें, और हल्का पानी डाल दें। बस, खेत में नया मेहमान तैयार है।

देखभाल  

तेजपत्ता का पेड़ ज्यादा परेशान नहीं करता। शुरू में हफ्ते में दो बार पानी डालें, ताकि जड़ें मजबूत हो जाएं। बाद में ये बारिश और कम पानी में भी चल जाता है। खेत में घास उग आए तो उसे साफ करते रहें, ताकि पेड़ को पूरा खाना मिले। साल में एक बार गोबर की खाद डालें, ये पेड़ को ताकत देता है। कीड़ों से बचाने के लिए नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़क दें। ये आसान तरीका हर बार काम करता है।

पत्तियाँ और कमाई का रास्ता

3-4 साल बाद तेजपत्ता का पेड़ पत्तियाँ देने लगता है। एक पेड़ से हर साल 20-30 किलो सूखी पत्तियाँ मिल सकती हैं। बाजार में ये 100-150 रुपये किलो तक बिकती हैं। गाँव से मंडी दूर हो तो पास के दुकानदार को बेच दें, मसाला वाले और होटल वाले इसे फट से ले लेते हैं। एक बार पेड़ बड़ा हो जाए, तो सालों तक कमाई का रास्ता खुला रहता है। खेत में ये पेड़ लगाना जैसे सुनहरा मौका पकड़ना है।

सावधानियाँ, छोटी बातें, बड़ी मदद

खेती में थोड़ा ध्यान रखना पड़ता है। पानी ज्यादा न डालें, वरना जड़ें खराब हो सकती हैं। गर्मी में पत्तियाँ सूखने लगें तो हल्की छाया दें। तेज हवा से छोटे पौधे हिल सकते हैं, तो शुरू में सहारा दे दें। पत्तियाँ तोड़ते वक्त पूरा डंठल न हटाएं, ताकि पेड़ हरा रहे। ये छोटी बातें खेत को हँसता-खेलता रखेंगी।

सोचिए, खेत में तेजपत्ता के पेड़ हरे-भरे खड़े हों, हवा में हल्की खुशबू फैले, और हर साल जेब में अच्छा पैसा आए। ये पेड़ कम पानी में बढ़ता है, गाँव की मिट्टी में आसानी से जम जाता है, और बाजार में इसका दाम भी बढ़िया है। थोड़ी मेहनत से ये कमाई का ऐसा रास्ता खोलता है, जो सालों तक चलता रहे। अपने खेत में इसे लगाएं, और देखें कैसे ये खुशबू के साथ फायदा लाता है। 

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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